मालदा में हिसा के खिलाफ भाजपा का प्रदर्शन, कहा दोषियों को सजा दिलाए चुप नहीं बैठेंगे
सिलीगुड़ी, बागडोगरा समेत पूरे राज्य में सड़क पर उतरे समर्थन

– उच्च न्यायालय ने 3 अप्रैल तक रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने का निर्देश
अशोक झा, सिलीगुड़ी: बीती रात उत्तर बंगाल के बांग्लादेश सीमांत मालदा जिले में सनातनी हिंदुओं पर हुए हमले और उनकी सुरक्षा को लेकर आज सिलीगुड़ी, बागडोगरा समेत पूरे बंगाल में भाजपा की ओर से प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान भाजपा के विधायक और पार्टी नेता समर्थक मौजूद थे। भाजपा विधायक शंकर घोष और आनंदमय बर्मन ने कहा कि तुष्टीकरण की चाह रखने वाली मुख्यमंत्री राज्य में हिंदुओं के अस्तित्व को खतरे में डाल रही हैं। मालदा जिले के मोथाबारी इलाके में हिंदुओं की दुकानों में चुन-चुनकर तोड़फोड़ और लूटपाट की गई है। कैसे जिहादी मुख्य सड़क पर कब्जा करने के बाद अंधाधुंध तरीके से कारों में तोड़फोड़ कर रहे हैं। ममता के इस पुलिसकर्मी को देखिए, जो जिहादियों के सामने ‘निधिराम सरदार’ की भूमिका में हाथ जोड़कर ऐसे खड़ा है, जैसे दया की भीख मांग रहा हो! तृणमूल सरकार अल्पसंख्यकों को खुश करते हुए धीरे-धीरे ग्रेटर बांग्लादेश के खाके को लागू करने की ओर बढ़ रही है। लेकिन भाजपा ने भी अपने आप से यह भी वादा किया कि मैं इसका अंत देखने के बाद ही यहां से जाऊंगा। जिस तरह हमने हावड़ा, सेरामपुर, दालखोला, खिदिरपुर, रिशरा और मोमिनपुर के जिहादियों को कानूनी तरीकों से न्याय के कटघरे में खड़ा किया है, उसी तरह हम उन्हें सबक भी सिखाएंगे। इस घटना को लेकर हमारे विरोधी दल नेता “सुवेंदु अधिकारी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रमुख नेता और पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं। उन्होंने इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया है। हमारी पार्टी बंगाल से इस प्रकार के मानसिकता वाले जेहादियों को निकाल फेकेंगे। बताया कि राज्य में भारतीय जनता पार्टी की ओर से दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि एक समुदाय के लोगों ने दूसरे समुदाय के लोगों पर हमला किया। इस याचिका पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति सौमेन सेन और न्यायमूर्ति स्मिता दास की बेंच ने मालदा के जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया कि वे 3 अप्रैल तक अदालत में रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
भाजपा नेता और कलकत्ता हाई कोर्ट के वरिष्ठ वकील कौस्तव बागची ने अपनी याचिका में अदालत से अनुरोध किया कि जब तक स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में नहीं आ जाती, तब तक मोथाबाड़ी में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की तैनाती का निर्देश दिया जाए।हालांकि, रिपोर्ट्स के मुताबिक, फिलहाल मोथाबाड़ी में स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है, लेकिन अदालत ने यह स्पष्ट करने के लिए रिपोर्ट मांगी है कि वहां वास्तव में क्या हुआ था। इससे पहले, पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस को पत्र लिखकर राज्य सरकार को निर्देश देने की मांग की थी कि वह मोथाबाड़ी में सीएपीएफ तैनात करे। उन्होंने आरोप लगाया कि वहां बड़े पैमाने पर हिंदुओं पर हमले हुए हैं।शुभेंदु अधिकारी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर ‘तुष्टीकरण की राजनीति’ के जरिए ग्रेटर बांग्लादेश का ब्लूप्रिंट तैयार करने का आरोप लगाया।उन्होंने मीडिया से बातचीत में दावा किया कि मोथाबाड़ी में उपद्रवी तत्वों ने हिंदुओं की संपत्तियों को लूटपाट और तोड़फोड़ का निशाना बनाया। अधिकारी ने कहा, उनका निशाना हिंदू समुदाय था। यही कारण है कि मैं मानता हूं कि सीएपीएफ की तैनाती ही स्थिति को नियंत्रण में रखने का एकमात्र उपाय है, क्योंकि पुलिस असहाय होकर केवल हाथ जोड़कर विनती कर रही थी। उपद्रवियों ने मुख्य सड़कों पर कब्जा कर लिया और कई वाहनों में तोड़फोड़ की।