सरस्वती वरिष्ठ विद्या मंदिर सभागार में हिन्दू सम्मेलन को महासचिव चंपत राय ने किया संबोधित
विश्व में हिन्दू संस्कृति और पद्धति बचाने को हुई विहिप की स्थापना-चंपत राय
मुख्य अतिथि चंपत राय ने कहा कि विश्व हिंदू परिषद की स्थापना 60 वर्ष पहले मुंबई के सांदीपनि आश्रम में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन पूज्य साधुसंत और समाज के कुछ प्रमुख लोगों ने किया था। विहिप स्थापकों में चिन्मयानद महाराज सांदीपनीआश्रम, लद्दाख से बौद्ध भिक्षु,अकाली दल के मास्टर तारा सिंह, नामधारी समाज के संत, जैन धर्म से मुनि सुशील कुमार, मुंबई से ब्रम्हचारी संत, गोरखपुर से हनुमान प्रसाद पोद्दार, लखनऊ से डॉक्टर संपूर्णानंद और पूज्यसाधु संत थे। विश्व हिंदू परिषद की स्थापना करने का विचार और उसकी जरूरत क्यों पड़ी, यह एक बड़ा सवाल है। एक समय भारत से अलग हुए बहुत सारे देश जिसमें हिंदुओं का आना-जाना और वहां पर निवास होने लगा। उन्हें लगा कि हमारी पूजा पद्धति, हमारे धर्म को कैसे आगे बढ़ाया जाएगा। एक बड़ी समस्या उत्पन्न हुई। इस समस्या के निदान के लिए एक डेलिगेशन भारत आया। यहां की वर्तमान सरकार से अपनी समस्या का समाधान करवाना चाह रहा था। परंतु ऐसा हो नहीं सका। उस समय के एक तत्कालीन मेंबर ऑफ पार्लियामेंट ने उसे डेलिगेशन से कहा कि आप राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पास जाइए। उसके बाद आरएसएस ने उस समय के बहुत सारे कुलपति, विचारक, पत्रकार सहित 400 से ज्यादा लोगों से संपर्क किया।सबके विचार जानने के बाद विचार उत्पन्न हुआ की क्यों ना एक ऐसे संगठन की स्थापना की जाए जो राजनीतिक नहीं होगा। भविष्य में कभी भी किसी राजनीतिक संगठन से कोई भी सहयोग बिना लिए हिंदू समाज का कार्य हिंदू समाज के लिए करेगा। कार्यक्रम में संत आशीर्वचन कबीर मठ के संत राम लखन दास ने दिया।
इस मौके पर आरएसएस के विभाग कार्यवाह आशीष, विभाग प्रचारक डॉक्टर अवधेश, विभाग संघ चालक नरेंद्र भाटिया, कार्यक्रम के अध्यक्ष सरदार प्रभु प्रीत सिंह, प्रांत उपाध्यक्ष सत्य प्रकाश सिंह, प्रांत मंत्री नागेंद्र कुंवर उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन श्रद्धेय पाल ने किया। जिला अध्यक्ष भाजपा विवेकानंद मिशन, दयाराम चौधरी, रवि सोनकर, ब्लॉक प्रमुख यशकांत सिंह, धर्मराज, सुशील सिंह, पवन कसौधन, रामजी, अभय पाल, भावेष पांडेय, गोविंद सिंह, अरविंद सिंह, प्रियंका सिंह, अनिल गौतम, प्रमोद पांडेय, गोपेश पाल, अगम सिंह, विनय सिंह आदि उपस्थित रहे।