नवसंवत्सर पर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में पुराणपारायण का शुभारम्भ

मालवीय भवन में आयोजित हुआ संस्कृत कवि सम्मेलन

वाराणसी। आज चैत्र शुक्ल प्रतिपदा नवसंवत्सर 2080 के पावन आरम्भ पर मालवीय भवन में पुराणपारायण कार्यक्रम कर शुभारम्भ किया गया। इस दौरान मालवीय भवन के मानित निदेशक प्रो. राजाराम शुक्ल, सह-मानित निदेशक एवं वैदिक दर्शन विभागाध्यक्ष प्रो. श्रीकृष्ण त्रिपाठी, प्रो. धनज्जय पाण्डेय, डॉ शशिकान्त द्विवेदी आदि ने सर्वप्रथम गणपति-व्यासपूजन, श्रीरामविग्रह पूजन, श्रीकृष्णविग्रह पूजन पुराण पूजन के उपरान्त पुराणपरायण का शुभारम्भ किया। श्रीमदभगवदगीता का शोधच्छात्र सत्यनारायण पाण्डेय तथा श्रीमदभगवदगीता का पारायण पं. क्षेय दुबे ने किया। साथ ही वृक्षारोपण का कार्य सम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम के सम्पूर्ति सत्र मे भव्य-संस्कृत कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। संस्कृतवाङ्मयी रचनाओं से संस्कृत कवियों द्वारा नववर्ष का स्वागत एवं सम्पूर्ण विश्व के उत्थान हेतु मंगलमयी शुभकामनाओं का गान किया गया। संस्कृतकति सम्मेलन की अध्यक्षता संकाय प्रमुख प्रो. कमलेश झाँ, संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय ने की। संचालन डॉ. शरदिन्दु त्रिपाठी ने की। कार्यक्रम संयोजनक प्रो. राजाराम शुक्ल, सह संयोजक प्रो. श्रीकृष्ण त्रिपाठी जी सहित पूर्व संकाय प्रमुखद्वय, पूर्व मानित निदेशक मालवीय भवन प्रो. कृष्णकान्त शर्मा एवं वरिष्ठ कवि प्रो. विन्ध्येश्वरी प्रसाद मिश्र, ‘विनय‘ समेत मुख्य अतिथि प्रा.े चन्द्रमौलि द्विवेदी, प्रो. उमाकान्त चतुर्वेदी, प्रो. माधव जनार्दन रटाटे, पूर्व निदेशक एवं संस्कृत विभागाध्यक्ष प्रो. उपेन्द्र पाण्डेय, प्रो. कमला पाण्डेय, प्रो. भगवत शरण शुक्ल पूर्व व्याकरण विभागाध्यक्ष, प्रो. गोपबन्धु मिश्र, प्रो. श्रीकिशोर मिश्र, भारत अध्ययन केन्द्र के समन्वयक प्रो. सदाशिव द्विवेदी, प्रो. धनजय पाण्डेय, डॉ. शशिकान्त द्विवेदी सहित।
श्रोतृवृन्द के रूप में समस्त छात्र- छात्राओं के संस्कृतमय कवि सम्मेलन का आनन्द लिए। इसी क्रम मे नवसंवत्सर के स्वागत में अपराह्न तीन बजे से मालवीय भवन में संस्कृत कविगोष्ठी का आयोजन किया गया है।

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