बरेली,बांदा,नैनी जेल के अधीक्षक सस्पेंड, जेलों में अपराधियों का नेटवर्क तोड़ने तैनात हो रहे आईपीएस
लखनऊ। प्रदेश की योगी सरकार ने बरेली, बांदा, नैनी जेल के जेल अधीक्षकों को सस्पेंड कर दिया है। बांदा के अविनाश गौतम, नैनी के शशिकांत सिंह, बरेली के राजीव शुक्ला सस्पेंड। बरेली जेल में बंद अतीक अहमद के भाई अशरफ को वीआईपी सुविधा दिलाने के मामले में राजीव शुक्ला सस्पेंड हुए हैं। पुलिस महानिदेशक कारागार एसएन साबत ने की यह कार्रवाई। जेल मैनुअल के मुताबिक जेल के भीतर काम ना करने, लापरवाही और अनुशासनहीनता के मामले में की गई यह कार्रवाई। नैनी सेंट्रल जेल के भीतर अली अहमद बंद है। बरेली जेल में अतीक अहमद का भाई और पूर्व विधायक अशरफ अहमद बंद है।
माफिया मुख्तार अंसारी के विधायक पुत्र अब्बास अंसारी के चित्रकूट जेल और फिर माफिया अतीक अहमद के भाई अशरफ के बरेली जेल में सेंधमारी की घटनाओं को शासन ने बेहद गंभीरता से लिया है। माफिया व अपराधियों के विरुद्ध जीराे टॉलरेंस की नीति के तहत लगातार कार्रवाई कर रही सरकार ने अब जेलों के भीतर भी उनके नेटवर्क को पूरी तरह से तोड़ने की ठान ली है। यही वजह है कि पहली बार जेलों में आईपीएस अधिकारियों की तैनाती बढ़ाने का सिलसिला शुरू हो गया है। शासन ने सोमवार रात सात आईपीएस अधिकारियों की तबादला सूची जारी की है, जिनमें एसपी स्तर के दो आईपीएस अधिकारियों को कारागार विभाग में पूर्णकालिक तैनाती दिए जाने के साथ ही तीन आईपीएस अधिकारियों को अतिरिक्त प्रभार साैंपा है। वर्तमान में कारागार में आईपीएस संवर्ग के चार पद हैं, जिनमें डीजी/आईजी का एक तथा डीआईजी के तीन पद हैं। कारागार विभाग में डीआईजी के कुल नाै पद हैं, जिनमें तीन पद आईपीएस संवर्ग के तथा छह पद कारागार संवर्ग के हैं। इसके अलावा कारागार मुख्यालय में भी डीआईजी का एक पद है। आठ रेंज लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज, गोरखपुर, अयोध्या, बरेली, आगरा व मेरठ में वर्तमान में एक भी डीआईजी तैनात नहीं है। सभी रेंज में वरिष्ठ जेल अधीक्षक स्तर के अधिकारियों के पास डीआईजी रेंज का अतिरिक्त प्रभार है।