ममता सरकार के खिलाफ जूनियर डाक्टरों ने द्रोह कार्निवल का किया आयोजन

सरकार और प्रशासन के रोक को उच्च न्यायालय ने किया था खारिज

अशोक झा, कोलकोता: मंगलवार देर शाम को, कोलकाता के एस्प्लेनेड क्षेत्र में रानी रश्मणी रोड से जूनियर डॉक्टरों ने एक विरोध रैली का आयोजन किया। यह प्रदर्शन कलकत्ता उच्च न्यायालय के पश्चिम बंगाल सरकार के ‘दुर्गा पूजा कार्निवल’ के पास निषेधाज्ञा हटाने के फैसले के बाद हुआ। रानी रासमणि रोड से अपना ‘द्रोह कार्निवल’ का आयोजन : आंदोलनकारी जूनियर चिकित्सकों ने मंगलवार को कोलकाता के एस्प्लेनेड इलाके में रानी रासमणि रोड से अपना ‘द्रोह कार्निवल’ शुरू किया। आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के विरोध में भूख हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने मंगलवार को रानी रासमणि रोड पर द्रोह कार्निवल शुरू किया। यह कार्यक्रम रेड रोड पर चल रहे दुर्गा पूजा कार्निवल के बीच किया गया।इस दौरान चिकित्सकों ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार हमारी मांगों को लेकर असंवेदनशील है।दरअसल जूनियर डॉक्टर की हत्या के विरोध में अन्य जूनियर डॉक्टर भूख हड़ताल कर रहे हैं। पिछले दिनों जूनियर डॉक्टरों ने दुर्गा पूजा कार्निवल के बीच द्रोह कार्निवल आयोजित करने का एलान किया था। इसे लेकर पश्चिम बंगाल सरकार ने निषेधाज्ञा लागू कर दी थी। इसके बाद जूनियर डॉक्टरों ने हाईकोर्ट का रुख किया। कलकत्ता उच्च न्यायालय की ओर से निषेधाज्ञा हटाए जाने के बाद जूनियर चिकित्सकों ने कार्निवल शुरू किया। पुलिस ने डॉक्टर को हिरासत में लिया। लोग शंख बजाकर न्याय की मांग कर रहे थे। हाई कोर्ट के निर्देश के बाद पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड हटा दिए गए थे। धर्मतल्ला इलाके में चल रहा जूनियर डॉक्टरों का आमरण अनशन मंगलवार को 11वें दिन भी जारी रहा। प्रतीकात्मक भूख हड़ताल का बैज: पुलिस ने दुर्गा पूजा कार्निवल में प्रतीकात्मक भूख हड़ताल का बैज पहने हुए ड्यूटी पर तैनात एक डॉक्टर को हिरासत में लिया। वह आपातकालीन चिकित्सकीय सेवा के लिए कोलकाता नगर निगम की मेडिकल टीम के हिस्से के रूप में काम कर रहे थे। सुवेंदु ने मशाल जुलूस का किया नेतृत्व: बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने आरजी कर घटना को लेकर जूनियर चिकित्सकों के आंदोलन के साथ एकजुटता दिखाते हुए राज्य सरकार द्वारा आयोजित वार्षिक दुर्गा पूजा कार्निवल का बहिष्कार करते हुए इसके विरोध स्वरूप नागरिक समाज द्वारा मंगलवार को कोलकाता में आयोजित मशाल जुलूस का नेतृत्व किया। शाम में जब कोलकाता के रेड रोड पर भव्य पूजा कार्निवल हो रहा था, ठीक उसी वक्त इसके विरोध स्वरूप नागरिक समाज द्वारा महानगर के कालेज स्क्वायर से एस्प्लेनेड तक यह मशाल रैली आयोजित की गई। चिकित्सकों की रैली में समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों ने हिस्सा लिया और जूनियर डॉक्टर की हत्या के मामले में इंसाफ की मांग की। चिकित्सका देबाशीष हलदर ने कहा कि आम लोगों की यह प्रतिक्रिया है पश्चिम बंगाल सरकार के असंवेदनशील रवैये के खिलाफ है। ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इस बात की कोई चिंता नहीं है कि युवा चिकित्सक आमरण अनशन पर हैं। चिकित्सक पांच अक्तूबर से भूख हड़ताल पर हैं। प्रदर्शनकारियों ने ‘हमें न्याय चाहिए, हम न्याय की मांग करते हैं’ जैसे नारे लगाए। दुर्गा पूजा कार्निवल में शामिल हुईं मुख्यमंत्री
डॉक्टरों के कार्निवल से कुछ ही दूर रेड रोड पर चल रहे दुर्गा पूजा कार्निवल में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शामिल हुईं। रेड रोड पर देवी मां की झांकियां निकाली गईं। बंगाल की सांस्कृतिक धरोहर से लेकर महिला सशक्तीकरण, स्वतंत्रता आंदोलन, सांप्रदायिक सद्भाव, समर्पण तक विभिन्न विषयों को पेश करते हुए झांकियों ने शहर में भ्रमण किया। इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। साथ ही कार्यक्रम में ड्रोन से निगरानी की गई। कोलकाता के आरजी कर रेप मर्डर केस में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई है. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्‍यक्षता वाली पीठ ने सीबीआई से पूछा क‍ि इस मामले में अब तक जांच कहां तक पहुंची.क्‍या मह‍िला डॉक्‍टर के कत्‍ल में कोई और भी शामिल था? सीबीआई की ओर से स्‍टेटस रिपोर्ट पेश करते हुए एसजी तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को एक-एक बात बताई।सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि अब तक हुई जांच से संबंधित एक नई स्टेटस रिपोर्ट दाख‍िल की गई है। रेप और मर्डर केस में लोअर कोर्ट में चार्जशीट पेश कर दी गई है। 4 नवंबर को अगली सुनवाई होनी है। मह‍िला डॉक्‍टर के साथ रेप और मर्डर में संजय रॉय के अलावा और भी कोई शामिल था या नहीं, इस पर अभी भी जांच की जा रही है।
बातचीत का रिकार्ड मिला: एससी ने सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ को बताया कि सीबीआई को मामले में कुछ अन्य आरोपियों के बीच बातचीत का रिकॉर्ड मिला है, जिसकी जांच की जा रही है। तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को यह भी बताया कि आरजी कर अस्पताल में घोटाले की जांच अलग से की जा रही है। जल्‍द ही उसके बारे में भी डिटेल रिपोर्ट पेश की जाएगी. इसके बाद पीठ ने निर्देश दिया कि सीबीआई तीन हफ्ते में एक और स्‍टेटस रिपोर्ट दाखिल करे, ज‍िसमें बताए क‍ि उसकी जांच कहां तक पहुंची है। एनटीए को आदेश: मह‍िला डॉक्‍टरों की सुरक्षा के ल‍िए बनी नेशनल टास्‍क फोर्स पर भी सुप्रीम कोर्ट ने जवाब मांगा. इस पर एएसजी ने बताया क‍ि 37 संगठनों के 1700 सुझाव एनटीएफ (नेशनल टास्क फोर्स) के पास पहुंच गए हैं। बड़ी संख्या में सुझाव आने के कारण टास्क फोर्स को कुछ समय लग रहा है। ऐसा आरोप है कि अदालत के आदेश के बावजूद एनटीए ने अब तक कोई महत्वपूर्ण कदम नहीं उठाया है। अदालत ने केंद्र सरकार से प्रोएक्टिव कदम उठाने को कहा है। साथ ही, एनटीए को अगली सुनवाई से पहले अपना काम पूरा करने को कहा है। अदालत ने स्पष्ट किया कि रानी रासमणि रोड और रेड रोड के बीच बैरिकेड्स लगाकर व्यवस्था की जाएगी ताकि कार्यक्रम सुरक्षित तरीके से आयोजित हो सके। पुलिस के फैसले पर सवाल, राज्य को फटकार: राज्य सरकार ने इस कार्निवल को किसी अन्य दिन करने का सुझाव दिया था और रानी रासमणि रोड के बजाय रामलीला मैदान पर आयोजन का प्रस्ताव रखा. हालांकि, याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ वकील विकास रंजन भट्टाचार्य ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि पुलिस यह तय नहीं कर सकती कि कौन-सा कार्यक्रम किस दिन होगा. उन्होंने अदालत में यह भी कहा कि डॉक्टर गुंडे नहीं हैं और उनका यह प्रदर्शन पूरी तरह से शांतिपूर्ण होगा। हाई कोर्ट ने यह भी पूछा कि क्या 163 धारा केवल इसी इलाके में लागू की गई है, या अन्य जगहों पर भी इसे लागू किया गया है. न्यायमूर्ति कपूर ने सुनवाई के दौरान राज्य सरकार से स्पष्टीकरण मांगा कि जब पंडालों और रेड रोड पर दुर्गा पूजा कार्निवल के लिए भीड़ जुट सकती है, तो डॉक्टरों का कार्निवल रोकने का औचित्य क्या है।
राज्य ने पेश किए पुराने फैसलों के उदाहरण: राज्य सरकार की ओर से वकील ने तर्क दिया कि 2018 में शाहीनबाग मामले में भीड़भाड़ को नियंत्रित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने बैन लागू किया था. इसी तरह, उन्होंने कोलकाता की दुर्गा पूजा को यूनेस्को द्वारा दी गई मान्यता का भी हवाला देते हुए कहा कि यह कार्निवल विशेष महत्व रखता है, और पुलिस को व्यवस्था बनाए रखने के लिए 163 धारा लागू करनी पड़ी। डॉक्टरों के संयुक्त मंच ने अदालत को बताया कि उन्होंने 11 अक्टूबर को ही कार्निवल के लिए अनुमति की मांग करते हुए पत्र दिया था. हालांकि, राज्य के वकील ने यह तर्क दिया कि प्रदर्शन के आयोजन का कारण स्पष्ट नहीं किया गया था। कोलकाता पुलिस ने रेड रोड और रानी रासमणि रोड के आसपास कड़ी सुरक्षा तैनात की है। कई स्थानों पर बैरिकेड्स लगाए गए हैं, और नेताजी मूर्ति के पास नौ फीट ऊंचे बैरिकेड्स स्थापित कर दिए गए हैं. पूरे क्षेत्र में बसों की कतारें और पुलिस की कड़ी निगरानी देखी जा रही है। हाई कोर्ट की विशेष बेंच ने सुनी याचिका: मामले की गंभीरता को देखते हुए हाई कोर्ट में आज दोपहर दो बजे विशेष बेंच का गठन किया गया. न्यायमूर्ति रविकिशन कपूर ने तत्काल सुनवाई करते हुए पुलिस के निर्देश को निरस्त कर दिया और प्रदर्शनकारियों को शांतिपूर्ण ढंग से ‘द्रोह कार्निवल’ आयोजित करने की अनुमति दे दी।

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