बंगाल के राज्यपाल सीबी आनंद पहुंचे उत्तर बंगाल बाढ़ प्रभावित इलाके में
कहा, इस प्रकार का आपदा ना आए इसका स्थाई समाधान की जरूरत है
सिलीगुड़ी: सिक्किम की लाचेन घाटी में तीस्ता नदी में अचानक आई बाढ़ से कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई है और सेना के 22 जवान समेत 102 लोग लापता बताए जा रहे है। लापता एक जवान को बचा लिया गया है। बड़ी संख्या में आम लोग भी लापता हैं। सिक्किम के तिस्ता में अचानक तेज बहाव से उत्पन भयावह स्थिति लून झील में बाढ़ के कारण चुंगथांग बांध टूट गया बनवासी सिक्किम के कई इलाके कंक्रीट का पुल टूट गया है। सिक्किम सरकार ने जानकारी साझा करते हुए बताया है कि इस त्रासदी में अब तक 14 लोगों की मौत की खबर है वहीं,राष्ट्रीय राजमार्ग ध्वस्त हो गया ऐसे में पश्चिम बंगाल के तीस्ता बैराज पर भी पानी का भारी दबाव हो गया है। जिसके कारण कालिम्पोंग, दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी और कूचबिहार के कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है। राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने प्रभावित इलाकों का दौरा किया। वे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करने पहुंचे।गुरुवार की सुबह वह सिलीगुड़ी के बागडोगरा हवाईअड्डे पर उतरे और सीधे सेवक कालीझोड़ा से सटे सीतीझोरा के प्रभावित इलाके का दौरा किया। फिर वह सीधे जलपाईगुड़ी जिले के लिए रवाना हो गए। उन्होंने यहां प्रशासनिक अधिकारियों, स्थानीय लोगों ओर सहायता में जुटे लोगों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि इस प्राकृतिक आपदा में काफी नुकसान हुआ है। वे इस समस्या के स्थाई समाधान और कारणों का पता लगाएंगे। सेना की ओर से जानकारी दी गई है की बंगाल से हिल्स आने जाने के लिए वैकल्पिक पुल बनाया जा रहा है। पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में बाढ़ प्रभावित इलाकों से 10,000 लोगों को बचाया है। पश्चिम बंगाल का उत्तरी भाग सिक्किम के साथ सीमा साझा करता है, जहां बुधवार को तीस्ता नदी में अचानक बाढ़ आ गई। नवीनतम अपडेट के अनुसार, राज्य के उत्तरी भाग में कलिम्पोंग, दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी और कूच बिहार जिलों में 5,800 लोगों को निकाला गया, जबकि दक्षिण में हावड़ा, हुगली, पश्चिम मेदिनीपुर, पुरुलिया और बांकुरा जिलों में 5,018 अन्य लोगों को बचाया गया।सिक्किम में आई प्राकृतिक आपदा में अभी तक 14 लोगों की मौत हो गई है और 102 लोग लापता बताए जा रहे हैं। लापता लोगों में 22 सैन्यकर्मी भी हैं। एक सैनिक जिसे रेस्क्यू किया गया था उसका इलाज जारी है और उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है। इस आपदा में 20 हजार लोग प्रभावित हुए हैं। तीस्ता नदी में पश्चिम बंगाल तक सर्च ऑपरेशन जारी है। इस बीच भारतीय सेना ने सिक्किम में अचानक आई बाढ़ के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए।
पूर्वी सिक्किम के लिए सेना हेल्पलाइन- 8756991895
उत्तरी सिक्किम के लिए सेना का हेल्पलाइन नंबर- 8750887741
23 लापता व्यक्तियों के लिए सेना की हेल्पलाइन- 7588302011
तीस्ता नदी में तेजी से बढ़ा था पानी
बता दें कि, सिक्किम के मंगन जिले की लोनाक झील के कुछ हिस्सों में ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड के कारण तीस्ता नदी के निचले हिस्से में बहुत तेजी से जल स्तर में वृद्धि हुई थी. इससे मंगन, गंगटोक, पाकयोंग और नामची जिलों में बड़ा नुकसान पहुंचा है. उत्तरी सिक्किम में ल्होनक झील के कुछ हिस्सों में झील के फटने से पानी का स्तर लगभग 15 मीटर/सेकंड के उच्च वेग के साथ बढ़ गया था।सिक्किम में आई प्राकृतिक आपदा के बाद लापता 23 सैन्यकर्मियों में से एक को रेस्क्यू किया गया है। सैनिक का इलाज जारी है और उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है। इसके साथ ही लापता 22 अन्य सैनिकों की तलाश के लिए अभियान चलाया जा रहा है। तीस्ता नदी में तेजी से बढ़ा था पानी: बता दें कि, सिक्किम के मंगन जिले की लोनाक झील के कुछ हिस्सों में ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड के कारण तीस्ता नदी के निचले हिस्से में बहुत तेजी से जल स्तर में वृद्धि हुई थी. इससे मंगन, गंगटोक, पाकयोंग और नामची जिलों में बड़ा नुकसान पहुंचा है। उत्तरी सिक्किम में ल्होनक झील के कुछ हिस्सों में झील के फटने से पानी का स्तर लगभग 15 मीटर/सेकंड के उच्च वेग के साथ बढ़ गया था।।गंगटोक के उप जिला मजिस्ट्रेट (एसडीएम) महेंद्र छेत्री ने बताया, “गोलिटार और सिंगताम क्षेत्र से पांच शव बरामद किए गए हैं।
स्थिति पर लगातार है नजर
उधर, कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) ने बैठक की और सिक्किम में स्थिति की समीक्षा की। सिक्किम के मुख्य सचिव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में शामिल हुए और समिति को राज्य की ताजा स्थिति से अवगत कराया।उन्होंने समिति को राहत और बचाव उपाय करने में राज्य सरकार के प्रयासों के बारे में भी जानकारी दी। गृह सचिव ने समिति को बताया कि केंद्र सरकार उच्चतम स्तर पर स्थिति पर 24×7 नजर रख रही है। गृह मंत्रालय (एमएचए) के दोनों नियंत्रण कक्ष स्थिति पर नजर रख रहे हैं और हर संभव मदद दी जा रही है।
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने पहले ही तीन टीमें तैनात कर दी हैं और अतिरिक्त टीमें गुवाहाटी और पटना में तैयार हैं। बचाव और बहाली प्रयासों में राज्य की सहायता के लिए सेना और वायु सेना की पर्याप्त संख्या में टीमें तैनात की जा रही है।।सुरंग मे फंसे लोगों को निकालने का काम जारी
केंद्रीय एजेंसियों और सिक्किम सरकार के राहत और बचाव उपायों की समीक्षा करते हुए कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने इस बात पर जोर दिया कि चुंगथांग बांध की सुरंग में फंसे लोगों और पर्यटकों को निकालने का काम प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। उन्होंने आगे कहा कि एनडीआरएफ की अतिरिक्त टीमों को तैनात किया जाना चाहिए और सड़क, दूरसंचार और बिजली की कनेक्टिविटी को कम से कम समय में बहाल किया जाना चाहिए। झील पर बादल के फटने से चुंगथांग बांध भी बह गया, जो राज्य की सबसे बड़ी जलविद्युत परियोजना है. यह 1,200 मेगावाट तीस्ता चरण तीन जलविद्युत परियोजना का हिस्सा है जिसमें राज्य सरकार प्रमुख रूप से हितधारक है। उत्तरी सिक्किम में ल्होनक झील पर बादल फटने से तीस्ता नदी में अचानक बाढ़ आने के बाद आठ लोगों की मौत हो गई और 22 सैन्यकर्मी समेत 69 लोग लापता हो गए। हैदराबाद स्थित नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर द्वारा जारी उपग्रह चित्रों से पता चला है कि दक्षिणी ल्होनक झील का क्षेत्रफल, 17 सितंबर की तुलना में 100 हेक्टेयर से अधिक कम हो गया है। यह दर्शाता है कि झील पर बादल के फटने से उत्तरी सिक्किम में तीस्ता नदी बेसिन में अचानक बाढ़ आ गई। अधिकारियों के मुताबिक इस घटना में कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई और 22 सैन्यकर्मियों समेत 69 लोग लापता हैं। केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘नेपाल में आया भूकंप सिक्किम में अचानक आई बाढ़ का कारण हो सकता है। झील पहले से ही असुरक्षित थी और 168 हेक्टेयर में फैली हुई थी। इसका क्षेत्रफल अब कम होकर 60 हेक्टेयर हो गया है। अधिकारी ने कहा कि हालांकि अभी यह पता लगाना मुश्किल है लेकिन बादल फटने से ऐसे नतीजे नहीं आते। घटनास्थल पर गए कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि भूकंप के कारण वहां बाढ़ आई होगी। उन्होंने कहा कि बाढ़ की चेतावनी बांग्लादेश के साथ भी साझा की गई है।नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर (एनआरएससी) उपग्रह इमेजरी से पता चला कि झील लगभग 162.7 हेक्टेयर में फैली हुई थी। 28 सितंबर को इसका क्षेत्रफल बढ़कर 167.4 हेक्टेयर हो गया और भारी गिरावट के साथ 60.3 हेक्टेयर रह गया. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख केंद्रों में से एक राष्ट्रीय रिमोट सेंसिंग सेंटर ने जल निकाय पर अस्थायी उपग्रह चित्र (पहले और बाद) प्राप्त करके सिक्किम में ल्होनक झील पर बादल फटने के बारे में एक उपग्रह-आधारित अध्ययन किया है।इसरो ने बुधवार को एक बयान जारी कर कहा, ‘यह देखा गया है कि झील पर बादल फटा और लगभग 105 हेक्टेयर क्षेत्र का पानी बह गया (28 सितंबर 2023 की छवि बनाम 04 अक्टूबर 2023) जिससे नीचे की ओर अचानक बाढ़ आ गई।’ अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि वह उपग्रह डेटा का उपयोग करके झील की आगे भी निगरानी जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि चुंगथांग बांध से पानी छोड़े जाने के कारण स्थिति और बिगड़ गई। बाढ़ मंगलवार देर रात करीब डेढ़ बजे आई। गंगटोक के उप जिला मजिस्ट्रेट (एसडीएम) महेंद्र छेत्री ने बताया, ‘गोलिटार और सिंगताम क्षेत्र से 5 शव बरामद किए गए हैं।’ अचानक आई बाढ़ की चपेट में आने से चुनथांग में तीस्ता-III बांध बह गया। कम से कम 6 पुल भी बह गए और नेशनल हाईवे 10 कई जगहों पर क्षतिग्रस्त हो गया। सिक्किम के आपदा प्रबंधन विभाग के निदेशक प्रभाकर राय ने एचटी को बताया, ‘उत्तरी सिक्किम इलाका राज्य के दूसरे हिस्सों से पूरी तरह से कट गया है। सिक्किम भी शेष भारत से कट गया है क्योंकि बाढ़ ने NH-10 को बुरी तरह प्रभावित किया है।’ अधिकारी ने बताया कि बाढ़ का पानी करीब 1 बजे चुंगथांग तक पहुंच गया था। इसके बाद दोपहर करीब 2:30 बजे तक निचले जिलों के इलाकों में पानी भर गया। बता दें कि उत्तरी सिक्किम में मंगलवार सुबह से बुधवार सुबह के बीच करीब 39 मिमी बारिश हुई है।
बारिश की वजह से हिमस्खलन होने के संकेत
आईआईएससी बेंगलुरु के वैज्ञानिक आशिम सत्तार ने बताया, ‘बारिश की वजह से संभवतः हिमस्खलन भी हुआ है जिसके कारण GLOF हुआ। जैसे ही भारी मात्रा में पानी और मलबा नीचे की ओर तेजी से आए और वे चुनथांग में हाइड्रो बांध से टकरा गए। इससे बांध बह गया और पूरा भार जबरदस्त ताकत के साथ नीचे की ओर बहता चला गया।’ वैज्ञानिकों ने बताया कि बीते कुछ सालों से लोनाक ग्लेशियर पीछे हट रहा है और झील का आकार बढ़ रहा है। इससे यह जीएलओएफ के प्रति संवेदनशील हो जाता है। सिंगताम में स्टील से बना पुल बह गया
एक अधिकारी ने बताया, ‘राज्य की राजधानी गंगटोक से 30 किलोमीटर दूर सिंगताम में स्टील से बना एक पुल बुधवार तड़के तीस्ता नदी के पानी में पूरी तरह से बह गया। इस पुल को इंद्रेणी पुल के नाम से भी जाना जाता है।’ सिक्किम सरकार ने एक अधिसूचना में इसे आपदा घोषित कर दिया है। रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने बताया कि चुंगथांग बांध से पानी छोड़े जाने के कारण झील में जलस्तर अचानक 15 से 20 फुट तक बढ़ गया। उन्होंने बताया कि सेना के 23 जवानों के लापता होने की सूचना है और 41 वाहन कीचड़ में धंसे हुए हैं। प्रवक्ता ने कहा कि संचार व्यवस्था ठप होने के कारण लापता कर्मियों की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है। बाढ़ प्रभावित जिलों के सभी स्कूल 8 अक्टूबर तक बंद
गंगटोक से सिंगताम की ओर ट्रैकिंग के लिए निकले कोलकाता के पर्यटक राजीव भट्टाचार्य ने बताया, ‘हमने घाटी में तेज गति से पानी की एक विशाल लहर को आते देखा… सौभाग्य से, मैं और मेरे दोस्त ऊंची जगह पर। अचानक आई बाढ़ से प्रभावित नहीं हुए। अब हम वापस गंगटोक जा रहे हैं।’ नदी में उफान के कारण तीस्ता नदी घाटी क्षेत्र में स्थित डिक्चु, सिंगताम और रंगपो समेत कई कस्बों में भी बाढ़ आ गई है। शिक्षा विभाग ने एक परिपत्र में कहा कि मंगन, गंगटोक, पाकयोंग और नामची जिलों में स्थित सभी स्कूल 8 अक्टूबर तक बंद रहेंगे। अधिकारियों ने कहा कि सिक्किम और देश के बाकी हिस्सों के बीच मुख्य संपर्क राष्ट्रीय राजमार्ग-10 के कुछ हिस्से बह गए। साथ ही, उत्तर बंगाल और बांग्लादेश के लिए बाढ़ की चेतावनी जारी की गई है, जहां से तीस्ता बहती है। @रिपोर्ट अशोक झा