साक्षी कसाना का एक हादसे से टूट गया डॉक्टर बनने का सपना, लेकिन नहीं टूटा हौसला, अब पैरा गेम्स में निकाल रही हैं पदक
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नोएडा। ग्रेटर नोएडा वेस्ट के अजनारा होम्स में रहने वाली साक्षी कसाना निकल पड़ी हैं। उनका सपना है कि वे पैरालंपिक गेम्स में देश के लिए स्वर्ण पदक लाएं। एक हादसे में स्पाइन इंजरी से चलने फिरने में असमर्थ हो चुकी साक्षी कसाना का भले ही डॉक्टर बनने का सपना टूट गया, लेकिन उनका हौसला नहीं टूटा है। वह पैरालंपिक व अभी जुलाई माह में पेरिस में होने जा रहे वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए लगातार पसीने बहा रही हैं। उनका ये जज्बा ही है कि अभी पुणे के छत्रपति स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में 18 से 20 मार्च तक आयोजित 21वीं नेशनल पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2023 में पहले दिन ही ग्रेनो की बेटी ने डिस्कस थ्रो में गोल्ड मेडल हासिल किया। वहीं, अंतिम दिन जैवलिन थ्रो में हिस्सा लेते हुए गोल्ड जीता। इसमें खास बात ये रही कि दोनों में ही उन्होंने इससे पहले के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए गोल्ड मेडल जीता।ग्रेटर नोएडा के अजनारा होम्स सोसायटी में अपने माता पिता के साथ रहने वाली साक्षी कसाना शुरू से ही काफी होशियार और पढ़ने लिखने में तेज थी, लेकिन 2017 में एक सड़क हादसे ने उनके जीवन को ही बदलकर रख दिया। इस हादसे में उन्हें स्पाइन में काफी गंभीर क्षति पहुंची, जिसके बाद से वह चलने फिरने में असमर्थ हो गई और व्हील चेयर पर आ गईं। लेकिन उनके अंदर का हौसला और जज्बा उन्हें रोक नहीं सका और परिवार वालों की मदद से इसमें विशेषकर उनके चाचा सुबोध कुमार की प्रेरणा और सहयोग ने उन्हें नैशनल लेवल का पैरा खिलाड़ी बना दिया। बीडीएस की पढ़ाई बीच में छूट जाने के बाद उन्होंने स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग, दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक करने के बाद परास्नातक में दाखिला लेकर पढ़ाई भी कर रही हैं। इसके साथ ही नोएडा स्टेडियम के कबड्डी कोर्ट में कोच नवल सिंह और आदित्य चौधरी से एथलेटिक्स का प्रशिक्षण लेकर पैरा गेम्स में पदक निकाल रही हैं। यहां पर वह जैवलिन थ्रो, डिस्कस थ्रो और शॉटपुट का प्रशिक्षण लेती हैं।21वीं नेशनल पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2023 में बनाया रिकॉर्ड, जीता गोल्डसाक्षी कसाना ने 21वीं नेशनल पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2023 में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हुए डिस्कस थ्रो में 21.5 मीटर के नए रिकॉर्ड बनाते हुए मेडल जीता। वहीं, दूसरे नंबर पर हरियाणा की खिलाड़ी ने 20.34 मीटर और तीसरे नंबर पर राजस्थान की पैरा एथलीट ने 16.09 मीटर फेंका। साक्षी कसाना तीसरे नंबर की खिलाड़ी से 5 मीटर से अधिक का अंतर बनाया। वहीं, अंतिम दिन उन्होंने जैवलिन थ्रो में हिस्सा लेते हुए 14.75 मीटर फेंकते हुए गोल्ड मेडल जीता। इसमें उन्होंने अपने पिछले साल के रिकॉर्ड को ही ध्वस्त किया, जो कि 13.75 मीटर था। इससे पहले भी साक्षी कसाना ने मेडल जीते हैं। अब उनका सपना ओलंपिक में मेडल लाने के साथ ही जुलाई माह में पेरिस में होने वाले वर्ल्ड चैंपियनशिप पर टिकी है। इसके लिए अब वह दोगुने उत्साह के साथ प्रयास करने को संकल्पित हैं। उन्होंने बताया कि उनका सपना है कि वह पैरालंपिक का हिस्सा बने और मेडल देश के लिए लाएं।