बीएचयू के विशेषज्ञों ने गॉलब्लैडर कैंसर पर पुस्तक की संपादित

इस विषय पर मौजूदा उपचार विकल्पों पर रोशनी डालती है पुस्तक

वाराणसी: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के चिकित्सा विशेषज्ञों ने गॉलब्लैडर कैंसर पर एक पुस्तक संपादित की है। प्रो. वी. के. शुक्ल, कुलगुरू, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, तथा प्रख्यात शल्य चिकित्सक, प्रो. मनोज पाण्डेय (आचार्य, सर्जिकल ऑंकोलॉजी), प्रसिद्ध गॉल ब्लैडर विशेषज्ञ, तथा डॉ. रूही दीक्षित, शोधकर्ता, जनरल सर्जरी विभाग, चिकित्सा विज्ञान संस्थान, द्वारा संपादित यह पुस्तक इस बीमारी के उपचार के लिए उपलब्ध मौजूदा विकल्पों पर प्रकाश डालती है। पुस्तक को स्प्रिंगर नेचर- सिंगापुर, द्वारा प्रकाशित किया गया है।
पित्ताशय की थैली का कैंसर पैत्तिक प्रणाली का सबसे आम घातक और पाचन तंत्र का पांचवा सबसे ज्यादा पाया जाने वाला कैंसर है। पित्ताशय की थैली का कैंसर पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक देखने को मिलता है। यह भारत के उत्तर, उत्तर-पूर्व, मध्य और पूर्वी भारत में अधिक देखने को मिलता है, तथा दक्षिण और पश्चिम भारत में यह अपेक्षाकृत कम है।
पुस्तक में इस विषय पर वैश्विक जानकारों के योगदान भी शामिल किये गए हैं, साथ ही साथ पित्ताशय की थैली के कैंसर के चिकित्सीय लक्ष्यों की समझ को बढ़ाने वाली हालिया वैज्ञानिक प्रगति पर प्रासंगिक चर्चा शामिल है। यह पुस्तक पित्ताशय की थैली के कैंसर के लिए चिकित्सीय समझ को बढ़ाने के लिए लाभदायक है, ताकि पारंपरिक कीमोथेरेपी के लाभ को बढ़ाने वाली नवीन पद्धतियों को विकसित करने के अवसर प्रदान किए जा सकें।

जनसम्पर्क अधिकारी

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