आज देशव्यापी हड़ताल पर डॉक्टर

अशोक झा, सिलीगुड़ी: बंगाल की राजधानी कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और फिर हत्या मामले में डॉक्टरों का प्रदर्शन अब भी जारी है। वहीं ट्रेनी चिकित्सकों के विरोध प्रदर्शन का समर्थन करते हुए फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन ने आज देशव्यापी भूख हड़ताल की घोषणा भी की है।इस हड़लात से स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रभावित हो सकती है और अस्पताल में इलाज कराने आए मरीजों को परेशानियों का आज सामना करना पड़ सकता है। आज से भूख हड़ताल: बता दें कि, इस विरोध प्रदर्शन का समर्थन करते हुए, ‘फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन’ (FAIMA) ने बीते सोमवार को देशव्यापी भूख हड़ताल की घोषणा की है। चिकित्सकों के संघ ने आज एक बैठक की और घोषणा की कि भूख हड़ताल आज यानी बुधवार से शुरू होगी।नेशनल कांफ्रेंस ने सरकार बनते ही की पूर्ण राज्य की बात, उमर अब्दुल्ला ने दिया बड़ा बयान
50 डॉक्टरों का इस्तीफा: जानकारी दें कि इस मामला में न्याय एवं कार्यस्थल पर सुरक्षा की मांग कर रहे आंदोलनरत जुनियर डॉक्टरों का आमरण अनशन लगातार जारी है। वहीं बीते मंगलवार को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के कम से कम 50 चिकित्सकों ने अपना इस्तीफा दे दिया है। इन चिकित्सकों ने दुष्कर्म एवं हत्याकांड की शिकार प्रशिक्षु ट्रेनी डॉक्टर के लिए न्याय की मांग को लेकर बीते 5 अक्टूबर से आमरण अनशन पर बैठे चिकित्सकों के प्रति एकजुटता व्यक्त करते हुए यह कदम उठाया है। इस घटनाक्रम के तुरंत बाद, पश्चिम बंगाल के अन्य चिकित्सा महाविद्यालयों के वरिष्ठ डॉक्टरों के एक वर्ग ने कहा कि वे भी एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए इस्तीफा दे सकते हैं।वहीं इस मामले में ट्रेनी डॉक्टर के लिए न्याय की मांग को लेकर ‘आमरण अनशन’ पर बैठे अपने सहकर्मियों के प्रति एकजुटता दिखाते हुए आंदोलनरत जुनियर डॉक्टरों ने अपने वरिष्ठ सहयोगियों के साथ मिलकर बीते मंगलवार को दो रैलियां निकालीं। सरकारी एवं निजी दोनों ही मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों के वरिष्ठ डॉक्टरों अपने डॉक्टरों के समर्थन में रैलियों में शामिल हुए। एक रैली कोलकाता मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल से, जबकि दूसरी एसएसकेएम अस्पताल से हुई।कोलकाता रेप मर्डर केस में डॉक्टर्स करेंगे आज देशव्यापी हड़ताल, स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ेगा असर
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा:जानकारी दें कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल टास्क फोर्स से एक रिपोर्ट मांगी थी। जो डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर आधारित है। दरअसल कोर्ट ने सुरक्षा उपायों पर कार्रवाई योजना विकसित करने के लिए इस फोर्स का गठन किया था। इस टास्क फोर्स को यह सुनिश्चित करना था कि स्वास्थ्य संस्थानों में काम करने वाले डॉक्टरों, इंटर्न्स और अन्य स्टाफ के लिए एक सुरक्षित और सम्मानजनक वातावरण हो। ममता ‘सरकार’ से सवाल:तब सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल की ममता सरकार से अस्पतालों में सीसीटीवी कैमरे लगाने, शौचालयों के निर्माण और बायोमेट्रिक सिस्टम लगाने में हुई तथकथित देरी पर भी अनेकों सवाल उठाए थे। हालांकि सरकार की तरफ से कहा गया था कि बाढ़ के कारण कुछ देरी हुई है लेकिन आगामी 15 अक्टूबर तक यह काम पूरा हो जाएगा। क्या करेंगी ममता: इन सभी घटनाओं से ऐसा माना जा रहा है कि अपने राजनीतिक सफ़र में पहली बार ममता बनर्जी इतने दबाव में दिखीं हैं। इस मुद्दे की वजह से ममता बनर्जी विपक्षियों के साथ ही अपनों के भी सवालों के घेरे में हैं। हालांकि बीते 12 सितंबर को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहली बार इस्तीफे की पेशकश की थी। तब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी डॉक्टरों का विरोध जारी रहने पर ममता ने कहा था कि मैं लोगों के हित में यह कदम उठाने को तैयार हूं। फिलहाल यह मामला और भी बीगड़ गया है और ममता बनर्जी की कही ये बात कहीं सच ही न हो जाए।

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