AI इंजीनियर अतुल सुभाष आत्महत्या मामला: अगर समय पर नहीं होती गिरफ्तारी तो हाथ मलते रहती पुलिस

बड़े ही फिल्मी स्टाइल में पुलिस ने पकड़ा पत्नी निकिता, सास निशा, साले अनुराग और निकिता को

 

अशोक झा, नई दिल्ली: बेंगलुरु में AI इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट अतुल की पत्नी निकिता, सास निशा, साले अनुराग और निकिता के चाचा सुशील सिंघानिया को अग्रिम जमानत दे दी है।सोमवार को इस याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए चारों आरोपियों को अग्रिम जमानत दे दी. लेकिन इसका फायदा चारों में से सिर्फ एक को ही मिलेगा.

जानकारी के मुताबिक, हाईकोर्ट ने अतुल सुभाष की पत्नी निकिता, सास निशा, साले अनुराग और पत्नी के चाचा सुशील सिंघानिया को अग्रिम जमानत दे दी है. हालांकि पत्नी, सास और साला पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं. ऐसे में यह जमानत अब उनके किसी काम की नहीं रह जाती है. अब केवल अतुल की पत्नी के चाचा सुशील सिंघानिया को ही राहत मिल पाएगी. यानि पुलिस फिलहाल उन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकेगी।अतुल के सुसाइड के बाद भाई विकास की तहरीर पर चारों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. इसी के बाद बेंगलुरु पुलिस जौनपुर स्थित निकिता सिंघानिया के घर पहुंची. वो लोग उस वक्त वहां से भाग चुके थे. इसलिए पुलिस ने घर के बाहर नोटिस चस्पा करके चारों की तलाश शुरू कर दी. इसी के बाद सभी ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी। इस पर सोमवार की डेट लगी थी।इससे पहले ही रविवार को पत्नी, सास और साले को कर्नाटक पुलिस ने गिरफ्तार कर बंगलुरु की कोर्ट में पेश कर दिया. जहां से तीनों को न्यायिक हिरासत में जेल भी भेजा जा चुका है. अग्रिम जमानत की याचिका पर सोमवार को न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव ने सुनवाई की. उनकी ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मनीष तिवारी ने तर्क दिया कि याची मृतक की पत्नी, सास और साले हैं. उन्हें बेंगलुरु पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया है और उनकी अग्रिम जमानत अर्जी का कोई मतलब नहीं है. अब अग्रिम जमानत अर्जी केवल सुशील सिंघानिया के लिए है।
तो ऐसे हुई गिरफ्तारी: बंगलूरू पुलिस ने निकिता की मां व भाई की गिरफ्तारी बिल्कुल फिल्मी स्टाइल में की। बंगलुरू पुलिस के दो जवान एक दिन पहले इसी होटल में डॉक्टर व नर्स बनकर ठहरे। रात भर मां-बेटे पर नजर बनाए रहे और सुबह होते ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पुख्ता सूत्रों के मुताबिक, 13 दिसंबर को जौनपुर स्थित आरोपियों के घर पर नोटिस चस्पा करने के बाद तलाश में जुटी बंगलूरू पुलिस की टीम को उसी दिन मां-बेटे की लोकेशन मिल गई। इसके बाद देर रात दो बजे के करीब बंगलूरू पुलिस के दो पुलिसकर्मी मदर शिवप्पा व विनीथा ए डॉक्टर व नर्स बनकर होटल में पहुंचे। बातचीत के दौरान ही उन्होंने गेस्ट रजिस्टर मांगा और उसके एक पन्ने की फोटो भी खींच ली। मां-बेटे कमरा नंबर 111 में ठहरे हुए थे जबकि यह दोनों कमरा नंबर 101 व 108 में ठहरे।रात भर दोनों सोए नहीं और इधर उधर टहलते रहे। सुबह आठ बजे के करीब वह मां-बेटे के कमरे में पहुंच गए और फिर उनसे लंबी बातचीत की। 11 बजे के करीब उन्होंने होटल से ही कैब बुक की और दोपहर में वाराणसी एयरपोर्ट पहुंचे। इसके बाद उन्हें लेकर रवाना हो गए।देश भर में चर्चा का विषय बने इस मामले के आरोपियों की गिरफ्तारी का ऑपरेशन बंगलूरू पुलिस ने इतना गोपनीय रखा कि स्थानीय पुलिस को भी इसकी भनक नहीं लगने दी। न ही कोई संपर्क किया। डीसीपी अभिषेक भारती ने बताया कि इस मामले में बंगलूरू पुलिस ने कोई संपर्क नहीं किया। न ही गिरफ्तारी संबंधी कोई जानकारी दी।होटल के सीसीटीवी फुटेज में नजर आए मां-बेटे: निकिता की मां व भाई के झूंसी स्थित होटल में रहने की पुष्टि सीसीटीवी फुटेज से भी हुई है। इसमें बुधवार रात ही दोनों होटल में घुसते नजर आए हैं। इस दौरान दोनों ने वही कपड़े पहन रखे थे जो बुधवार रात घर में ताला लगाकर फरार होते वक्त उन्होंने पहने हुए थे। यह बात भी सामने आई है कि चार दिनों तक होटल में रहने के दौरान मां एक बार भी होटल से बाहर नहीं निकली। बेटा निकला लेकिन वह भी चेहरे पर मास्क लगाकर ही निकला।झूंसी स्थित होटल में छिपे थे निकिता की मां व भाई
बंगलूरू के इंजीनियर अतुल सुभाष सुसाइड केस में गिरफ्तार की गई उनकी पत्नी की मां व भाई झूंसी स्थित होटल में छिपे हुए थे। घर छोड़कर फरार होने के बाद से उन्होंने यहीं ठिकाना बना रखा था। बंगलूरू पुलिस की टीम ने उन्हें शनिवार सुबह 11 बजे के करीब हिरासत में ले लिया और कैब से वाराणसी ले गई। इसके बाद फ्लाइट से लेकर उन्हें रवाना हो गई।नौ दिसंबर को हुई इस घटना के बाद 11 दिसंबर की आधी रात निकिता की मां निशा व उसका भाई अनुराग उर्फ पीयूष जौनपुर स्थित घर में ताला लगाकर कहीं चले गए थे। पुख्ता सूत्रों के मुताबिक, उसी रात दोनों झूंसी के ताहिरपुर बंधवा गांव स्थित होटल में पहुंचे और फिर यहीं छिपकर रहने लगे। अगले ही दिन उनकी ओर से हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए अर्जी भी डाली गई।उधर, उनकी तलाश में जुटी बंगलूरू पुलिस ने 13 दिसंबर को उनके जौनपुर में खोवामंडी स्थित घर पर पहुंचकर नोटिस भी चस्पा किया। बंगलूरू पुलिस के एसआई संजीव कुमार के नेतृत्व में चार सदस्यीय टीम दोनों की खोजबीन में लगी रही और इसी दौरान उन्हें मां-बेटे की लोकेशन मिल गई। रविवार सुबह टीम ने होटल में दोनों को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद दोपहर में लेकर एयरपोर्ट पहुंची और फिर फ्लाइट से उन्हें लेकर बंगलूरू के लिए रवाना हो गई।

Back to top button