राज्यपाल के खिलाफ ममता सरकार पहुंची सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में एक बार फिर ममता बनर्जी और गवर्नर सीवी आनंद बोस के बीच ठन गई है। ममता सरकार के आठ विधेयकों को गवर्नर बोस द्वारा खारिज करने से यह नया विवाद उपजा है।
उसके बाद कोर्ट तय करेगा कि पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से दायर याचिका पर कब सुनवाई की जाए। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने 8 विधेयकों को लंबित रखा है, जिसके खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिका में कहा गया है को सुप्रीम कोर्ट राज्यपाल को निर्देश दे कि वो लंबित 8 विधेयकों पर फैसला ले।बता दें कि अप्रैल 2023 में, सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर ध्यान दिया था कि राज्यपाल राज्य विधासनभाओं द्वारा पारित विधेयकों पर अपनी सहमति देने में देरी कर रहे थे और उनसे आग्रह किया था कि वे संविधान के अनुच्छेद 200 के तहत जनादेश को ध्यान में रखे, जो विधेयकों को जल्द से जल्द मंजूरी देने का कर्तव्य उन पर डालता है। तेलंगाना राज्य ने राज्य विधानमंडल द्वारा पारित 10 प्रमुख विधेयकों पर अपनी सहमति देने के लिए तत्कालीन राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन को निर्देश देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। बता दें कि पंजाब, तमिलनाडु और केरल द्वारा भी इसी तरह की याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दायर की गई थीं। 10 नवंबर, 2023 को, कोर्ट ने तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि द्वारा राज्य विधानमंडल द्वारा पारित12 विधेयकों को सहमति देने से इनकार करने पर आपत्ति जताई थी। पंजाब सरकार की याचिका पर फैसला करते हुए, 23 नवंबर, 2023 को कोर्ट ने कहा कि राज्यपाल केवल राज्य का एक प्रतीकात्मक प्रमुख है, और विधानसभाओं की कानून बनाने को शक्तियों को विफल नहीं कर सकता है। रिपोर्ट अशोक झा

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