एक वर्ष की बच्ची से रेप केस में अधेड़ को सश्रम आजीवन कारावास, 34 दिन पूर्व हुई थी वारदात

पुलिस व अभियोजन की ताबड़तोड़ पैरवी से 15 कार्य दिवस मे आया फैसला
बहराइच : न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश, विशेष न्यायाधीश, पाक्सो एक्ट
वरुण मोहित निगम ने पन्द्रह कार्य दिवस की सुनवाई कर एक वर्षीय दलित मासूम से रेप के जघन्य अपराध के दोषी अधेड़ आरोपी को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोषसिद्ध अभियुक्त पर 1.29 लाख का जुर्माना भी लगाया है। जिसे अदा न करने पर एक वर्ष की अतिरिक्त सजा काटनी होगी।
विशेष जिला शासकीय अधिवक्ता संत प्रताप सिंह ने बताया कि नानपारा कोतवाली के एक गांव में इसी वर्ष 17 फरवरी को पूर्वान्ह 11 बजे एक वर्षीय मासूम को गांव का ही 50 वर्षीय अधेड़ भोंदू गोद खिलाने के बहाने ले गया। गांव के बाहर लाही के खेत में मासूम से रेप की वारदात को अंजाम दिया । देर तक मासूम को न देख उसकी मां ने तलाश शुरू की। इस बीच गांव के ही एक व्यक्ति ने भोंदू की गोद मे बच्ची देखने व खेत की ओर ले जाने की बात बताई। पीड़िता मां खेत में पहुंची तो उसके होश उड़ गये और दरिन्दे के चंगुल से बच्ची को छीना। दरिन्दे ने बच्ची की मां के साथ हाथापाई की और जान से मारने की धमकी भी दी। बच्ची को गम्भीर हालत में कोतवाली लाए जाने पर पुलिस ने महिला सिपाही की अभिरक्षा मे जिला महिला अस्पताल लाया गया। बच्ची की मां की तहरीर पर नानपारा कोतवाली पुलिस ने रेप, पाक्सो एक्ट, मारपीट, धमकी तथा एससीएसटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया। विवेचक सीओ नानपारा राहुल पांडे ने मासूम की मां का बयान मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज कराने के बाद आरोप पत्र न्यायालय पर भेजा। जज ने 27 फरवरी 24 को मामले को संज्ञान में लेकर सुनवाई प्रारम्भ की औऱ दोनों पक्षों के तर्कों को सुनने व विचारण के उपरांत सिर्फ 15 दिनों में भोंदू पर दोष सिद्ध पाए जाने पर सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई। जज ने दोषसिद्ध अभियुक्त पर 1.29 लाख का अर्थदण्ड भी अधिरोपित किया। अर्थदण्ड की सम्पूर्ण धनराशि पीड़ित की मां को दिये जाने का आदेश दिया।