माफिया अतीक अहमद मुठभेड़ में मारे गए बेटे के जनाजे में नहीं होगा शामिल, किसी नजदीकी को दिया जाएगा शव
प्रयागराज। माफिया अतीक अहमद अपने अपराधी बेटे के जनाजे में नहीं हो पाएगा शामिल। कानूनी पेंच के चलते नहीं मिली कोर्ट से इसकी मंजूरी। पांच लाख के ईनामी बदमाश अतीक के बेटे असद का शव किसी करीबी को किया जाएगा सुपुर्द।
गौरतलब है गुरुवार दोपहर झांसी के पारीछा डैम के निकट यूपी एसटीएफ के जवानो ने पूर्वांचल के माफिया अतीक अहमद के बेटे असद और उसके साथी गुलाम को मुठभेड मे मार गिराया। दोनो पर पांच-पांच लाख का ईनाम घोषित था।असद ने 24 फरवरी को उमेश पाल हत्याकांड को अंजाम देने के लिए बेखौफ होकर फायरिंग की थी। गुरुवार दोपहर प्रयागराज की सीजेएम कोर्ट में पेशी से पहले हाथ हिलाते हुए अतीक अहमद को अंदाजा भी नहीं था कि थोड़ी देर में अपने पापों पर उसे रोना होगा।
बताते हैं कि असद और गुलाम को यूपी एसटीएफ की टीम लगातार ट्रैकपप कर रही थी। इसी बीच दोनों के झांसी में होने की खबर मिली। मिली जानकारी के मुताबिक उमेश पाल अपहरण कांड में सजा सुनाए जाने के लिए बीते 27 मार्च को अतीक अहमद को साबरमती से प्रयागराज लाया जा रहा था। उस समय भी इंटेलिजेंस को इनपुट के आधार पर झांसी में अलर्ट किया गया था। इनपुट में कहा गया था कि झांसी में अतीक अहमद के कुछ करीबी काफिले में शामिल होने की कोशिश कर सकते हैं। स्पेशल डीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने मारे गए असद और मोहम्मद गुलाम को लेकर कहा है कि झांसी में अतीक अहमद को छुड़ाने की प्लानिंग रची जा रही थी। आखिरकार पुलिस को गुरुवार को कामयाबी मिली। एनकाउंटर में असद ढेर कर दिया गया। असद के साथ मोहम्मद गुलाम भी मारा गया। गुलाम ने वारदात वाले दिन एक दुकान में खड़े होकर उमेश पाल का इंतजार किया था। वारदात के बाद से गुलाम भी फरार चल रहा था। झांसी में परीछा डैम के पास अतीक अहमद के बेटे असद और मोहम्मद गुलाम छिप कर बैठे थे। जानकारी मिलने पर दो डिप्टी एसपी की अगुवाई में टीम तैयार की गई। पूरी तैयारी के साथ उमेश पाल के दोनों हत्यारों को पुलिस ने घेर लिया। घिरने का अहसास हुआ तो दोनों आरोपित बाइक पर भागे। दोनो ने एसटीएफ टीम पर फायरिंग की। जवाबी गोलीबारी के दौरान दोनों ढेर कर दिए गए। दोनों के पास से पुलिस को विदेशी हथियार मिले हैं।