ईडी के छापों से ममता बनर्जी हुई नाराज , क्या किसी बीजेपी डकैत के घर पर एक भी ईडी का छापा पड़ा है?

ईडी के छापों से ममता बनर्जी हुई नाराज , क्या किसी बीजेपी डकैत के घर पर एक भी ईडी का छापा पड़ा है
कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को विपक्षी नेताओं के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी को ‘गंदा राजनैतिक खेल’ करार दिया। इस बीच मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक को गिरफ्तार किया गया है। आज ममता बनर्जी लंबी छुट्टी के बाद पहली बार कोलकाता में कार्निवाल उत्सव में शामिल होंगी। इस अवसर पर वह राज्यवासियों को क्या संदेश देती है यह देखना होगा। इसके पहले ममता बनर्जी ने केंद्र की बीजेपी सरकार की जमकर आलोचना की. उन्होंने कहा कि मैं पूछना चाहती हूं कि क्या किसी बीजेपी नेता के घर पर एक भी ईडी का छापा पड़ा है? क्या किसी बीजेपी डकैत के घर पर एक भी ईडी का छापा पड़ा है? क्या किसी बीजेपी मंत्री के घर पर एक भी ईडी का छापा पड़ा है? क्या किसी बीजेपी चोर के घर पर एक भी ईडी का छापा पड़ा है? उन्होंने कहा कि बीजेपी नोटबंदी और जीएसटी लागू करने सहित कई गलत फैसले लेकर देश के इतिहास को बदलने की कोशिश कर रही है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि बीजेपी के मंत्री विदेश जाते हैं, तो वे दिखाते हैं कि वे सभी से प्यार करते हैं। बीजेपी कहती है कि वो ‘सबका साथ, सबका विकास’ चाहती है. लेकिन वास्तव में इसका मतलब ‘सबका साथ, सबका सत्यानाश’ है।
ममता बनर्जी का बयान ईडी के छापों को लेकर था, जो करोड़ों रुपये के कथित राशन वितरण घोटाले की जांच के सिलसिले में टीएमसी मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक और दूसरे नेताओं के घरों पर मारा गया था। ममता बनर्जी ने कहा कि हमारे नेता की तबीयत बहुत खराब है. मर जाएगा तो हमको बीजेपी के खिलाफ में एफआईआर करना पड़ेगा, ईडी के खिलाफ भी करना पड़ेगा। क्या अत्याचार चल रहा है. पॉलिटिकल लड़ाई लेकर हमारा कोई ऐतराज नहीं है। हमारा कोई दिक्कत नहीं है।लेकिन पैथोलॉजिकल लायर मत बनो।
बीजेपी ने कहा, गहराई तक भ्रष्टाचार में डूबी हुई है टीएससी : उधर बीजेपी नेता राहुल सिन्हा ने दावा किया कि टीएमसी गहराई तक भ्रष्टाचार में डूबी हुई है। उसके कई नेता भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं। राहुल सिन्हा ने कहा कि बीजेपी तो ईडी को नियुक्त नहीं किया। ईडी को नियुक्त किया, कलकत्ता हाई कोर्ट ने।. हाई कोर्ट का आदेश पर ये छानबीन हो रहा है। इंवेस्टिगेशन हो रहा है। इसलिए कुछ, जो भी है, पूरा हाई कोर्ट का जिम्मेदारी में हो रहा है।b इसलिए बेमतलब बीजेपी को गाली देके विषय को पॉलिटिकलाइज करने का जो साजिश ममता बनर्जी कर रहा है, हम उसका निंदा करते हैं। उन्होंने कहा, क्या अत्याचार, क्या अनाचार चल रहा है?..भाजपा लोकसभा चुनाव (2024) से पहले देशभर में विपक्षी नेताओं पर ईडी के छापे के नाम पर गंदा खेल खेल रही है।
मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी कि कोलकाता में ज्योतिप्रिय मलिक के आवास पर तलाशी के दौरान अगर उन्हें कुछ होता है तो वह भाजपा और ईडी के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराएंगी। उन्होंने कहा, ‘ज्योतिप्रिय मलिक अस्वस्थ हैं। अगर ईडी के छापों के दौरान उन्हें कुछ होता है तो मैं प्राथमिकी दर्ज कराऊंगी।’ वहीं, मलिक पर ईडी के छापे को लेकर प्रदेश भाजपा प्रमुख सुकांत मजूमदार ने कहा, ‘यह (छापेमारी) बहुत पहले हो जानी चाहिए थी। ऐसे लोगों को जेल में रखा जाना चाहिए।’
ममता ने शांतिनिकेतन में टैगोर के नाम वाली पट्टिकाएं लगाने की दी चेतावनी
शांतिनिकेतन में विश्वभारती विश्वविद्यालय को यूनेस्को की ओर से विश्व धरोहर स्थल का दर्जा दिए जाने की स्मृति पट्टिकाओं पर रबींद्रनाथ टैगोर का नाम अंकित नहीं करने पर प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को अधिकारियों की तीखी आलोचना करते हुए व्यापक प्रदर्शन की चेतावनी दी।
उन्होंने कहा, अगर शुक्रवार तक पट्टिकाएं नहीं बदली गईं तो उनकी पार्टी के कार्यकर्ता आंदोलन शुरू कर देंगे। टैगोर के लिए ही शांतिनिकेतन को यूनेस्को की ओर से विश्व धरोहर का दर्जा मिला और आपने पट्टिकाओं से उनका ही नाम हटा दिया है। हम अब तक दुर्गा पूजा उत्सव के कारण चुप थे। उन्होंने कहा, यदि आप शुक्रवार सुबह 10 बजे तक मौजूदा पट्टिकाओं को हटाकर नोबेल पुरस्कार विजेता के नाम वाली पट्टिकाएं नहीं लगाते हैं तो हमारे लोग कबीगुरु की तस्वीरें अपने सीने पर रखकर प्रदर्शन शुरू कर देंगे।
यह विवाद तब खड़ा हुआ जब विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कुलपति विद्युत चक्रवर्ती के नाम वाली संगमरमर की पट्टिकाएं लगा दीं, लेकिन उनमें टैगोर का कोई उल्लेख नहीं था। पीएम मोदी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भी हैं। विश्वविद्यालय ने बुधवार को कहा था कि ये पट्टिकाएं अस्थायी रूप से लगाई गई हैं। यूनेस्को ने शांतिनिकेतन की स्थापना का श्रेय प्रसिद्ध कवि और दार्शनिक रबींद्रनाथ टैगोर को दिया था। @
रिपोर्ट अशोक झा

Back to top button