रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए सबसे अहम पल मात्र 84 सेकेंड, मां सीता के मायके जनकपुर धाम से ‘भार’ जाएगा अयोध्या
पटना:श्री राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। रामलला मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए कई विद्वानों ने मिलकर बहुत शोध के बाद शुभ मुहूर्त तय किया है। खास बात ये है कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए सबसे अहम पल मात्र 84 सेकेंड होंगे। आपको बता दें कि जिस शुभ मुहूर्त में रामलला गर्भगृह में विराजेंगे उसका एक-एक सेकेंड तय हो गया है।
84 सेकंड सबसे अहम : रामलला की मूर्ति विराजित करने का सबसे शुभ समय 84 सेकंड का होगा. ये समय 22 जनवरी 2024 की दोपहर 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकंड से 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकंड तक का होगा. इस समय आकाश में 6 ग्रह अनुकूल स्थिति में होंगे। यह मुहूर्त काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने चुना है, जिसे सबसे सटीक मानकर रामलला की स्थापना की जाएगी। बता दें कि भूमि पूजन का मुहूर्त भी ज्योतिषाचार्य पंडित गणेशश्वर शास्त्री द्रविण ने ही निकाला था। बाण मुक्त है यह समय : गणेश्वर शास्त्री के मुताबिक 22 जनवरी 2024 का यह मुहूर्त कई बाणों से दोष मुक्त समय है। यह समय अग्निबाण, मृत्युबाण, चोरवाण, नृपवाण और रोगवान से मुक्त है, यानी कि सबसे शुभ मुहूर्त। बता दें कि एक हफ्ते में कई तरह से विचार करने के बाद ही ये सबसे शुभ मुहूर्त निकाला गया है। राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए देश भर के विद्वानों और ज्योतिषाचार्यों से प्राण प्रतिष्ठा के समय को निर्धारित करने के लिए आग्रह किया गया था। प्राण प्रतिष्ठा के बाद भव्य राम मंदिर के गर्भगृह के द्वार जैसे ही खुलेंगे.. रामभक्तों को रामलला के अलौकिक दर्शन होंगे।
मां सीता के मायके जनकपुर धाम से ‘भार’ जाएगा अयोध्या
अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए पड़ोसी राष्ट्र मां सीता के मायके जनकपुर धाम से ‘भार’ भेजा जाएगा। मिथिला परंपरा के अनुसार इस ‘भार’ को जनकपुर धाम स्थित जानकी मंदिर के नेतृत्व में समर्पित किया जाएगा। यह जानकारी जानकी मंदिर के उत्तराधिकारी महंत राम रोशन दास ने दी। उन्होंने ‘भार’ का हिस्सा बनने के लिए जनकपुरधामवासियों का आह्वान किया है। इच्छुक लोग अपना ‘भार’ तीन जनवरी तक जानकी मंदिर में जमा करा सकते हैं। ‘भार’ के रूप में 51 प्रकार की मिठाइयां, दही, मखाना, वस्त्र, आभूषण, चांदी के बर्तन आदि सामग्री अयोध्या भेजी जाएगी। महंत राम रोशन दास ने बताया कि ‘भार’ पैदला यात्रा लिए 1100 लोगों की समिति का गठन किया गया है। यह यात्रा जानकी मंदिर के प्रमुख महंत राम तपेश्वर दास के नेतृत्व में चार जनवरी को जनकपुरधाम से प्रस्थान करेगी। बीरगंज में रात्रि विश्राम कर पांच जनवरी को अयोध्या के लिए रवाना होगी। छह जनवरी को श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के तत्वावधान में आयोजित भव्य आयोजन में इस ‘भार’ को समर्पित किया जाएगा। जानकी मंदिर के महंत को 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह में सहभागी होने के लिए निमंत्रण मिला है। 22 जनवरी के दिन भारतवर्ष के लोगों के लिए दिवाली जैसा दिन होगा। सैकड़ों वर्षों के इंतजार के बाद अयोध्या में रामलला मंदिर की भव्य प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है। ऐसे में इस सौभाग्य के दिन को कोई भी नहीं गवाना चाहता। इस दिन देश भर में घर घर दीपोत्सव जैसा माहौल होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पैतृक गांव गुजरात के वडनगर से दर्जनों राम भक्त करीब 1240 किलोमीटर का सफर अयोध्या के रामलला पहुंचने के लिए पैदल तय कर रहे हैं। उनका यह सफर करीब 41 दिन में पूरा होगा फिलहाल इन रामभक्तों का काफिला गुजरात के वडनगर से दौसा के मेहंदीपुर बालाजी पहुंचा है. जिनका रात्रि पड़ाव बालाजी में ही रहा। आज यानी रविवार को सुबह ये अपना सफर फिर से शुरू करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पैतृक गांव गुजरात के वडनगर से अयोध्या जाने के लिए आया राम भक्तों का यह जत्था श्री राम ज्योति पदयात्रा संस्थान के संयोजक पवन भाई चौधरी के नेतृत्व में अयोध्या जा रहा है। पदयात्रा के साथ रामलला नवनिर्माण मंदिर की भव्य झांकी भी रथ पर सवार है. जैसे ही राम भक्तों की पदयात्रा का जत्था मेहंदीपुर बालाजी पहुंचा तो स्थानीय लोगों ने उनका भव्य स्वागत भी किया। इस दौरान यात्रा संयोजक पवन भाई चौधरी ने कहा राम लला कि प्राण प्रतिष्ठा के लिए पूर्व में सैकड़ों राम भक्तों ने आहुतियां दी और 22 जनवरी को यह सपना साकार होने जा रहा है। इसको लेकर देश का हर हिंदू अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहा है।
उन्होंने कहा जिस रामलला मंदिर के लिए सैकड़ो वर्ष संघर्ष चलता रहा आखिरकार वह घड़ी अब आ गई। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गांव से पैदल निकले यह राम भक्त रास्ते में जगह-जगह लोगों को यह संदेश भी देते जा रहे हैं की रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दिन यानी 22 जनवरी को अपने घर पर दीपक जरूर जलाएं। रिपोर्ट अशोक झा