11 प्रश्नों के जवाब खोल देगा उत्तर बंगाल में राशन और धान खरीद घोटाले की पोल-पट्टी भाजपा विधायक ने कहा भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई रहेंगी जारी

11 प्रश्नों के जवाब खोल देगा उत्तर बंगाल में राशन और धान खरीद घोटाले की पोल-पट्टी
भाजपा विधायक ने कहा भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई रहेंगी जारी
सिलीगुड़ी : बंगाल में राशन वितरण घोटाला और उससे उत्तर बंगाल की जुड़ी कड़ी को खंगालते हुए सांसद ने इससे जुड़े लोगों पर राष्ट्रविरोध में मामला दर्ज की मांग की थी वही भाजपा ने शहर में रैली और प्रदर्शन किया था। इसे रोमिंग एक्सप्रेस ने विस्तार से प्रत्येक पहलुओं को प्रकाशित किया था। इससे तथ्यात्मक जानकारी जुटाने के लिए राज्य सूचना लोक अधिकारी जिला नियंत्रक खाद्य एवं आपूर्ति दार्जिलिंग, सिलीगुड़ी से सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत भाजपा विधायक सह राज्य सचिव शंकर घोष ने राशन वितरण, धान खरीद और घोटाले से जुड़े प्रत्येक पहलुओं पर सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम, 2005 के प्रावधानों के तहत 11 प्रश्नों के जवाब मांगा है। जिसमें धान की खरीद, चावल मिलों, आवंटन, ऑडिट रिपोर्ट, किसानों, खरीद संगठनों, वितरण एजेंसियों, गोदाम क्षमता और चावल के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी गई है। वर्ष 2016 से 2021 के लिए दार्जिलिंग जिले में मिल के पास किसानों के खाते हैं। उन्होंने मांग की है की 1, दार्जिलिंग जिले में 2016 से 2021 तक वर्षवार धान की कुल खरीद। उपार्जित धान के विरूद्ध वर्ष वार कुल चावल उत्पादन। 2.दार्जिलिंग जिले में चावल मिलों की संख्या और पते जहां निर्दिष्ट वर्षों में धान संसाधित किया गया था। 3.चावल मिलों के विरुद्ध वर्षवार (2016-2021) धान की खरीद। 4. बिजली बिलों के विशेष संदर्भ में चावल मिलों की वर्ष-वार (2016-2021) ऑडिट रिपोर्ट, जो नवीनीकरण/समझौते के समय आपकी ओर से प्रस्तुत की गई थी। 5. वर्षवार (2016-2021) जिन किसानों से धान की खरीद की गई, उनकी कुल संख्या और तिथिवार प्रत्येक सीपीसी के मस्टर रोल का विवरण। 6. दार्जिलिंग जिले में खरीद (सीएमआर एजेंसियों) संगठनों और समितियों और एसएचजीएस के नाम, धान की खरीद की तारीख के अनुसार मस्टर रोल (2016-2021)।7. दार्जिलिंग जिले में प्रत्येक गोदाम के वर्ष-वार (2016-2021) हैंडलिंग ठेकेदारों के नाम। 8. निर्दिष्ट अवधि (2016- 2021) के भीतर किसानों के खाते रखने वाले चावल मिल का विवरण। 9. इस अवधि (2016-2021) के दौरान चाय बागान क्षेत्रों को आवंटन का विवरण और चाय बागान गैर श्रमिक। 10. सिलीगुड़ी उपमंडल (2016-2021) के विशेष संदर्भ में दार्जिलिंग जिले के राशन कार्ड की विवरण संख्या। वर्ष 2016 के बाद से राशन कार्ड रद्द किये जाने की संख्या का विवरण। 11. वर्तमान तिथि तक जिले के उपखंडों के विशेष संदर्भ में दार्जिलिंग जिले में कृषक बंधु योजना के तहत लाभार्थियों की संख्या। विधायक ने अनुरोध किया है की यह जानकारी ऐसे प्रारूप में प्रदान की जाए जो स्पष्ट और व्यापक हो। इसके अतिरिक्त, मैं आरटीआई अधिनियम के अनुसार इस जानकारी को प्राप्त करने से जुड़ी किसी भी उचित फीस को वहन करने को तैयार हूं। कृपया इस पत्र की प्राप्ति की सूचना दें और मुझे आरटीआई अधिनियम के दिशानिर्देशों के अनुसार मांगी गई जानकारी जारी करने के लिए एक समय सीमा प्रदान करें। यदि मांगी गई जानकारी का कोई भाग उपलब्ध नहीं है, तो कृपया उसकी अनुपलब्धता का कारण बताएं। विधायक शंकर घोष ने कहा कि अगर राशन वितरण और धान खरीद घोटाले में राज्य सरकार का कोई लेना-देना नहीं है तो वह इन प्रश्नों का सही-सही उत्तर दें। इन प्रश्नों का सही उत्तर और उसके आधार पर भौतिक सत्यापन होते हैं इस पूरे मामले का दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। उन्होंने दावा किया कि उत्तर बंगाल में बड़े पैमाने पर राशन वितरण और धान खरीद घोटाले किए गए है। इससे होने वाली कट मनी नीचे से ऊपर तक बांटा गया है। विधायक शंकर घोष ने यह भी कहा कि अगर विभाग के द्वारा उचित जानकारी नहीं मिलती है तो इसको लेकर हुए ईडी निदेशक और अदालत का भी दरवाजा खटखटाने पर बाध्य होंगे। धान खरीद की सच्‍चाई यह है क‍ि बिचौलियों का बोलबाला है। सरकार भले ही क‍िसानों तक नहीं पहुंच पा रही है लेक‍िन दलाल समय पर क‍िसानों के पास पहुंच कर धान खरीद रहे हैं।किसानों को बिचौलियों से मुक्ति दिलाने और उन्हें उनकी फसल का वाजिब मूल्य दिलाने की सरकारी कोशिशें किस हद तक कामयाब रही हैं, यह किसी से छिपा नहीं है। दावे और हकीकत के बीच एक बड़ी खाई है। सच यह है कि 80 प्रतिशत वाजिब किसानों तक सरकार की पहुंच ही नहीं है। सरकार से पहले किसानों के पास व्यापारी या बिचौलिए पहुंच जाते हैं। इनका का रियल टाइम नेटवर्क सरकारी प्रयासों पर भारी पड़ता है। यह हम नहीं किसानों से बातचीत और उनके बीच कराए गए एक छोटे से सर्वे से बयां हो रहा है। सर्वे का साइज अवश्य छोटा हो सकता है लेकिन यह बड़ी हकीकत को बयां कर रहा है। हमारी कोशिश धान क्रय से जुड़ी विसंगतियों की तरफ सरकार का ध्यान आकृष्ट कराना और किसानों और सरकार के बीच की कड़ी को जोड़ना भर है। रिपोर्ट अशोक झा

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