बांस और जामुन के पौधों से लहलहाएगी झांसी की सुखनई और लखेरी नदी
बांस और जामुन के पौधों से लहलहाएगी झांसी की सुखनई और लखेरी नदी
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वृच्छारोपण अभियान मे नंदन वन,ग्राम वन,आयुष वन के अतिरिक्त की जाएगी आंवला वन, कटहल वन, सागौन वन, नीम वन, और अर्जुन वन की स्थापना
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झांसी | डीएम रविंद्र कुमार ने वृक्षारोपण अभियान-2023 को सफल बनाने के लिये शुक्रवार को विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ वृक्षारोपण की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होने कहा कि वृक्षारोपण अभियान – 2023 के तहत सरकार ने 35 करोड़ पौधारोपण का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके तहत 22 जुलाई,को 30 करोड़ और 15 अगस्त को 5 करोड़ पौधों को रोपित किया जाना है। 22 जुलाई को प्रदेश के सभी कार्यालयों में आधे दिन का अवकाश रखने के निर्देश दिये गये हैं। इस दिन प्रदेश के समस्त कर्मी कम से कम एक पेड़ घर, घर के बाहर, पार्क, सड़क, कॉलोनी आदि में अवश्य लगायें।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में प्रत्येक राजस्व ग्राम व नगरीय क्षेत्र के प्रत्येक वार्ड में अधिक से अधिक पेड़ लगाये जायें। ग्राम सभाओं में प्रस्ताव पारित करते हुए ‘हर खेत में मेड़, हर मेड़ पर पेड़’ के तहत किसानों को मेड़ों पर पेड़ लगाने के लिये प्रोत्साहित किया जाये। नगर निकायों में हर घर नल योजना के तहत जिन लोगों को नल कनेक्शन दिये गये हैं, उनके द्वारा भी कम से कम एक- एक पौधे का रोपण कराया जाये।
जिलाधिकारी ने कहा कि वृक्षारोपण अभियान में एनजीओ, धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं, एनएसएस, स्काउड गाइड, एनसीसी आदि को भी सम्मिलित किया जाये। जनपद में नन्दन वन की स्थापना की जाये। इसके अतिरिक्त अभियान के तहत ग्राम वन,आयुष वन के साथ ही आंवला वन, कटहल वन, सागौन वन,नीम वन, अर्जुन वन की भी स्थापना करायी जाये। उन्होंने निर्देश दिए कि शिक्षण संस्थानों में भी विद्यार्थियों के द्वारा पौधारोपण कराया जाये। मनरेगा योजनान्तर्गत सामुदायिक व अन्य खाली पड़ी भूमि पर वृक्षारोपण कराया जाये। ग्राम सभा, नवीन, पुरानी परती भूमि बंजर भूमि, चारागाह, नदियों के किनारे की भूमि, ग्रामीण सडकों के किनारे, खेल के मैदान, अमृत सरोवर के चारो तरफ वृक्षारोपण कराया जाये।
डीएम रविन्द्र कुमार ने कहा कि जिले की सुखनई नदी और लखेरी नदी के तटों पर बांस और जामुन के पौधे रोपकर नदी किनारे की भूमि को हरा-भरा किया जायेगा। उन्होंने बताया कि एनजीटी ने टिम्बर इंडस्ट्री पर लगायी गई रोक को हटा दिया है। इसलिये किसान अब पेड़ों को बेच भी सकते हैं।
विभागीय अधिकारियों को कहा कि समय से पौधों का ढुलान करने के लिये पर्याप्त श्रमिकों की व्यवस्था पूर्व से ही सुनिश्चित कर ली जाए। पौधों को वन विभाग की पौधशाला से सुरक्षित ढंग से उठाते हुए रोपण स्थल तक सुरक्षित पहुंचाने,उनकी देखभाल और सिंचाई की पर्याप्त ब्यवस्था की जाये।