नोएडा में खतरनाक ड्रग्स MDMA बेचने के आरोप में सॉफ्टवेयर इंजीनियर समेत तीन अरेस्ट
एमएनसी में कंसल्टेंट महिला इंजीनियर की कोठी से बरामद हुईं 289 टैबलेट ,ड्रग्स नीदरलैंड और अफगानिस्तान से मंगवाई जा रही है
नोएडा। एनसीआर के पब बार से लेकर रेव पार्टी में ड्रग्स सप्लाई करने वाला हाईप्रोफाइल रैकेट पकड़ा गया है। पुलिस के हत्थे 3 आरोपी चढ़े हैं। इनमें एक युवती है जो सेक्टर-61 में रहती है। वह बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर एक एमएनसी में कंसल्टेंट थी। दूसरा आरोपी सेक्टर-120 की आम्रपाली जोडिएक सोसायटी तो तीसरा सेक्टर-67 मामूरा का निवासी है। ये लोग खतरनाक एमडीएमए ड्रग्स के टैबलेट फुटकर में बेच रहे थे। पुलिस को इनपुट मिला है कि ये ड्रग्स नीदरलैंड और अफगानिस्तान से मंगवाई जा रही है। फेज-3 थाना पुलिस की यह बड़ी कार्रवाई रविवार रात करीब 11 बजे सेक्टर-58 से शुरू हुई। ताबड़तोड़ छापेमारी के बीच इस रैकेट से जुड़े दो आरोपी भागने में कामयाब हो गए। इनमें बीएमडब्ल्यूए सवार वह युवक भी था जो ड्रग्स इन तक पहुंचाता था।
पुलिस कार्रवाई की जानकारी सोमवार को सेंट्रल जोन के डीसीपी रामबदन सिंह और एडीसीपी राजीव दीक्षित ने दी। डीसीपी ने बताया कि फेज-3 थाना पुलिस को ड्रग्स सप्लाई करने वाले एक रैकेट के बारे में कुछ इनपुट मिले थे। इस पर काम करते हुए टीम ने पहले सेक्टर-120 आम्रपाली जोडिएक सोसायटी निवासी पुलकित कुमार को एक पेट्रोल पंप के पास से गिरफ्तार किया। इसने खुद को महज सप्लायर बताया है। इसकी निशानदेही पर सेक्टर-67 मामूरा से अभिषेक चौहान व सेक्टर-61 के डी ब्लॉक से पूजा गुप्ता नाम की युवती को पकड़ा है। पूजा से ड्रग्स के टैबलेट मिले हैं। अभिषेक और पूजा दोनों में दोस्ती थी। पकड़े जाने पर इन तीनों ने खुद को निर्दोष और एक दूसरे को रैकेट का संचालक बताया। पुलिस के मुताबिक, बीएमडब्ल्यू सवार जो आरोपी भागा है उसका नाम श्रेयांस है। इसके अलावा प्रणय और दिदिप्य नाम के दो और आरोपी इस रैकेट में हैं, वे भी फरार हैं।
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करोड़ों की कोठी, नामी इंस्टिट्यूट से इंजीनियरिंग, लाखों का पैकेज, फिर भी..
ड्रग्स सप्लाई रैकेट में अहम किरदार पूजा गुप्ता का सामने आया है। डीसीपी ने बताया कि मूलरूप से गोरखपुर निवासी पूजा के पिता रेलवे में इंजीनियर और मां एमबीबीएस डॉक्टर हैं। पूजा ने वेल्लोर इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी तमिलनाडु से कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया है। इसके बाद नौकरी करने के लिए नोएडा शिफ्ट हुई। यहां बेटी को रहने में समस्या न हो इसके लिए सेक्टर-61 जैसे पॉश इलाके में मां-पिता ने करोड़ों की कोठी खरीद ली। इसमें नौकर और खाना बनाने वाले भी रखे जो ऊपर के फ्लोर पर रहते हैं। पूजा नीचे रहती थी। वह जिस कंपनी में बतौर कंसल्टेंट काम करती है उसका सैलरी पैकेज भी लाखों में है। दूसरा आरोपी अभिषेक चौहान जो पूजा का करीबी है, उसके नोएडा में कई मकान हैं। लाखों रुपये का किराया आता है। तीसरा आरोपी पुलकित आम्रपाली जोडिएक सोसायटी में रहता है। उसका परिवार अलीगढ़ से है।
सुशांत राजपूत और सोनाली फोगाट केस से करते थे ड्रग्स की पब्लिसिटी
सुशांत सिंह राजपूत और सोनाली फोगाट मौत केस में एमडीएमए ड्रग्स का नाम चर्चा में आया था। केस की जांच में शामिल एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी अपने ड्रग्स की पब्लिसिटी करने के लिए इन दोनों केस का जिक्र भी करते थे। इन्होंने अपने हाईप्रोफाइल ग्राहक बना रखे थे। इनमें महिलाओं से लेकर नामी यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स भी हैं। फ्लैट्स पर नशे की पार्टियां होती हैं। वहीं कुछ फार्महाउस में भी चोरी-छिपे रेव पार्टी होती हैं। यहां पहुंचकर ये अपने नए ग्राहक बनाते और ड्रग्स बेचते थे। इसी तरह बड़े पब बार में भी जाकर ये ड्रग्स सप्लाई करते थे।
शौक में शुरू किया ड्रग्स लेना
एसीपी सेंट्रल अमित कुमार ने बताया कि आरोपी अभिषेक चौहान के मोबाइल में उसका डेढ़-दो साल पहले का फोटो दिखा। उन फोटोज में वह बॉडीबिल्डर था। उसके सिक्स पैक थे। अब ड्रग्स ने उसके शरीर पर इतना खराब असर डाला है कि सही से चल भी नहीं पाता। इसी तरह पूजा और पुलकित के शरीर पर भी ड्रग्स का प्रतिकूल असर है।
सिंथेटिक ड्रग है एमडीएमए,
पुलिस ने एमडीएमए ड्रग्स के बारे में कुछ जानकारी हासिल की हैं। एमडीएमए का पूरा नाम मिथाईलीन-डाईऑक्सी-मेथएम्फेटामीन है। एक्सपर्ट ने पुलिस को बताया है कि ये एक सिंथेटिक ड्रग है, जो उत्तेजक और मतिभ्रम के रूप में काम करता है। यह शरीर में एकदम से एनर्जी लेवल बढ़ा देता है। 30 मिनट में इसका असर शरीर में दिखने लगता है और 3 से 6 घंटे तक रहता है। यह कई बार जानलेवा साबित होता है। खासकर इसके साथ कोई दूसरा ड्रग्स अगर ले लिया जाए तो खतरनाक हो जाता है।
भाई के गिरफ्तार होने पर फैलाई अपहरण की सूचना-
जानकारी के मुताबिक, पुलिस ने सबसे पहले आम्रपाली जोडिएक सोसायटी निवासी पुलकित कपूर को रविवार रात गिरफ्तार किया। इसके बाद उसके भाई ने अपहरण की सूचना पुलिस को दी और आस-पास के लोगों को भी बताई। इस रैकेट पर कार्रवाई फेज-3 थाना पुलिस ने सादी वर्दी में और प्राइवेट गाड़ियों से की थी