अभिषेक बनर्जी ने कहा है कि प्रवर्तन निदेशालय ने एक बार फिर दिया समन कहा, विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए दिल्ली जाऊंगा, अगर रोक सकते हो तो मुझे रोक लो

सिलीगुड़ी: तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता अभिषेक बनर्जी ने कहा है कि प्रवर्तन निदेशालय ने एक बार फिर उन्हें समन जारी कर तलब किया है। उन्होंने दावा किया है कि दिल्ली में ‘इंडिया’ गठबंधन की अहम को-ऑर्डिनेटिंग मीटिंग के समय उन्हें ईडी ने बुलाया था और अब उस दिन बुलाया जब पश्चिम बंगाल की खातिर दिल्ली में एक प्रदर्शन किया जाना है। बंगाल में स्कूल में नौकरी के लिए कथित तौर पर करोड़ों रूपये लिए जाने के मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अब तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के माता-पिता लता बनर्जी और अमित बनर्जी को तलब किया है। उन्‍हें इस मामले में पूछताछ के लिए अगले सप्ताह बुलाया गया है। अभिषेक बनर्जी द्वारा एक्स पर यह जानकारी दिए जाने के ठीक एक घंटे बाद यह जानकारी सामने आई कि उन्हें मामले में पूछताछ के लिए 3 अक्टूबर को ईडी के साल्ट लेक कार्यालय में बुलाया है।सूत्रों ने कहा कि उनके माता-पिता को उस कंपनी के निदेशक के रूप में बुलाया गया है जहां अभिषेक बनर्जी सीईओ हैं। स्कूल नौकरी मामले में केंद्रीय एजेंसी की जांच के दौरान कॉर्पोरेट इकाई का नाम सामने आया। अभिषेक बनर्जी, टीएमसी महासचिव: सूत्रों ने कहा कि लता बनर्जी और अमित बनर्जी दोनों को ईडी अधिकारी ने अगले सप्ताह ईडी के उक्त कार्यालय में उक्त कॉर्पोरेट इकाई के निदेशक के रूप में उनके जुड़ाव से संबंधित प्रासंगिक कागजात और दस्तावेजों के साथ उपस्थित होने के लिए कहा है। सूत्र ने कहा, दोनों को अपनी संपत्ति और निवेश के विवरण वाले दस्तावेजों के साथ आने के लिए भी कहा गया है।।हाल ही में, कलकत्ता उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा की एकल-न्यायाधीश पीठ ने भी ईडी को लता बनर्जी की संपत्ति का विवरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। मामले में अगली सुनवाई शुक्रवार को होनी है। इस बीच, पूरे घटनाक्रम पर राजनीतिक घमासान सामने आ गया है। तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य डॉ. शांतनु सेन ने कहा कि घटनाक्रम से स्पष्ट है कि चूंकि भाजपा अभिषेक बनर्जी की जनप्रियता से भयभीत है, इसलिए केंद्रीय एजेंसियों को उनके खिलाफ इस तरह से तैनात किया गया है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि चूंकि अदालत ने जांच आगे नहीं बढ़ाने के बारे में कोई निर्देश नहीं दिया है, इसलिए केंद्रीय एजेंसी को पूछताछ के लिए नोटिस जारी करने का अधिकार है। उन्होंने कहा, ”ईडी के समन को चुनौती देने के लिए अदालत के दरवाजे उनके लिए हुए खुले हैं। तृणमूल कांग्रेस नेता अभिषेक बनर्जी ने कहा है कि प्रवर्तन निदेशालय ने एक बार फिर उन्हें समन जारी कर तलब किया है। उन्होंने दावा किया है कि दिल्ली में ‘इंडिया’ गठबंधन की अहम को-ऑर्डिनेटिंग मीटिंग के समय उन्हें ईडी ने बुलाया था और अब उस दिन बुलाया जब पश्चिम बंगाल की खातिर दिल्ली में एक प्रदर्शन किया जाना है। बनर्जी के मुताबिक, उन्हें जांच एजेंसी ने 3 अक्टूबर को बुलाया है।
क्या कहा अभिषेक बनर्जी ने?
अभिषेक बनर्जी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपनी पोस्ट के जरिये बताया, ”इस महीने की शुरुआत में ईडी ने मुझे दिल्ली में ‘इंडिया’ गठबंधन एक महत्वपूर्ण समन्वय बैठक के दिन बुलाया था। मैं कर्तव्य निभाते हुए उपस्थित हुआ और दिए गए समन का पालन किया।
बनर्जी ने एक और पोस्ट में कहा, ”अब आज एक बार फिर उन्होंने मुझे उस दिन पेश होने के लिए एक और समन भेजा है जब पश्चिम बंगाल के सही बकाए के लिए 3 अक्टूबर को दिल्ली में विरोध प्रदर्शन होना है। यह साफ रहस्योद्घाटन स्पष्ट रूप से उन लोगों को उजागर करता है जो वास्तव में चिंतित, परेशान और डरे हुए हैं!
क्यों हो रही है अभिषेक बनर्जी से पूछताछ?
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने अपनी पोस्ट में समन की एक कॉपी शेयर की है। जिसके मुताबिक, टीएमसी नेता को कोलकाता के सीजीओ कॉम्पलेक्स स्थित ईडी के कार्यालय में 3 अक्टूबर को सुबह 10:30 बजे हाजिर होने के लिए कहा गया है। बता दें कि पश्चिम बंगाल के कथित स्कूल जॉब्स स्कैम मामले में ईडी अभिषेक बनर्जी से पूछताछ कर रही है। ईडी ने पिछली बार उन्हें 13 सितंबर को पूछताछ के लिए बुलाया था। जांच एजेंसी ने उनसे करीब 9 घंटे तक पूछताछ की थी। तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी ने शुक्रवार को कहा कि वह 3 अक्टूबर को कोलकाता में स्कूल नौकरियों घोटाले के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय की पूछताछ में शामिल नहीं होंगे और मनरेगा के तहत राज्य का बकाया रोकने के केंद्र के फैसले के खिलाफ नई दिल्ली में एक विरोध रैली में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की वंचना और उसके उचित बकाये के खिलाफ लड़ाई बाधाओं के बावजूद जारी रहेगी। विश्व की कोई भी ताकत पश्चिम बंगाल के लोगों और उनके मौलिक अधिकारों के लिए लड़ने के मेरे समर्पण में बाधा नहीं बन सकती। मैं 2 और 3 अक्टूबर को विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए दिल्ली जाऊंगा। अगर रोक सकते हो तो मुझे रोक लो। @ रिपोर्ट अशोक झा

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