अयोध्या में प्रभु श्रीराम की मूर्ति बनाने के लिए नेपाल से जा रहे शालिग्राम पत्थर को पूजने बिहार में सड़क पर उतरे लाखों लोग
गोपालगंज। बिहार के गोपालगंज में मंगलवार को अयोध्या में प्रभु श्रीराम की मूर्ति बनाने के लिए नेपाल से शालिग्राम पत्थर को पूजने के लिए लाखों लोग सड़क पर उतरे तीन से चार लाख लोग सड़क किनारे हाथ जोड़े खड़े हैं।
अयोध्या में प्रभु की मूर्ति बनाने के लिए नेपाल से शालिग्राम पत्थर जा रहा है, और आज वह ट्रक गोपालगंज से गुजर रहा है। कोई प्रचार नहीं, कोई बुलाहट नहीं, पर सारे लोग निकल आये हैं सड़क पर… युवक, बूढ़े, बच्चे… बूढ़ी स्त्रियां, घूंघट ओढ़े खड़ी दुल्हनें, बच्चियां…
स्त्रियां हाथ में जल अक्षत ले कर सुबह से खड़ी हैं सड़क किनारे! ट्रक सामने आता है तो विह्वल हो कर दौड़ पड़ती हैं उसके आगे… छलछलाई आंखों से निहार रही हैं उस पत्थर को, जिसे राम होना है।
बूढ़ी महिलाएं, जो शायद शालिग्राम पत्थर के राम-लखन बनने के बाद नहीं देख सकेंगी। वे निहार लेना चाहती हैं अपने राम को… निर्जीव पत्थर में भी अपने आराध्य को देख लेने की शक्ति पाने के लिए किसी सभ्यता को आध्यात्म का उच्चतम स्तर छूना पड़ता है। हमारी इन माताओं, बहनों, भाइयों को यह सहज ही मिल गया है।
जो लड़कियां अपने वस्त्रों के कारण हमें संस्कार हीन लगती हैं, वे हाथ जोड़े खड़ी हैं। उदण्ड कहे जाने वाले लड़के उत्साह में हैं, इधर से उधर दौड़ रहे हैं। मैं भी उन्ही के साथ दौड़ रहा हूँ।
इस भीड़ की कोई जाति नहीं है। लोग भूल गए हैं अमीर गरीब का भेद, लोग भूल गए अपनी जाति- गोत्र! उन्हें बस इतना याद है कि उनके गाँव से होकर उनके राम जा रहे हैं। कहते हैं कि सिया को बियह के रामजी इसी राह से गये थे। डुमरिया में उन्होंने नदी पार की थी। हम सौभाग्यशाली लोग हैं जो रामजी को दुबारा जाते देख रहे हैं।
पाँच सौ वर्ष की प्रतीक्षा और असँख्य पीढ़ियों की तपस्या ने हमें यह सौभाग्य दिया है।