भाजपा ने कहा सभी आरोपियों की हो गिरफ्तारी, सिलीगुड़ी में काली पूजा बाद धरना प्रदर्शन
मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक ने कहा कि ममता और अभिषेक को पता है हम कैसे फंसे
– भाजपा ने कहा सभी आरोपियों की हो गिरफ्तारी, सिलीगुड़ी में काली पूजा बाद धरना प्रदर्शन
सिलीगुड़ी: करोड़ों रुपये के राशन वितरण मामले में गिरफ्तार पश्चिम बंगाल के मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक ने शुक्रवार को मीडियाकर्मियों से कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी को इस बात की जानकारी है कि उन्हें इस मामले में भाजपा ने कैसे फंसाया है। शुक्रवार को जब उन्हें स्वास्थ्य जांच के लिए कोलकाता के उत्तरी बाहरी इलाके में ईडी के साल्ट लेक कार्यालय से बाहर ले जाया जा रहा था, तब राज्य के वर्तमान वन मंत्री और पूर्व खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री मल्लिक ने वहां मौजूद मीडियाकर्मियों के साथ एक संक्षिप्त बातचीत की। “मैं भाजपा द्वारा मेरे खिलाफ रची गई साजिश का शिकार हूं। गिरफ्तार मंत्री ने कहा, “ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी दोनों को इसकी जानकारी है। इस अवसर पर उन्होंने यह भी कहा कि तृणमूल कांग्रेस के प्रति उनका जुड़ाव हमेशा रहेगा, उन्हें विश्वास है कि संकट की इस घड़ी में उनकी पार्टी का नेतृत्व उनके साथ खड़ा रहेगा। उन्होंने इस मामले में खुद को साबित करने और जल्द से जल्द रिहा होने का भी भरोसा जताया। मल्लिक ने कहा, “बस कुछ और दिन इंतजार करें।”
शुक्रवार को गिरफ्तार मंत्री की टिप्पणियां बेहद महत्वपूर्ण थी। खासकर तब जब उनकी गिरफ्तारी के बाद पार्टी नेतृत्व के एक वर्ग ने उनसे दूरी बनानी शुरू कर दी थी। हाल ही में, उत्तर 24 परगना के बरासात निर्वाचन क्षेत्र से तृणमूल कांग्रेस की लोकसभा सदस्य काकोली घोष दस्तीदार ने दावा किया था कि मल्लिक ने व्यक्तिगत रूप में जो किया है, उससे पार्टी की छवि खराब नहीं होगी। वरिष्ठ तृणमूल नेता और राज्य मंत्री सोवनदेब चट्टोपाध्याय ने कहा कि अगर मल्लिक की भ्रष्टाचार में संलिप्तता साबित हो जाती है, तो पार्टी उनके साथ खड़ी नहीं होगी। चट्टोपाध्याय ने कहा, “भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पार्टी का घोषित रुख है और इसलिए यदि भ्रष्टाचार में उनकी संलिप्तता साबित हो जाती है, तो पार्टी उनके साथ खड़ी नहीं होगी, जैसा कि पार्थ के मामले में किया गया था। राशन भ्रष्टाचार मामले की गहन जांच के बाद राज्य के पूर्व खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था। उनकी गिरफ़्तारी के बाद उनके नाम पर बेनामी संपत्तियों को लेकर चर्चा और आलोचना शुरू हो गई। करोड़ों रुपये के राशन वितरण भ्रष्टाचार के मामले में पश्चिम बंगाल के पूर्व खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक को गिरफ्तार करने के बाद ईडी इस गिरोह से जुड़े पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ करने में जुड़ गई है। ईडी के अधिकारी अब खाद्य विभाग के कई वर्तमान और पूर्व अधिकारियों पर नजर रख रहे हैं जिन्हें कथित घोटाले में लाभार्थी माना जा रहा है। सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने मामले में तलब करने के लिए ऐसे अधिकारियों की सूची तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सूत्रों ने बताया कि ऐसे अधिकारियों के नाम ईडी के छापे और तलाशी अभियान के दौरान जब्त किए गए कई दस्तावेजों में सामने आए हैं। साथ ही गिरफ्तार व्यवसायी बकीबुर रहमान और मंत्री के पूर्व निजी सहायक अभिजीत दास जैसे उनसे पहले ही पूछताछ कर चुके लोगों द्वारा दिए गए बयानों में भी सामने आए हैं। ईडी के अधिकारियों को सबसे पहले राज्य के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग में उच्च और शक्तिशाली लोगों की संलिप्तता का एहसास तब हुआ, जब उन्होंने बकीबुर रहमान के कार्यालय से विभाग से जुड़ी कई राज्य सरकार की मुहरें जब्त की। उसके कार्यालय से बरामद राज्य सरकार की मुहरों में पश्चिम बंगाल आवश्यक वस्तु आपूर्ति निगम लिमिटेड के साथ-साथ मुख्य निरीक्षक, जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी, राज्य खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के उप-निरीक्षक की मुहरें भी शामिल हैं। सूत्रों ने कहा मंगलवार को ईडी की हिरासत के पहले दिन, पूछताछ के दौरान मंत्री काफी असहयोग मोड में थे, क्योंकि उन्होंने किसी भी जानकारी से इनकार करने या याद न कर पाने के बहाने सभी सवालों से बचने की कोशिश की। सूत्रों ने बताया कि उनसे 2017 और 2019 के बीच राज्य के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के कामकाज के बारे में विशेष रूप से पूछताछ की गई थी। माना जाता है कि यह वह अवधि थी, जब राशन वितरण से संबंधित अनियमितताएं चरम पर थीं। मल्लिक 2011 और 2021 तक राज्य के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री थे। 2021 के राज्य विधानसभा चुनावों के बाद उनका पोर्टफोलियो बदल दिया गया और उन्हें राज्य का वन मंत्री बनाया गया। बंगाल में राशन वितरण घोटाले में वन मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक की गिरफ्तारी पर मचे घमासान के बीच नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने राज्य में धान की खरीद में भी बड़े घोटाले का आरोप लगाया है।उन्होंने दावा किया कि राज्य सरकार की धान खरीद योजना में करोड़ों रुपये की हेराफेरी की गई है।सुवेंदु ने राज्य के खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा इस योजना में पंजीकृत किए गए किसानों की सूची पर सवाल उठाया, जो कथित तौर पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर अपनी फसल बेचने के इच्छुक थे। उन्होंने कहा कि संख्या चौंका देने वाली है। 2017-18 में पंजीकृत किसानों की संख्या 4,64,616 थी, जो 2021-22 में बढ़कर 28,15,107 हो गई। भाजपा नेता ने दावा किया कि साल 2021-22 में 5,46,598 किसानों की बढ़ोतरी हो गई। सुवेंदु ने ईडी से इन पंजीकृत किसानों के विवरण को सत्यापित करने का आग्रह भी किया है। दावा किया कि विभाग के भीतर विश्वसनीय स्त्रोत से उन्हें पता चला है कि उनमें से 60 प्रतिशत से अधिक नाम फर्जी हैं। फर्जी धान खरीद के लिए भुगतान, जो वास्तविक खरीद का 50 प्रतिशत से अधिक है। राज्य स्तरीय सहकारी समितियों (एसकेयूएस) के माध्यम से किया गया था, जो सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं के प्रभाव में काम करते हैं। यह भी आरोप लगाया कि धान खरीद में शामिल चावल मिलों ने कथित तौर पर इन सहकारी समितियों को भुगतान किया, जिन्होंने बाद में धनराशि को फर्जी खातों में जमा कर दिया। इन सहकारी समितियों का आडिट और उन खातों की गहन जांच की जरूरत है, जहां ये धनराशि जमा की गई थी।
खाद्य विभाग के कार्यालय में होती थीं बैठकें
राशन वितरण घोटाले में गिरफ्तार ज्योतिप्रिय मल्लिक और उनके करीबी व्यवसायी बाकिबुर रहमान के बीच खाद्य विभाग के कार्यालय में ही बैठकें हुआ करती थीं। ईडी की जांच में यह तथ्य सामने आया है। ईडी सूत्रों ने बताया कि मल्लिक के काफिले में बाकिबुर की कार भी शामिल रहती थी। मंत्री के कहने पर बाकिबुर राशन डीलरों से संपर्क बनाए रखते थे। ईडी की नजर अब उन राशन डीलरों पर है। इसके अलावा एक चार्टर्ड एकाउंटेंट भी रडार पर है। ईडी चावल व गेहूं की कुछ मिलों के मालिकों से भी जल्द पूछताछ करेगी। कलकत्ता हाई कोर्ट ने कमांड अस्पताल को मंत्री की ईडी हिरासत की आठ नवंबर तक की अवधि समाप्त होने तक उसके यहां उनके उपचार का निर्देश दिया है। इधर सिलीगुड़ी के विधायक शंकर घोष ने जिला आपूर्ति पदाधिकारी से मिलकर पिछली धान खरीद से संबंधित सभी तथ्यों की जानकारी मांगी। साथ ही अल्टीमेटम दिया की अगर इस पूरे मामले का सच छुपाया गया तो कालीपुजा के बाद वह और उनकी पूरी टीम दफ्तर के सामने धरना प्रदर्शन देंगी। रिपोर्ट अशोक झा