बांदा में महिलाओं का आंदोलन रंग लाया, बनने लगी राजाराम पुरवा की दलित बस्ती की सडक
बांदा में महिलाओं का आंदोलन रंग लाया, बनने लगी राजाराम पुरवा की दलित बस्ती की सडक
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जाब कार्ड,राशन कार्ड भी बनाये,सभी पात्रों को दिये जायेंगे आवास
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जिला प्रशासन ने सत्याग्रही कुचबंधिया महिलाओं की मांगे मानी
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बांदा जिले में पिछले पांच दिन से सत्याग्रह कर रहीं दलित कुचबंधिया महिलाओं की मांगों को मानते हुये यहां के प्रशासनिक अधिकारियों ने उन पर अमल करना शुरु कर दिया है। खंड विकास अधिकारी महुआ, और जिला विकास अधिकारी की देखरेख मे रविवार से यहां सडक निर्माण का काम शुरु करा दिया गया है। पहले दिन तकरीबन 40 मजदूर इस काम मे लगाये गये।
जिले के महुआ ब्लाक के राजाराम पुरवा गांव की दलित कुचबंधिया बस्ती मे पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों ने रविवार को ही बस्ती के सभी मजदूरों के जाबकार्ड बनाकर वितरित कर दिये। राशनकार्डों के लिये आनलाइन आवेदन कराकर एक सप्ताह मे राशन कार्ड सुलभ कराने और सभी पात्र लोगों को आवास दिलाने का भरोसा दिया है। बच्चों की शिच्छा के लिये शीघ्र ही शासन को लिखापढी करके स्कूल खुलवाने को कहा है। गांव पहुंचे सभी अधिकारियों ने सत्याग्रह कर रहीं महिलाओं से करीब दो घंटे तक बातचीत की। बोले-सत्याग्रह खत्म करके अपने-अपने घर जायें। उनकी मांगों से सम्बंधित सारे काम कराये जायेंगे। किन्तु महिलायें इस जिद पर अडी हैं कि काम पूरे होने के बाद ही वे अपना आंदोलन खत्म करेंगी।
गांव की दलित बस्ती की महिलाये सडक, शिच्छा,जाबकार्ड,राशनकार्ड,आवास, बनवाने आदि की मांग को लेकर बीते 21 जून से सत्याग्रह मे डटी हुई हैं। चिंगारी संगठन के अलावा आसपास के 5 गांवों की महिलायें भी उनके समर्थन मे सत्याग्रह कर रहीं हैं। गांव मै सडक निर्माण का काम शुरु होने से सत्याग्रही महिलाओं मे खुशी का माहौल दिखाई पडने लगा है। कहती हैं पिछले 10 साल से हम सब जिला प्रशासन और जन प्रतिनिधियों से बुनियादी सुविधाओं की मांग करते आये हैं। जब किसी ने ध्यान नहीं दिया तब मजबूर होकर सत्याग्रह करना पडा।