कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में हुए रेप-मर्डर मामले पर सुप्रीम सुनवाई आज

कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में हुए रेप-मर्डर मामले पर सुप्रीम सुनवाई आज
– बंगाल ही नहीं दुनिया की नजर कोर्ट की कारवाई पर
अशोक झा, सिलीगुड़ी: सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में हुए रेप-मर्डर मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई शुरू करेगी। पश्चिम बंगाल सरकार को यह बताना होगा कि उसने प्रदर्शनकारी डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए क्या सुविधाएं दी हैं, मृत्यु चालान क्यों गायब है और सीआईएसएफ कर्मियों को क्या सुविधाएं दी गई हैं मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच करेगी. सीबीआई के वकीलों के मुताबिक, प्रमुख जांच एजेंसी अब तक की गई जांच के बारे में जानकारी देगी और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और एक पुलिस इंस्पेक्टर की गिरफ्तारी के बारे में भी जानकारी देगी।
सीबीआई सुप्रीम कोर्ट को जांच की देगी जानकारी: सीबीआई ने आरोप लगाया है कि ये दोनों अपराध स्थल के साथ छेड़छाड़ करने, सबूतों से छेड़छाड़ करने, आधिकारिक नियमों का उल्लंघन करने, आपराधिक साजिश रचने और जांचकर्ताओं को गुमराह करने में शामिल थे. संदीप घोष पहले से ही सीबीआई की हिरासत में हैं, लेकिन उनकी भूमिका को लेकर सवाल अब भी उठ रहे हैं।मृत्यु चालान को लेकर बंगाल सरकार से होगा सवाल
पश्चिम बंगाल सरकार को यह स्पष्ट करने की भी जरूरत होगी कि शव सौंपने से पहले डॉक्टर का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर को मृत्यु चालान दिया गया था या नहीं. सीजेआई ने पुछा था, “शव को पोस्टमार्टम के लिए सौंपे जाने के समय उसका चालान कहां है? यह अहम है क्योंकि इसमें पुलिस द्वारा जब्त किए गए कपड़े और अन्य चीजों की लिस्ट होगी।प्रदर्शनकारी डॉक्टरों, और सीआईएसएफ के सुरक्षा का सवाल।सुनवाई में ये भी देखा जाएगा कि प्रदर्शनकारी डॉक्टरों की चिंताओं के मामले में क्या कदम उठाए गए हैं. पिछली सुनवाई में, सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने, सीसीटीवी कैमरे लगाने, और अन्य सुधार करने के निर्देश दिए थे. इनके अलावा, सीआईएसएफ कर्मियों को दी जाने वाली सुविधाओं पर भी बारीकी से नजर रखी जाएगी, और राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट को इस बारे में जानकारी देगी। कोलकाता केस में सीजेआई की कोर्ट में पहले तुषार मेहता और कप‍िल स‍िब्‍बल के बीच जोरदार बहस देखने को म‍िलती थी पर मंगलवार को इस केस में कई और वकीलों की एंट्री हुई है। अब जानें इस केस में कौन क‍िसकी तरफ से पेश होगा।इस याचिका पर मंगलवार को सुनवाई इसलिए अहम है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट पश्चिम बंगाल में आंदोलन कर डॉक्‍टरों को बंगाल सरकार के एक्‍शन से बचने के ल‍िए 10 सितंबर को शाम पांच बजे तक काम पर लौटने का समय द‍िया था। लेक‍िन कोर्ट के इस आदेश के बाद भी डॉक्‍टर हड़ताल से काम पर नहीं लौटे और उनका प्रदर्शन जारी रखा. आपको बता दें क‍ि बंगाल सरकार ने दावा किया है कि डॉक्‍टरों के हड़ताल पर जाने से 9 सितंबर तक 23 मरीजों की मौत हो चुकी है. इस मामले में अब कपिल सिब्बल-इंदिरा जयसिंह की जुगलबंदी देखने को मिलने वाली है।
जून‍ियर डॉक्‍टर का वकील अब कौन?: इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जूनियर डॉक्टरों ने वकील बदल ल‍िया है. अब जून‍ियर डॉक्‍टरों की तरफ से गीता लूथरा की जगह सुप्रीम कोर्ट की मशहूर वकील इंदिरा जयसिंह पेश होंगी। वहीं डॉक्टरों के एक अन्य संगठन ‘ज्वाइंट प्लेटफॉर्म ऑफ डॉक्टर्स वेस्ट बंगाल’ की ओर से करुणा नंदी और सब्यसाची चटर्जी दलीलें रखेंगे।
सीबीआई की तरफ से तुषार मेहता होंगे पेश : वहीं केंद्र सरकार और सीबीआई की ओर से वरिष्ठ वकील और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता दलील रखेंगे. संजय और हेग्रे हाईकोर्ट-प्रशासन की ओर से वरिष्ठ वकील हैं। इस बीच पीड़ित परिवार की ओर से वकील विकास रंजन भट्टाचार्य, वकील सुदीप्त दासगुप्ता, शमीम अहमद और सिद्धार्थ मंडल पेश होंगे।बंगाल सरकार की तरफ स‍िब्‍बल रखेंगे दलीलें: वहीं, कपिल सिब्बल, आस्था शर्मा, संजय बोस ममता बनर्जी की पश्‍च‍िम बंगाल सरकार की तरफ से अपनी दलीलें रखेंगे. इस बीच, बांसुरी स्‍वराज इस केस में शुभेंदु अधिकारी की तरफ से पेश होंगी, जिन्होंने हाईकोर्ट में जनहित याच‍िका दायर की थी. फि‍रोज एडुल्जी हाईकोर्ट में एक अन्य जनहित याचिकाकर्ता विजय सिंघल के वकील हैं. फिरदौस शमीम हाईकोर्ट में जनहित याचिकाकर्ता की वकील हैं।

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