राजभवन में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में भजनों पर झूमते रहे श्रद्धालु

राजभवन में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में भजनों पर झूमते रहे श्रद्धालु

उप्र बस्ती जिले में राजभवन में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में वृंदावन से आए घनानंद महराज ने श्रद्धालुओं को पूतना वध, भगवान के नामकरण, गोवर्धन पूजन, छप्पन भोग की कथा सुनाई। भगवान के नामकरण से लेकर जन्म के समय पर विस्तार से प्रकाश डाला। कथा के साथ भजनों को सुन श्रद्धालु भावविभोर हो गए। कथा व्यास ने कहा कि देवराज इंद्र की पूजा को रोककर गोवर्धन की पूजा का संदेश देना भी इसी का एक अंग रहा। बताया कि जब नंदबाबा व उनके सहयोगी देवराज इंद्र की पूजा करने जा रहे थे तो बालकृष्ण ने उसे रोक दिया। नाराज देवराज इन्द्र घनघोर वर्षा करने लगे। बादलों के प्रकोप से चारो तरफ हाहाकार मच गया। तब भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत ऊंगली पर उठा लिया। पूरा नंदगांव गोवर्धन पर्वत के नीचे आ गया और वहां पर शरण लिया। देवराज का घमंड टूटा और भगवान कृष्ण के आगे नतमस्तक हुए। बृजवासियों ने गोवर्धन पर्वत की पूजन कर 56 भोग लगाया। भजनों का दौर शुरू हुआ तो कुंवर कामेश्वर सिंह सहित बड़ी संख्या श्रद्धालु झूमने लगे। गोवर्धन पर्वत व छप्पन भोग की झांकी श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र रही। कथा मंच का संचालन पंडित सरोज मिश्रा ने किया। कुंवर कामेश्वर सिंह, राज्यश्री सिंह, राघवेंद्र प्रताप सिंह, सर्वेश्वर सिंह, रणविजय सिंह, राजा ऐश्वर्य राज सिंह, रोहित सिंह चौहान, प्रशांत सिंह, देवांग सिंह, सिद्धान्त मिश्रा, सूरज सिंह, राजदीप श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।

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