वाराणसी में कोतवाल और तीन दरोगा सहित सात पुलिसकर्मी बर्खास्त

वाराणसी में कोतवाल और तीन दरोगा सहित सात पुलिसकर्मी बर्खास्त
वाराणसी। भेलूपुर थाना क्षेत्र में मिली 93 लाख नगदी अब पुलिस के लिए गले की फांस बन चुकी है। एक दिन पहले जहां नकदी बरामद होने वाली कार मालिक के पति को गिरफ्तार कर कार्यवाही का सिलसिला आरंभ हुआ तो दूसरे दूसरे दिन इस मामले में भेलूपुर थाने के निवर्तमान इंस्पेक्टर रमाकांत दुबे और उनके तीन दरोगा के अलावा तीन पुलिसकर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है। एडिशनल सीपी संतोष सिंह के हस्ताक्षर से सातों पुलिसकर्मियों के बर्खास्तगी का आदेश जारी होने के साथ महकमे में खलबली मच गई है। माना जा रहा है कि रविवार को सीएम योगी काशी में रहेंगे और वह इस मामले की प्रगति पूछ सकते हैं। पेशबंदी के तहत पहले ही गिरफ्तारी और आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई कर जवाब तैयार किया जा रहा है।
‘गुरुजी’ अब भी फरार
समूचे मामले के मास्टरमाइंड कहे जाने वाले ‘गुरुजी’ का अभी कोई सुराग नहीं मिल सका है। भले ही गुरुजी कोई पेशेवर अपराधी नहीं है बावजूद इसके पुलिस उनका सुराग तक नहीं ढूंढ पा रही है। खास यह कि कुछ दिनों पहले तक वह आला अधिकारियों के संग दरबार लगाया करते थे और थानेदारों को हुक्म दिया करते थे। अब मामला फंसने के साथ सभी ने पल्ला झाड़ लिया है। अब माना जा रहा है कि करोड़ों की नगदी उनके हाथ है इसी हिसाब से वह कानूनी लड़ाई की तैयारी कर रहे हैं।
पुलिस की कहानी में कई पेंच
घटनाक्रम के कई दिनों बाद भेलूपुर थाने में जो डकैती की रपट लिखी गई है उससे कहानी सुलझने के बजाय उलझती जा रही है। सनसनीखेज घटना के बाद कई दिनों तक थाने के सामने एक सफारी कार खड़ी थी। इसके बारे में दावा किया जा रहा था की बड़ी रकम इसी के जरिए हटाई गई थी। अब कार तो थाने के बाहर से गायब हट चुकी है और इस बाबत किसी सवाल का जवाब नहीं मिल पा रहा। दावा तो यह भी है कि जिसकी गिरफ्तारी की गई है वह घटना के कई दिनों बाद तक थाने पर कार को रिलीज कराने के लिए आता रहा। बाहर हाल आरएसएस के सीधे दखल के बाद अब पुलिस बैकफुट पर है और नित नये घटनाक्रम सामने आ रहे हैं।
सुलगते सवाल: लूटी रकम छोड़ क्यों दी
थाने में दर्ज रिपोर्ट के मुताबिक डकैती 1.40 करोड़ रुपये की हुई थी। इसमें सफल होने के बाद अपनी पत्नी के नाम रजिस्टर कार में सच्चिदानंद राय उर्फ मंटू ने 92.94 लाख रुपये छोड़ क्यों दिया? जो इतनी बड़ी लूट की वारदात को अंजाम दे सकता है, वह अपनी ही पत्नी के नाम से रजिस्टर्ड कार में भला इतनी बड़ी रकम क्यों छोड़ेगा? इन सवालों का जवाब भेलूपुर थाने की पुलिस के पास नहीं है। इस संबंध में गिरफ्तार कर जेल भेजने पर भी आरोपित मंटू के हवाले से भी पुलिस ने कोई भी बात स्पष्ट नहीं की।

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