मेडिकल कालेज झांसी अग्निकांड की जांच करने मे जुटी शासन की चार सदस्यीय टीम

एक सप्ताह मे शासन को सौंपेगी अपनी जांच रिपोर्ट

 

झांसी के रानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नीकू वार्ड में शुक्रवार को अग्निकांड
मामले की जांच करने के लिए चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण महानिदेशक डॉ किंजल सिंह की अध्यक्षता में बनाई गई चार सदस्यीय टीम सोमवार को झांसी मेडिकल कॉलेज पहुंची। टीम ने घटना स्थल के अलावा वार्ड नंबर 5 में भर्ती बच्चों के
परिजनों से बयान दर्ज किये। यह जांच टीम सात दिनों में अपनी रिपोर्ट शासन को सौपेगी।
अग्निकांड की जांच के लिए शासन ने चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण महानिदेशक की अध्यक्षता में चार सदस्यीय टीम बनाई है। टीम में स्वास्थ्य
विभाग के निदेशक, अपर निदेशक विद्युत, और अग्निशमन महानिदेशक की ओर से
नामित अधिकारी शामिल हैं। यह कमेटी आग लगने के कारणों और लापरवाही की पहचान करने पहुंची है ताकि भविष्य में इस तरह की घटना न हो। टीम ने सबसे पहले घटनास्थल पर पहुंचकर जायजा लिया। इसके बाद टीम वार्ड नंबर पांच में
भर्ती रेस्क्यू किये गये बच्चों का हाल जाना और परिजनों से बात की। इसके बाद जाँच टीम मेडिकल कॉलेज गेस्ट हाउस पहुंची और घटना के दिन मौके पर मौजूद डाक्टर्स, जूनियर डाक्टर, पैरा मेडिकल स्टॉफ से जानकारी लेकर बयान
दर्ज किये।
महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण डॉ. किंजल सिंह ने बताया कि जाँच के तीन प्रमुख बिंदु हैं। जिसमें सबसे पहल-े घटना क्यों और कैसे हुई ? इसका पता लगाना है। दूसरा- इस घटना में किसकी लापरवाही या गलती है ?और
तीसरा अहम बिंदु यह स्टडी करना है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या
इंतजाम करना चाहिए ताकि दूसरे मेडिकल कॉलेज में इसकी पुनरावृति न हो। यह टीम कल
भी यहाँ विजिट करेंगी। डीएम और कमिश्नर की रिपोर्ट में साफ़ बताया गया है कि घटना का मुख्य कारण शार्ट सर्किट ही है। सबसे पहले एक्सटेंशन बोर्ड
में आग लगी और उसके बाद उसके आसपास स्थित वेंटिलेटर में आग लगी। नीकू में
सेंसिटिविटी इंडेक्स ज्यादा होता है क्योकि बच्चों को आक्सीजन दे रहे होते हैं। वहां एटमॉस्फेयर में आक्सीजन ज्यादा होती है। इस कारण वहां आग
जल्दी फैली। मुख्य कारण शार्ट सर्किट ही माना गया है।

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