गोण्डा के एक दर्जन गांव बाढ के पानी से घिरे पचास हजार की आबादी प्रभावित 

गोण्डा के एक दर्जन गांव बाढ के पानी से घिरे पचास हजार की आबादी प्रभावित

बाढ के पानी से घिरे लोग जानवरो से सहित कर रहे पलायन

नदी खतरे के निशान से 44 सेंटीमीटर ऊपर

 

गोण्डा।  नवाबगंज क्षेत्र के  बाढ़ग्रस्त करीब एक दर्जन गांवो की पचास हजार की आबादी सरयू के बाढ़ के पानी से प्रभावित ब्यौदामाझा के सभी मजरे बाढ से घिरे लोगों का पलायन शुरु इस बाढ के सम्बन्ध मे केन्द्रीय जल आयोग अयोध्या की माने तो खतरे के निशान से 44  सेंटीमीटर ऊपर बह रही नदी जलस्तर 93. 140 है नदी की बढते जलस्तर को लेकर माझावासियो की धड़कने बढ रही है जिम्मेदार बेखबर सो रहे हैं।

 

मिली जानकारी अनुसार नवाबगंज क्षेत्र के बाढ़ग्रस्त  करीब एक दर्जन गांवो के करीब पचास हजार की आबादी रोजमर्रा की जरुरतों के लिए मशक्कत करती नजर आ रही है।  वही बाढ़ग्रस्त गांव ब्यौदामाझा के सभी 14मजरो से अधिकांश लोग अपने घर बार छोड़कर और पालतू पशुओं को लेकर बाहर निकल रहे गांव के प्रधान केशवराम यादव ने कहा कि गांव की करीब 2500 आबादी है ऐसा कोई घर नही जहा के आसपास पानी ना भरा हो कुछ दिन पहले जब पानी भरना शुरू हुआ था तभी एडीएम ने दो लोगों को पानी से प्रभावित परिवार को बाहर कराया था पर आज की इस भयावह स्थित मे पुरा गांव के लोगों की रोजमर्रे की जरुरतों व भरण-पोषण के लिए घर बार छोडककर बाहर जाना पड रहा है।

बाढ़ग्रस्त दत्तनगर,साकीपुर ,चौखडिया ,तुलसीपुर माझा, जैतपुर माझा, दुर्गागंज ,माझाराठ सहित करीब 1 दर्जन गांव के पचास हजार की आबादी इस बाढ से प्रभावित किया है। अगर जलस्तर बढता रहा तो बीते दिनो की बाढ का रेकार्ड टूटने का डर लोगों को सता रहा है कहने को तो बाढ़ग्रस्त इलाको मे बाढ चौकी एलर्ट मोड पर है पर बाढ़ग्रस्त इलाको मे अभी तक लोगों को राहत के नाम कुछ नही दिखाई दिया और ना दिख रहा है।

इस बाढ के बाबत एसडीएम तरबगंज भारत भार्गव से उनके सरकारी नंबर पर बात करने का प्रयास किया गया पर किन्हीं कारणों से उनका मोबाइल नंबर नही उठा और कोई बात नही हो पाया है। बाढ़ग्रस्त इलाकों मे खासकर ब्यौदामाझा गांव के लोग अपने घरों से अपने परिजनों और पालतू पशुओं को लेकर सुरक्षित स्थान पर जाने लगे हैं ।वह अपने रोजमर्रा की जरुरतों बच्चों के पठन पाठन को लेकर भी सशंकित नजर आये वही सरकारी व्यवस्था से भी असंतुष्ट दिखे तरबगंज मे तो कुछ लोगो को बाढ़ राहत के रुप मे स्थानीय विधायक ने कुछ राहत दिया पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों व सरकारी अधिकारियों से अभी तक कोई भी राहत नहीं मिली है इससे भी लोग आहत नजर आये हैं।

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