अडानी ग्रुप ने मांगा गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर में बिजली आपूर्ति का लाइसेंस

लखनऊ। अदानी ग्रुप ने एक नए घटनाक्रम के तहत गाजियाबाद मुंसिपल कारपोरेशन व गौतम बुध नगर का मांगा समानांतर वितरण लाइसेंस 24 अप्रैल को उसकी स्वीकार्यता पर विद्युत नियामक आयोग करेगा सुनवाई उपभोक्ता परिषद विरोध में उतरा।की आयोग से बात।

अडानी इलेक्ट्रिकल जेवर लिमिटेड व अदानी ट्रांसमिशन लिमिटेड ने विद्युत नियामक आयोग में पूर्व में दाखिल अपनी याचिका को किया संशोधित जिसको पूर्व में विद्युत नियामक आयोग ने नहीं किया था अस्वीकार और उठाया था उस़की स्वीकार्यता पर विधिक सवाल।

उत्तर प्रदेश आज विद्युत उपभोक्ता परिषद ने संशोधित याचिका की भनक लगते ही विद्युत नियामक आयोग चेयरमैन से की बात कहां उपभोक्ता परिषद को पहले सुना जाए वह बताएगा याचिका नहीं हो सकती स्वीकार आयोग ने कहा अभी आयोग उसकी स्वीकार्यता कर रहा सुनवाई आगे उपभोक्ता परिषाद की सुनेगा बात।
उपभोक्ता परिषद ने कहा या निजीकरण का पहला प्रयोग शुरु हो गया है बिजली दर की सुनवाई में इस गंभीर मुद्दे पर पुरजोर विरोध किया जाएगा और किसी भी हालत में बिजली क्षेत्र में निजी करण बर्दाश्त नही किया जाएगा।
प्रदेश के उर्जा सेक्टर में एक नए घटनाक्रम के तहत अदानी ग्रुप ने विद्युत नियामक आयोग में मार्च के अंतिम सप्ताह व अप्रैल के पहले सप्ताह में एक संशोधित याचिका दाखिल कर गाजियाबाद मुंसिपल कारपोरेशन और गौतम बुद्ध नगर के लिए समानांतर वितरण लाइसेंस विद्युत नियामक आयोग से मांग लिया है। गौरतलब है कि अदानी इलेक्ट्रिसिटी जेवर लिमिटेड व अदानी ट्रांसमिशन लिमिटेड ने विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 14 व 15 के तहत विद्युत नियामक आयोग से वितरण लाइसेंस लेने के लिए संशोधित याचिका दाखिल की है अभी तक इस पूरे क्षेत्र में पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम व कुछ क्षेत्र में नोएडा पावर कंपनी वितरण लाइसेंसी है इसके पहले दिसंबर 2022 के अंतिम सप्ताह में भी गौतम बुद्ध नगर के लिए वितरण लाइसेंस मांगा था जिस पर उपभोक्ता परिषद ने कडा विरोध किया था और उसके स्वीकार्यता पर सवाल उठा दिया था जिस पर विद्युत नियामक आयोग द्वारा जनवरी 2023 में यह आदेश अदानी ग्रुप को दिया था कि उसकी याचिका स्वीकार करने योग्य नहीं है अंततः अब एक बार फिर अदानी ग्रुप ने अपनी याचिका को संशोधित करके नए सिरे से आयोग में दाखिल कर दिया है जिस पर विद्युत नियामक आयोग गंभीर हो गया है और विद्युत नियामक आयोग ने अदानी ग्रुप की याचिक की स्वीकार्यता पर 24 अप्रैल 2023 को सुनवाई लगाई है ।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने इसकी भनक लगते ही तुरंत विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन श्री आर पी सिंह से बात की और कहां प्रदेश की जनता के हित में उपभोक्ता परिषद को भी इस गंभीर मामले पर सुना जाए जिस पर विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन श्री आरपी सिंह ने कहा अभी विद्युत नियामक आयोग 24 अप्रैल को अदानी ग्रुप के समानांतर वितरण लाइसेंस की स्वीकार्यता पर सुनवाई कर रहा है अभी तक उसकी याचिका स्वीकार नहीं की गई इसके बाद प्रदेश की जनता वे ब उपभोक्ता परिषद को भी सुना जाएगा जिसमे व अपनी पूरी बात कहें। उपभोक्ता परिषद ने इसे निजी करण का प्रयोग बताया और कहां इसका हर स्तर पर किया जाएगा जमकर विरोध।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा यह बहुत गंभीर मामला है क्योंकि जिस क्षेत्र के लिए वितरण लाइसेंस मांगा गया है उस क्षेत्र में बिजली दर की सुनवाई 28 अप्रैल को होने वाली है और इसके पूर्व जब उस क्षेत्र में बिजली दर की सुनवाई वर्ष 2022 में हुई थी तो अदानी ग्रुप सुनवाई में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुआ था जिस पर उपभोक्ता परिषद ने कडा विरोध किया था और अंदेशा व्यक्त कर दिया था कि अडानी ग्रुप गलत तरीके से इस सुनवाई में शामिल हो रहा है क्या यह भविष्य का वितरण लाइसेंसी है उपभोक्ता परिषद की बात आज 1 साल बाद सही साबित हुई है इसलिए आगामी बिजली दर की सुनवाई में भी अदानी ग्रुप के खिलाफ उपभोक्ता परिषद पूरी मुस्तैदी से लडाई लडेगा और अनेकों विधिक सवाल पेश करेगा जिसके आधार पर अडानी के वितरण लाइसेंस को एक बार फिर खारिज करने की मांग उठाई जाएगी।उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा उपभोक्ता परिषद प्रदेश के उपभोक्ताओं के हित में एक बार प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री महोदय से यश मांग करता है इस पूरे मामले पर हस्तक्षेप करें क्योंकि अदानी ग्रुप वितरण का लाइसेंस किस आधार पर लेना चाहता है उस पर उसे श्वेत पत्र जारी करना चाहिए क्योंकि प्रदेश के उपभोक्ताओं के मन में यह बहुत बडा सवाल उठ रहा है कि जब अदानी ग्रुप विदेशी कोयला खरीदवाने में नाकाम साबित हुआ स्मार्ट मीटर का टेंडर पाने में नाकाम साबित हुआ तो अब वह पुनः एक बार वितरण लाइसेंस लेने के लिए संशोधित याचिका दाखिल की है जिसका उपभोक्ता परिषद हर स्तर पर विरोध करेगा

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