सपा विधायक प्रभु यादव की सजा पर लगी रोक

चन्दौली जिले में सकलडीहा के सपा विधायक प्रभु नारायण सिंह यादव की छवि इलाके में दबंग की रही है। सूबे में सत्ता परिवर्तन के बाद से कसबल ढीले पड़े हैं लेकिन पुराने मामले अब उभरने लगे हैं। ऐसे ही एक मामले में उन्हें सजा सुनाई गई थी। भले ही विधायक और उनके भाई अनिल यादव को तीन -तीन माह की कैद और जुर्माना एक-एक हजार रुपए अर्थदंड का था लेकिन इससे उन्हें झटका जरुर लगा था। एमपी एमएलए कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव ने सपा विधायक की तरफ से पैरवी की जिसके बाद एडीजे ने निचली अदालत के फैसले पर अपील के निस्तारण तक रोक लगा दी है।
सपा शासन काल का था मामला
गौरतलब है कि सूबे में जब सपा की सरकार थी तब विधायक न रहते हुए भी प्रभु यादव पूरे फार्म में रहते थे। उन्ही दिनों सकलडीहा के विधायक सुशील सिंह थे जिनसे पहले से राजनीतिक प्रतिद्वंदिता रही है। प्रभु यादव सपा में तीन दशक से बने हैं जबकि सुशील बसपा के बाद दो बार सैयदराजा से भाजपा के टिकट पर चुने जा चुके हैं। एक दशक से अधिक समय से दोनों के बीच भिड़ंत होती रही थी। पहले प्रभु यादव ने सुशील सिंह को हराया था जबकि बाद दो दफा हार का सामना करना पड़ा।बलुआ थाने में दर्ज रिपोर्ट के मुताबिक 24 अक्टूबर 2015 की रात विधायक सुशील सिंह अपने समर्थक के यहां जा रहे थे कि चहनियां मार्ग पर प्रभु यादव व उनके भाई के संग बडी संख्या में लोगों ने घेर लिया। विधायक सुशील पर जानलेवा हमले की कोशिश करने के गमना गमन बधित कर बलवा शुरू कर दिया।
पिछले महीने हुई थी सजा
इस वारदात के डेढ़ साल बाद सुशील सिंह ने चुनाव सैयदराजा से लडा जबकि प्रभु यादव ने सकलडीहा से। दोनों ही चुनाव जीत गए लेकिन मामला कोर्ट में चलता रहा। पिछले महीने 24 मई को प्रभु यादव और उनके भाई को सजा सुनाई गई थी। सजा दो साल से कम की थी जिससे सदस्यता पर आंच नहीं आनी थी लेकिन प्रतीकात्मक असर पड़ता दिख रहा था। इसी के चलते इसके खिलाफ अपील हुई थी। बहरहाल सजा पर रोक के साथ प्रभु यादव खेमे को फौरी राहत मिली है। अब यह मामला एमपी-एमएलए कोर्ट में चलेगा। उन्हें 25 -25 हजार के बंधपत्र दाखिल करने के साथ जमानत मिल गई है।

Back to top button