बोधिचित्त के अभ्यास से जीवन आनंदमय बनता है : तिब्बती धर्म गुरु दलाई लामा

सिलीगुड़ी: तिब्बती धर्म गुरु दलाई लामा ने कहा कि बोधिचित्त के अभ्यास से जीवन आनंदमय बनता है। वह बचपन से इस पर अध्ययन और इसका नियमित अभ्यास कर रहे हैं। इस कारण आज 88 वर्ष की उम्र में भी वह मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ हैं। उन्होंने यह संदेश आज (मंगलवार) सुबह सिक्किम की राजधानी गंगटोक के पाल्जोर स्टेडियम में आयोजित प्रवचन में दिया।
दलाई लामा के ‘बोधिसत्व के 37 अभ्यास’ विषय पर केंद्रित प्रवचन कार्यक्रम में राज्य के मुख्यमंत्री प्रेमसिंह तमांग, मंत्री, विधायक, राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी और बड़ी संख्या में स्थानीय और दूसरे राज्यों के अनुयायी उपस्थित रहे। दलाई लामा ने सभी को जीवन में बोधिचित्त के नियमित अभ्यास पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इससे मन शांत रहता है। शांत मन ही तन और मन को स्वस्थ रखता है। बोधिचित्त का अभ्यास पवित्र सोच है। यह सभी प्राणियों के प्रति कल्याण की भावना का संचार करता है। उन्होंने कहा कि वह अपने दैनिक जीवन में बोधिचित्त को अपनाते हैं। धरती से लेकर आकाश तक सभी प्राणियों के हित और कल्याण के बारे में सोचते हैं। सभी लोगों के प्रति सद्भाव रखना, लड़ाई-झगडे न करना, समान व्यवहार करना, सभी के प्रति निष्पक्ष बनना ही बोधिचित्त का अभ्यास करना है। दुनियाभर से आए अनुयायी सोमवार रात दो बजे से ही स्टेडियम में पहुंचना शुरू हो गये थे। जो लोग कार्यक्रम तक नहीं पहुंच सके, उनके लिए एमजी मार्ग और चिंतन भवन पर बड़ी ‘एलईडी’ स्क्रीन लगाई गईं। दलाई लामा ने ”बोधिसत्व के 37 अभ्यास” पर उपदेश दिया और इसके साथ ‘बोधिचित्त’ (मन की जागृति) को लेकर एक समारोह भी आयोजित किया गया। दलाई लामा ने उपदेश देने के बाद राज्य सरकार की दो परियोजनाओं का ऑनलाइन माध्यम से शिलान्यास किया। इन परियोजनाओं के तहत गंगटोक जिले के रुमटेक में करमापा पार्क और सिमिक में ग्यालवा ल्हात्सुन चेनपो की प्रतिमा का निर्माण किया जाएगा। जरूरी सेवाओं के आवागमन से जुड़े वाहनों को छोड़कर गंगटोक शहर में सभी तरह के यातायात पर प्रतिबंध रहा और विशेष बस सेवा के जरिये ही अनुयायियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया गया। ढाबे और रेस्तरां को छोड़कर सभी दुकानें अपराह्न एक बजे तक बंद रहेंगी। राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य, मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग और सिक्किम उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश विश्वनाथ सोमद्दर ने स्टेडियम में दलाई लामा का स्वागत किया।स्टेडियम में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। दलाई लामा (87) सोमवार सुबह गंगटोक पहुंचे और वह एक होटल में ठहरे हुये हैं। उनका बृहस्पतिवार सुबह तक गंगटोक में रुकने का कार्यक्रम है जिसके बाद वह पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी रवाना होंगे। अक्टूबर में दलाई लामा की सिक्किम यात्रा अचानक आई बाढ़ के कारण रद्द कर दी गई थी। इस बाढ़ में कई लोगों की जान चली गई थी और हजारों लोग विस्थापित हुए थे।उन्होंने इससे पहले 2013 में हिमालयी राज्य की यात्रा की थी। इस दौरान उन्होंने रावंगला के बुद्ध पार्क में भगवान बुद्ध की प्रतिमा को प्रतिष्ठित किया था। उल्लेखनीय है कि दलाई लामा चार दिवसीय दौरे पर कल सिक्किम पहुंचे। 14 दिसंबर को सिक्किम से उनकी वापसी है। रिपोर्ट अशोक झा

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