बंगाल का नाम बदलने को आमादा टीएमसी, राज्यसभा में उठाया मुद्दा

कहा, बंगाल और नया नाम दिया जाय बांग्ला, 2018 में विधानसभा में कर चुकी है प्रस्ताव पारित

 

अशोक झा, नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल का नाम बदलना चाहती हैं। अपनी इस मांग को एक बार फिर से टीएमसी ने संसद में उठाया है। टीएमसी की राज्यसभा सांसद हैं रीताब्रत बनर्जी, जिन्होंने राज्यसभा में इस मांग को दोहराया। टीएमसी सांसद ने राज्य का नाम बांग्ला करने की मांग की। उन्होंने ममता बनर्जी का हवाला देते हुए कहा पश्चिम बंगाल का ‘बांग्ला’ वहां की भाषा, संस्कृति और इतिहास के साथ मेल खाता है। टीएमसी सांसद का आरोप है कि 2018 में ममता बनर्जी ने राज्य विधानसभा में इसको लेकर एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसके बाद उसे मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को भेजा था, लेकिन, उसे अब तक मंजूरी नहीं दी गई है। रीतब्रत बनर्जी का कहना है कि 1947 में भारत के बंटवारे के बाद बांग्लादेश को पूर्वी पाकिस्तान कहा गया और हमें पश्चिम बंगाल कहा गया। अब पूर्वी पाकिस्तान नहीं रहा तो हमें भी अपना नाम बदलना चाहिए। टीएमसी सांसद का कहना है कि 1955 में बॉम्बे को मुंबई किया गया, 1996 में मद्रास चेन्नई बना, कलकत्ता 2001 में कोलकाता बन गया और बैंगलोर 2014 में बेंगलुरू हो गया। इसके अलावा 2011 में उड़ीसा का नाम भी ओडिशा कर दिया गया था।हालांकि, टीएमसी की इस मांग पर विपक्ष का कहना है कि राज्य में इससे अधिक आवश्यक मुद्दा वहां अवैध बांग्लादेशियों मौजूदगी है, जिस पर सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है।

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