बस्ती-लखनऊ हाईवे पर 12 से 16 जुलाई तक नहीं चलेंगे वाहन रहेगा रूट डायवर्जन

बस्ती-लखनऊ हाईवे पर 12 से 16 जुलाई तक नहीं चलेंगे वाहन रहेगा रूट डायवर्जन

 

-जिले को दस जोन, 35 सेक्टर में बांटते हुए निगरानी के लिए तीन सुपर जोनल मजिस्ट्रेट सहित 60 मजिस्ट्रेट होगें तैनात

उप्र कांवड़ यात्रा को लेकर लखनऊ-गोरखपुर हाईवे 12 जुलाई की शाम छह बजे से 16 जुलाई की सुबह तक डायवर्ट रहेगा। इस अवधि में अयोध्या से बस्ती एनएच 28 के सभी लिंक रोड वाहनों के लिए प्रतिबंधित रहेंगे। लखनऊ से बस्ती-गोरखपुर और गोरखपुर से लखनऊ वाया बस्ती की तरफ आने-जाने वाले वाहन वैकल्पिक मार्गों से गुजरेंगे।

बस्ती, संतकबीरनगर और सिद्धार्थनगर समेत अन्य जिलों से काफी संख्या में श्रद्धालु अयोध्या सरयू नदी से पवित्र जल लेने पहुंचते हैं। एसपी गोपालकृष्ण चौधरी ने बताया कि एनएच 28 पर बाईं लेन का उपयोग कावंड़िए करेंगे और दूसरी लेन आवश्कतानुसार एम्बुलेंस आदि वाहनों के लिए इस्तेमाल की जाएगी। 12 जुलाई की शाम छह बजे से फोरलेन पर सभी वाहनों को डायवर्ट करना शुरू कर दिया जाएगा। यह व्यवस्था 16 को कांवड़ यात्रा और मेला सम्पन्न होने तक प्रभावी रहेगी। श्रावण मास की तेरस (15 जुलाई) को शिवालयों पर जलाभिषेक करेगें. भीड कम होने पर फोरलेन का डायवर्जन समाप्त कर दिया जाएगा।

एसपी ने कहा कि जनपद में पर्याप्त पुलिस बल तैनात रहेगा। कांवड़ मार्ग पर रूट डायवर्जन कर कटों को बंद किया जाएगा। जो शरारतीतत्व माहौल खराब करने का प्रयास करेंगे, उनको किसी भी दशा में बख्शा नहीं जाएगा। कांवड़ यात्रा के दौरान इस बार सभी कांवड़ शिविरों में प्लास्टिक बैन रहेगी। जिला प्रशासन प्लास्टिक बैन को लेकर पूरी तरह सक्रिय है।

डीएम प्रियंका निरंजन ने बताया कि कांवड़ यात्रा के लिए जिले को दस जोन, 35 सेक्टर में बांटते हुए निगरानी के लिए तीन सुपर जोनल मजिस्ट्रेट सहित 60 मजिस्ट्रेट लगाए जाएंगे। पूरा कांवड़ मार्ग सुरक्षा घेरे में होगा। डीएम ने कहा कि सभी एसडीएम पुलिस अधिकारियों के साथ अपने क्षेत्रों में भ्रमण कर कांवड़ मार्ग की दशा व स्थिति का आकलन कर तीन दिन में रिपोर्ट देंगे। सभी कांवड़ मार्ग हर दशा में चौड़े व गड्ढा मुक्त होने चाहिए। वहां पर पेयजल, सफाई व प्रकाश आदि के साथ चिकित्सा की भी पूर्ण व्यवस्था हो। इसके लिए संबंधित विभाग तैयारी शुरू कर दें। नगरीय क्षेत्र में नगर निकाय और देहात क्षेत्र में जिला पंचायत सफाई आदि की व्यवस्था देखेगा। स्वास्थ्य, नगर निगम, विद्युत, लोकनिर्माण विभाग, पुलिस, जिला पंचायत, बीडीए और सिंचाई विभाग आदि अपनी कार्ययोजना के साथ नोडल अधिकारी भी नामित करें। उन्होंने पीडब्ल्यूडी अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह कांवड़ मार्ग पर पड़ने वाले कट्स को पुलिस-प्रशासन के साथ समन्वय बनाकर बंद कराएं। विद्युत विभाग के अधिकारी कांवड़ मार्ग पर पड़ने वाले सभी जर्जर तारों को शीघ्र बदलवाएं। कांवड़ कैंपों में अस्थायी विद्युत कनेक्शन देने से पहले सुरक्षा मानकों का पूर्ण ध्यान रखें।

 

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