सिलीगुड़ी के वार्ड 46 में छठ घाट की जमीन पर कब्जा, थाने में शिकायत दर्ज

सिलीगुड़ी के वार्ड 46 में छठ घाट की जमीन पर कब्जा, थाने में शिकायत दर्ज
– लोगों का आरोप बिना पार्षद की मिली भगत से संभव नहीं
सिलीगुड़ी: एक और राज्य की मुख्यमंत्री निर्देश देती है की छठ वर्तियो को घाट पर किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होनी चाहिए। मेयर सिलीगुड़ी गौतम देव छठ घाट की व्यवस्था सुनिश्चित कराने के लिए हुंकार भरते है। वही हिंदी भाषी वार्ड 46 में मंगलवार को छठ घाट को अवैध तरीके से कब्जा करने की कोशिश हो रही है। वहा आईसीडीसी के नाम पर बोर्ड लगाकर पक्का निर्माण शुरू किया गया है। इसको लेकर वहां उत्तेजना का माहौल है। स्थानीय लोगों ओर छठ घाट से जुड़े लोगों ने प्रधान नगर थाने में अवैध निर्माण और घाट पर दखल को लेकर शिकायत पत्र दिया है। इसमें जिस युवक का नाम दिया गया है वह टीएमसी पार्षद सह मेयर पार्षद का दाहिना हाथ बताया जाता है। आक्रोशित लोगों का कहना है की नर्मदा बगान के लोगों द्वारा यहां वर्षों से छठ किया जाता रहा है। इसका सबसे बड़ा प्रमाण है छठ मैया का यहां बेदी निर्माण। पार्षद और निर्माण करने वाले युवक विद्युत का कहना है कि यह खाता का जमीन है। सवाल उठता है की क्या बांध के बाद भी खाते की जमीन है। अगर है तो आजतक इसको क्यों नहीं घेरा गया। छठ घाट की जमीन को लेकर टीएमसी का नाम सामने आने पर भाजपा इसे बड़ा मुद्दा बना सकती है। टीएमसी के वार्ड अध्यक्ष एमडी जहुर का कहना है की यहां छठ होता आया है तो वहां छठ ही होगा। कोई भी क्यों नहीं हो मुख्यमंत्री और अभिषेक बनर्जी के निर्देश पर सरकारी जमीन और नदी के घाटों पर किसी प्रकार का कब्जा नहीं करने दिया जायेगा। वही दूसरी ओर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का फरमान दिया है की छठ व्रतियों और छठ घाट में जाने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की दिक्कत ना हो। इस फरमान के बाद दीपावली काली पूजा के पहले ही महानंदा नदी पर बनने वाले छठ घाटों का जायजा लेने मेयर गौतम देव अपनी पूरी टीम के साथ लगातार दो बार वार्ड 1, 2, 3, 45 और 47 वार्ड 4, 5, 7, 23, 31, 36, 37,42, 43,44 समेत अन्य स्थानों का भ्रमण कर चुके है। कहा कि
छठ घाट में भी उत्तम व्यवस्था की जाएगी। मेयर को नदी के किनारे तक ले जाने लिए वार्ड के पार्षद संजय पाठक ने मेयर को स्कूटी पर यातायात नियमों के पालन के साथ बैठकर भ्रमण कराया। लोक आस्था का पर्व इस वर्ष नहाय-खाय 17 नवंबर के साथ प्रारंभ होगा। इसका पहला दिन नहाय-खाय होता है। इस दिन सूर्योदय 06 बजकर 45 मिनट पर होगा। वहीं सूर्यास्त शाम 05 बजकर 27 मिनट पर होगा। खरना छठ पूजा का दूसरा दिन होता है। खरना 18 नवंबर को है। इस दिन का सूर्योदय सुबह 06 बजकर 46 मिनट पर और सूर्यास्त शाम 05 बजकर 26 मिनट पर होगा। छठ पूजा 2023 पर संध्या अर्घ्य का समय: छठ पूजा का तीसरा दिन संध्या अर्घ्य का होता है। संध्या अर्घ्य 19 नवंबर को दिया जाएगा। 19 नवंबर को सूर्यास्त शाम 05 बजकर 26 मिनट पर होगा। छठ पूजा पर उगते सूर्य को अर्घ्य देने का समय: चौथा दिन यानी सप्तमी तिथि छठ महापर्व का अंतिम दिन होता है। 20 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। इस दिन सूर्योदय 06 बजकर 47 मिनट पर होगा। उसके साथ ही छठ का पावन पर्व समाप्त होगा। सिलीगुड़ी नगर निगम में टीएमसी का कब्जा है। यह दूसरा वर्ष है जब निगम छठ पूजा के लिए विशेष व्यवस्था करेगी। मेयर गौतम देव, डिप्टी मेयर रंजन सरकार, मेयर पार्षद राम भजन महतो, बोडो चेयरमेन गार्गी चटर्जी, संजय पाठक, कमल अग्रवाल, सफाई की जिम्मेदारी संभाले मेयर पार्षद मानिक दे समेत अन्य पार्षदों ने मेयर को भरोसा दिलाया की छठ घाट पर व्यवस्था में कोई कमी नहीं होगी। मेयर ने कहा कि पिछले वर्ष साफ सफाई के लिए पूरी टीम 7 दिनों तक काम करती रही थी। इस वर्ष 15 दिनों तक काम करेगी। संसाधनों और पैसे की कमी नहीं होने दी जाएगी। सिलीगुड़ी का छठ पूजा बिहार के पटना के बाद पूर्वोत्तर में पहला माना जाता है। यहां 60 हजार से ज्यादा घाट बनते है। इसे दुल्हन की तरह करोड़ो रुपए खर्च कर सजाया जाता है। छठ को लेकर लगातार कमेटियों के साथ बैठक होता रहेगा। इतना ही नहीं विभिन्न वार्डो में छठ को लेकर कपड़ा और पूजन सामग्री का वितरण बड़े पैमाने पर होता है। हां यहां पर्यावरण और जल प्रदूषण का विशेष ध्यान दिया जाता है। @ रिपोर्ट अशोक झा

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