अयोध्या ले चुके, अब ताल ठोक कर काशी भी लेंगे और मथुरा भी
स्वामी जीतेंद्रानंद ने राहुल को ललकारा
दुकान पर समान बेंचा और खरीदा जाता है , प्रेम की कोई दुकान नहीं होती
विशेष संवाददाता
नई दिल्ली। अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने राहुल गांधी को चुनौती देते हुए कहा है कि हिंदुओं ने अयोध्या पा लिया। अब ताल ठोक कर ज्ञानवापी भी लेंगे और मथुरा भी। राहुल गांधी में दम हो तो हमें रोक कर दिखा दें। स्वामी जी नई दिल्ली स्थित मालवांकर सभागार में संयुक्त हिंदू समाज द्वारा आयोजित विरोध सभा को संबोधित कर रहे थे। यह राहुल गांधी द्वारा संसद में हिंदुओं के बारे में की गई टिप्पणी के विरोध में आयोजित विरोध प्रदर्शन की सभा थी।
स्वामी जी ने कहा कि राहुल गांधी बार बार मोहब्बत की दुकान की बात करते हैं। मोहब्बत अर्थात प्रेम कोई बिक्री की वस्तु नहीं है जिसकी दुकान चलाई जाती है। दुकान तो खरीदने और बेचने का केंद्र होता है। यह किसी तवायफ का कोठा हो सकता है अथवा सिंगापुर में खुली वे दुकानें जहां लोग पैसे खर्च कर अपनी हवस पूरी करते हैं। सनातन संस्कृति में प्रेम एक शाश्वत मूल्य है जिसका कोई धंधा संभव नहीं।
स्वामी जी ने कहा कि राहुल गांधी यह दावा कर रहे हैं कि उन्होंने राम मंदिर आंदोलन को रोक दिया। राहुल की जाहिलियत इसी से स्पष्ट हो जाती है क्योंकि राम मंदिर आंदोलन अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि पर भगवान राम के मंदिर की स्थापना के लिए था जो कि अपना लक्ष्य पूरा कर चुका। लगभग 500 वर्षों के लंबे संघर्ष के बाद भारत के सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के बाद यह हिंदुओं को प्राप्त हुआ है। राहुल को याद रखना चाहिए कि राहुल के पिता जी के कार्यकाल में ही अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि पर शिलान्यास हुआ था। कांग्रेस के कार्यकाल में ही बाबरी ढांचा भी ध्वस्त हुआ था। राम मंदिर आंदोलन अपना लक्ष्य प्राप्त कर चुका है। मंदिर बन रहा और वहां गर्भ गृह में श्री राम लला विराजमान हो चुके हैं।
स्वामी जी ने राहुल गांधी को चुनौती देते हुए कहा कि यदि राहुल में हिम्मत है तो अब काशी और मथुरा में हिंदुओं को रोक कर दिखा दें। अब हम खम ठोक कर ज्ञानवापी भी लेंगे और श्री कृष्ण जन्मभूमि भी। राहुल गांधी जिन ताकतों के इशारे पर चल रहे हैं उनके बारे में देश ठीक से जनता है।
स्वामी जी ने कहा कि अयोध्या में लोकसभा की जीत और हार हिंदुओं को जीत और हार नहीं होती। अयोध्या से तो तीन बार मित्रसेन यादव जैसे लोग भी संसद में पहुंचे हैं। वैसे भी अयोध्या की जनता ने इस बार भी भाजपा को ही चुना। आसपास की विधान सभा क्षेत्र ने भाजपा को कम वोट किया। इसका मतलब यह कतई नहीं कि इससे जनता ने राहुल गांधी को जनमत दे दिया हो।