भाजपा को कोर्ट से मिली जीत, ममता सरकार को झटका
अशोक झा
कोलकाता: कलकत्ता हाई कोर्ट ने शुक्रवार, 24 नवंबर को भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) को 29 नवंबर को कोलकाता के विक्टोरिया हाउस के पास एक राजनीतिक रैली आयोजित करने की अनुमति दे दी। बता दें कि इस मामले में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने रैली आयोजित करने का विरोध किया था।मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने कहा कि भाजपा की रैली को दो बार अनुमति देने से इनकार करने का पश्चिम बंगाल सरकार का निर्णय मनमाना था। इस संबंध में कोर्ट ने कहा कि बीजेपी के महासचिव जगन्नाथ चट्टोपाध्याय ने काफी पहले ही रैली आयोजित करने की अनुमति के लिए आवेदन किया था।।न्यायालय ने टिप्पणी करते हुए यह भी कहा कि केवल राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी टीएमसी ने हर साल 21 जुलाई को ‘शहीद दिवस’ मनाने के लिए अपनी बैठकें आयोजित करने के लिए कोलकाता के एस्प्लेनेड में विक्टोरिया हाउस के पास रैली स्थल का इस्तेमाल किया। आगे कोर्ट ने कहा, ‘आप अपनी एडवाइजरी देखें। इसमें कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति दो से तीन सप्ताह के भीतर आवेदन कर सकता है। उन्होंने समय के भीतर आवेदन किया। आप अनावश्यक रूप से समस्या पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। या तो आप उन्हें अनुमति दें या फिर हम एक काम कर सकते हैं, हम 21 जुलाई की वार्षिक बैठक पर प्रतिबंध लगा देंगे। कोई रैली नहीं, कोई कार्यक्रम नहीं, कोई विरोध नहीं। हम हर चीज पर प्रतिबंध लगा देंगे। समाधान यह है कि सभी के साथ समान व्यवहार किया जाए। आपकी यह कार्रवाई मनमानी है’।।राज्य ने कहा कि राजधानी शहर में भाजपा की रैली से जनता को असुविधा हो सकती है, इसपर पीठ ने कहा कि पश्चिम बंगाल, खासकर कोलकाता में रैलियां, विरोध प्रदर्शन और राजनीतिक बैठकें आम हैं। ‘मुझे यह बहुत सामान्य लगता है कि इस तरह के विरोध प्रदर्शन/रैलियां होती हैं और कोई भी नागरिकों की असुविधा पर विचार नहीं करता है। यहां तक कि छठ पूजा के दौरान भी पूरी सड़क अवरुद्ध कर दी गई थी। कल तक ढोल बजाने के कारण अवरोध आदि होते थे। यह एक सामान्य घटना है पश्चिम बंगाल में।