ट्रेनी डॉक्टर हत्याकांड में सीबीआई जांच का आदेश : हाई कोर्ट

भाजपा नेता सुभेंदू अधिकारी ने कहा दोषियों को ढूंढ निकाले सीबीआई


– स्वास्थमंत्री और मुख्यमंत्री के इस्तीफा को लेकर करेंगे आंदोलन
अशोक झा, कोलकाता: कोलकाता के एक अस्पताल में महिला प्रशिक्षु चिकित्सक से दुष्कर्म और हत्या के दोषी को शीघ्र सजा देने की मांग को लेकर मंगलवार को चौथे दिन भी विरोध प्रदर्शन जारी रहने से पश्चिम बंगाल में सरकारी अस्पतालों में सेवाएं प्रभावित हुईं। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में जूनियर डॉक्टर की बर्बर हत्या के मामले में हाईकोर्ट ने मंगलवार को सख्त रुख अख्तियार किया। सीबीआई जांच की मांग, डॉक्टरों की सुरक्षा समेत अन्य मांगों को लेकर दायर 3 याचिकाओं पर कलकत्ता हाईकोर्ट में सुनवाई हो रही है। ट्रेनी डॉक्टर के माता-पिता ने अदालत की निगरानी में मामले की जांच के अनुरोध के साथ उच्च न्यायालय का रुख किया था. उच्च न्यायालय में कुछ जनहित याचिकाएं भी दाखिल की गई, जिनमें मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कराने का अनुरोध किया गया था।
कोर्ट को जांच में लगी कुछ कमी: याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवज्ञानम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने पाया कि जांच में कुछ कमी है. खंडपीठ ने पूछा कि क्या मेडिकल कॉलेज के तत्कालीन प्रधानाचार्य संदीप घोष का बयान दर्ज किया गया था, जिस पर राज्य सरकार की तरफ से पेश वकील ने ‘ना’ में जवाब दिया।
अस्पताल के प्रधानाचार्य की बहाली पर उठाए सवाल: यह सवाल करते हुए कि आरजी कर अस्पताल के प्रधानाचार्य पद से इस्तीफा देने वाले घोष को कुछ ही घंटों के भीतर कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के प्रधानाचार्य के रूप में कैसे बहाल कर दिया गया, पीठ ने घोष के वकील से त्यागपत्र और उसके बाद का नियुक्ति पत्र पेश करने को कहा। शुक्रवार को मिला था महिला डॉक्टर का शव: आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के सेमीनार हॉल में गत शुक्रवार को एक महिला चिकित्सक का शव अर्ध नग्न अवस्था में मिला था। महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या की गई। इस मामले में अस्पताल अक्सर आने-जाने वाले एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया। प्रदर्शनकारी डॉक्टर ने जताई खुशी: वहीं, मामले की जांच सीबीआई को सौंपे जाने पर प्रदर्शनकारी डॉक्टर ने कहा, ‘हम बहुत खुश और राहत महसूस कर रहे हैं कि मामला सीबीआई को सौंप दिया गया है. अब आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
एनएचआरसी ने राज्य सरकार और पुलिस को भेजा नोटिस: इसी बीच राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने पश्चिम बंगाल सरकार और राज्य के पुलिस प्रमुख को नोटिस जारी किया है. आयोग ने मंगलवार को कहा कि उसने अधिकारियों से दो सप्ताह में रिपोर्ट तलब की है। एनएचआरसी ने कहा कि उसने मीडिया में आई उस खबर पर स्वत: संज्ञान लिया है जिसके मुताबिक कोलकाता के सरकारी आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सभागार में जूनियर महिला डॉक्टर मृत पाई गई थी। आयोग ने कहा, ‘खबर के अनुसार, मृतका के शरीर पर खरोंच के निशान थे, जो यह संकेत देते हैं कि घटना के समय संघर्ष हुआ था. खबर के अनुसार, परिवार ने आरोप लगाया है कि पीड़िता के साथ बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई। बंगाल में सिविक वॉलंटियर्स की भूमिका और शक्ति को लेकर हाल के वर्षों में कई सवाल उठे हैं। हावड़ा के आमता में हुए अनीस खान हत्याकांड से लेकर आरजी कर मेडिकल कॉलेज की घटना तक, सिविक वॉलंटियर्स का नाम विवादों में घिरा है।
लकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में महिला डॉक्टर के साथ हुई हैवानियत का सच सामने आ गया है। यहां चेस्ट विभाग में पीजी के दूसरे साल की छात्रा का शव सेमिनार हॉल में मिला था।शव को देखते हुए दुष्कर्म के बाद हत्या की आशंका जताई गई थी और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हुई है। रिपोर्ट में सामने आया है कि गला घोंटकर महिला की हत्या की गई। इस दौरान लगातार उसका मुंह और गला दबाए रखा ताकि उसकी आवाज न निकले। इसी वजह से महिला के गले की हड्डी भी टूट गई। चार पन्ने की रिपोर्ट में बताया गया है कि महिला के साथ अप्राकृतिक यौन संबंध जबरन बनाए गए। इसी वजह से उसके प्राइवेट पार्ट्स से खून निकल रहा था। महिला डॉक्टर की हत्या और दुष्कर्म 9 अगस्त को तड़के 3 बजे से 5 बजे के बीच हुआ था।नाक-मुंह बंद करके दीवार में सटा दिया सिर: आरोपी ने महिला का मुंह और नाक बंद करके उसका सिर दीवार से सटा दिया ताकि वह चीख चिल्ला न सके। महिला के चेहरे पर खरोंच के निशान हैं, जो आरोपी के नाखूनों से बने हैं। इससे साफ होता है कि महिला ने खुद को बचाने और लड़ने की पूरी कोशिश की थी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि महिला की दोनों आखों, मुंह और प्राइवेट पार्ट से खून निकल रहा था। हालांकि, आंखों से खून निकलने की वजह पोस्टमार्टम में नहीं पता चल पाई है। आरोपी ने स्वीकार किया है कि वह बॉक्सर रह चुका है और जब उसने महिला के चेहरे पर मुक्का मारा तो चश्मे का कांच उसकी आंखों में चला गया। इसी वजह से आंख से खून निकला था।
अस्पताल में ही काम करता था आरोपी: आरोपी अस्पताल में ही काम करता था। उसके पास सभी विभागों में आने-जाने की अनुमति थी। सीसीटीवी फुटेज में वह सुबह 4 बजे सेमिनार हॉल में जाता दिखा था। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार करके पूछताछ की। महिला के शव के पास ब्लूटूथ इयरफोन भी मिले थे, जो आरोपी के फोन से कनेक्ट हो गए। ऐसे में पुलिस का शक यकीन में बदल गया। आरोपी ने भी दुष्कर्म और हत्या की बात स्वीकार की है। आरोपी संजय को अश्लील फिल्में देखने और शराब की लत थी। उसने चार शादियां की थीं। इस घटना से लोगों में भारी आक्रोश है और देशभर के डॉक्टर आंदोलन कर रहे हैं।

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