श्रीराम जन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर विहिप की तैयारियां तेज

अयोध्या। श्रीराम जन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा समारोह कार्यक्रम को व्यापक बनाने के लिये विश्व हिंदू परिषद ने अपनी संगठनात्मक शक्ति लगानी शुरू की,देश भर के संतों का प्रतिनिधत्व हो,आमंत्रण देने की प्रक्रिया प्रारंभ हो इसको लेकर विहिप की अखिल भारतीय धर्माचार्य संपर्क प्रमुखों की तीर्थ क्षेत्र भवन रामकोट में चल रही दो दिवसीय बैठक संपन्न हो गई।
विहिप उपाध्यक्ष और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चम्पत राय ने देश के विभिन्न प्रांतो से आये धर्माचार्य संपर्क प्रमुखों की बैठक को संबोधित करते हुये कहा कि प्राणप्रतिष्ठा समारोह अपने व्यापक स्वरूप को प्राप्त करेगा,संपूर्ण राष्ट्र का हर घर राममय हो इसके लिए घर घर संपर्क होगा।प्राण प्रतिष्ठा तिथि पर रामभक्त पांच दीपक घर की चौखट पर अवश्य जलायें और दीपोत्सव मनायेंगे।
श्रीराय देश के विभिन्न राज्यों से आये धर्माचार्य संपर्क प्रमुखों के बीच अपने विचार प्रकट कर रहे थे।उन्हों ने कहा श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के इस महाअभियान में संतों का अतुलनीय योगदान रहा जिसे विस्मृत नही किया जा सकता है।
उन्हों ने संपर्क प्रमुखों को बताया कि श्रीराम जन्मभूमि का निर्माण कार्य अपनी गति से चल रहा है।जो समय से पूर्ण हो जायेगा।सोलह जनवरी से चौबीस जनवरी के मध्य गर्भगृह में श्रीराम लला विराजमान हो जायेंगे।
पूजन उत्सव में प्रत्येक राज्य की सहभागिता हो इसके लिए हर पंथ संप्रदाय और जातियों के संतों से संपर्क आवश्यक है।प्राणप्रतिष्ठा में अयोध्या धाम आने वाले चार हजार संतों के लिये श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र द्वारा भोजन आवास की व्यवस्था जा रही है।
बैठक को अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री महामंडलेश्वर जितेंद्रानंद सरस्वती ने भी संबोधित किया,कहा श्रीराम सामाजिक समन्वय के अधीष्ठाता हैं,लोककल्याण के लिये उनकी समस्त यात्रा हुई।एक लंबें संघर्ष के उपरांत भगवान अपने सिंहासन पर आसीन होने जा रहे हैं।देश का इस महाउत्सव का साक्षी बनने जा रहा हैऔर रामभक्तों के स्वप्न की सिद्धि भी होने जा रही है। इस उत्सव मे हर स्तर पर हम सभी सहयोगी बने जो कार्य प्राप्त हो उसे मंत्र माने और उसे क्रियान्वित करें।
बैठक का संचालन विहिप केंद्रीय मंत्री अखिल भारती धर्माचार्य संपर्क प्रमुख अशोक तिवारी ने किया, इससे पूर्व श्री तिवारी ने बैठक के विभिन्न सत्रों के संबंध में बताते हुये कहा कि प्राणप्रतिष्ठा आयोजन में तीर्थ क्षेत्र को हर स्तर पर संगठन का सहयोग प्राप्त होगा।संपर्क प्रमुखों द्वारा मठ मंदिरों में निवास करने वाले संतो से संपर्क तो होगा ही इसके अलावा वनवासी और गिरवासी क्षेत्रों में स्थित मंदिरों से भी संपर्क होगा। उन्हों ने कहा भगवान राम ने जिस प्रकार उत्तर दक्षिण और पूर्व पश्चिम के राज्यों में निवास करने वालों
को अपने साथ जोड़कर रामराज्य की स्थापना की ठीक उसी प्रकार इस समारोह के द्वारा संपूर्ण राष्ट्र जुड़ने जा रहा है,इसमें सहायक बनेंगे संपर्क प्रमुख।
बैठक में केंद्रीय संयुक्त मंत्री रासविहारी सहित उत्तर प्रदेश,उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश,छत्तीसगढ़, राजस्थान,उड़ीसा,पश्चिम बंगाल,गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु, आसाम,दिल्ली, पंजाब आदि के प्रमुख उपस्थित रहे।

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