बस्ती के गीतिका को मिला इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग की कमान
बस्ती के गीतिका को मिला इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग की कमान
उप्र बस्ती जिले की बेटी गीतिका श्रीवास्तव को इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग की कमान मिल गई है।गीतिका के इस उपलब्धि से माता-पिता बहुत खुश हैं। पिता जीपी श्रीवास्तव और मां डॉ. गीता श्रीवास्तव बतातीं हैं कि बेटी को देश सेवा करते देखने से बड़े गर्व की बात और क्या हो सकती है। उन्हें करीब चार दिन पूर्व बेटी को पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग की प्रभारी बनने की जानकारी मिली थी।
शहर के जेल रोड स्थित राजपूत कॉलोनी निवासी जीपी श्रीवास्तव रिटायर्ड बैंक अधिकारी हैं। वह मूलरूप से लालगंज थानाक्षेत्र के कैतहा गांव के रहने वाले हैं। उनकी बेटी गीतिका श्रीवास्तव 2005 बैच की आईएफएस (भारतीय विदेश सेवा) अफसर हैं। बस्ती के शिवहर्ष किसान पीजी कॉलेज से अर्थशास्त्रत्त्, गणित और कम्प्यूटर साइंस में बीएससी की पढ़ाई 2001 में पूरी की। उन्हें तीनों विषयों में गोल्ड मेडल मिला। इसके बाद जेएनयू से 2003 में अर्थशास्त्रत्त् से परास्नातक किया। इसी वर्ष एमफिल में प्रवेश ले लिया। पढ़ाई के दौरान ही 2005 में प्रथम प्रयास में सिविल परीक्षा में गीतिका का चयन हो गया। उनका चयन आईएएस कैडर के लिए हुआ था, लेकिन उन्होंने आईएफएस चुना। गीतिका की पहली पोस्टिंग बीजिंग में हुई। यहां वह 2007 से 2009 तक कार्यरत रहीं और फिर नई दिल्ली लौट आईं। इसी साल पहली रिजिनल पासपोर्ट अधिकारी कोलकाता के पद पर तैनाती हो गई। करीब छह साल तक सेवा दीं। 2017 में दोबारा बीजिंग में डिप्टी सेक्रेट्री के पद पर तैनाती मिली और 2019 में वापस लौंटी। 2022 में गीतिका का प्रमोशन ज्वाइंट सेक्रेट्री के पद पर हो गया। वर्तमान में गीतिका संयुक्त सचिव (इंडो-पैसफिक) के पद पर कार्यरत हैं