भारत बांग्लादेश सीमा पर बीएसएफ की कारवाई में बांग्लादेशी तस्कर ढेर

24 घंटों में सीमा पर 38 बांग्लादेशी और 12 भारतीय घुसपैठियों को पकड़ा गया

अशोक झा, सिलीगुड़ी:
भारत बांग्लादेश सीमांत दक्षिण बंगाल सीमांत के जिला नदिया स्थित भारत-बांग्लादेश सीमा पर बीएसएफ के जवानों ने तस्करी की कोशिश को नाकाम कर दिया। इस दौरान तस्करों ने बीएसएफ जवानों पर हमला बोल दिया। बीएसएफ के जवानों की कार्रवाई में एक बांग्लादेशी तस्कर ढेर हो गया। इसकी पुष्टि दक्षिण बंगाल सीमांत के प्रवक्ता डीआईजी, ए के आर्य ने बताया कि भारत-बांग्लादेश सीमा पर रात करीब 9.30 बजे बीएसएफ की सीमा चौकी नूनागंज के जवानों ने संदिग्ध गतिविधि देखी। दो से तीन तस्कर तस्करी के लिए तारबंधी को काट रहे हैं। जवानों ने उनको रूकने की चेतावनी नजरंदाज कर दिया। जब जवानों ने तस्करों को पास जाकर रोकना चाहा तो उन्होंने धारदार हथियार से जवानों पर हमला कर दिया। इसी पर जवानों ने नॉन लीथल हथियार से दो चक्र फायर किए। इस पर तस्कर और आक्रामक हो गए। इस पर जवानों ने आत्मरक्षा में लीथल हथियार से एक चक्र फायर किया। कुछ तो अंधेरे का फायदा उठाते हुए बांग्लादेश की ओर भाग गए जबकि जवाबी कार्रवाई में एक बांग्लादेशी तस्कर की मौके पर ही मौत हो गई। आर्य ने बताया कि इसके बाद इलाके की गहन तलाशी ली गई, जिसमें जवानों ने मौके से 50 बोतलें फेंसेडिल, लोहे का एक बड़ा दाह, तार काटने में काम लिया जाने वाला कटर और टॉर्च जब्त की। बीएसएफ ने इसकी जानकारी तुरंत पुलिस थाना कृष्णगंज को दी गई। तस्करों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवायी गई है तथा जब्त फेंसेडिल और अन्य सामान को पुलिस अपने साथ ले गई।
तस्कर अक्सर करते हैं जवानों पर जानलेवा हमला: आर्य
दक्षिण बंगाल सीमांत के प्रवक्ता डीआईजी, एके आर्य ने बताया की भारत-बांग्लादेश सीमा पर बीएसएफ जवान अपनी जान की परवाह किए बैगर सीमा पर मुस्तैद रहते हैं। जब तस्करों को उनके गलत मंसूबों में सफ़लता नहीं मिल पाती तो वे झुंझलाकर जवानों पर जानलेवा हमला करते हैं, जिसकी वजह से कई बार हमारे जवान गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं। जवान अपनी और सरकारी संपत्ति की सुरक्षा के साथ-साथ तस्करी को रोकने के लिए कड़े कदम उठाते हैं, जिसके परिणामस्वरूप कई बार तस्करों को इसके गंभीर परिणाम भी भुगतने पड़ते हैं। बीएसएफ दक्षिण बंगाल सीमांत के जन संपर्क अधिकारी एके आर्य, डीआईजी ने बताया कि पिछले 24 घंटों में सीमा चौकी सिंगामोरा के जवानों ने तीन अलग-अलग जगह से 45 तस्करो को गिरफ्तार किया गया। इसमें 32 बांग्लादेशी शामिल हैं, जिन्होंने सीमा पार कर भारत आने की कोशिश की, जबकि 13 भारतीय हैं, जिन्होंने अवैध रूप से पड़ोसी देश में जाने का प्रयास किया। 38 बांग्लादेशी और भारतीय घुसपैठियों को गैर कानूनी तरीके से भारतीय सीमा में प्रवेश करते दबोचा। पकड़े गए व्यक्तियों में 20 महिलाएं, चार बच्चे और 4 पुरुष बांग्लादेशी नागरिक हैं तथा संदिग्ध भारतीय नागरिकों में छह महिलाएं, तीन बच्चे और 1 पुरुष शामिल है।
इसी के साथ एक और घटना में 68वीं वाहिनी की सीमा चौकी रनघाट के जवानों ने दो घटनाओं में सात घुसपैठियों को गैर कानूनी तरीके से भारत-बांग्लादेश सीमा पार करने के दौरान गिरफ्तार किया। पकड़े गए बांग्लादेशी नागरिकों में तीन महिलाएं और एक पुरुष शामिल हैं तथा भारतीय नागरिकों में दो पुरुष और महिला महिला दलाल शामिल है। पकड़े गए बांग्लादेशी नागरिक बारीसाल, मानिकगंज और जशोर जिलों के रहने वाले हैं तथा भारतीय दलाल सीमावर्ती गांव कुलिया और ओलडंगा, जिला उत्तर 24 परगना के रहने वाले हैं। पूछताछ के दौरान पकड़े गए बांग्लादेशी नागरिकों के बयानों से पता चला है कि बांग्लादेशी नागरिक बेहतर जीवनयापन और पैसे कमाने के इरादे से भारत के विभिन्न शहरों से आ रहे थे। इसके अलावा, भारतीय नागरिकों ने पूछताछ में बताया कि वे अपने रिश्तेदारों से मिलने के लिए बांग्लादेश जा रहे थे। पकड़े गए बांग्लादेशी और भारतीय नागरिकों को जब्त किए गए सामान के साथ पुलिस थाना बागदाह को सौंप दिया गया है।

Back to top button