“सारे तीर्थ बार-बार गंगा सागर एक बार”, मकर संक्रांति पर विशेष है महत्व सीएम ममता बनर्जी ने की समीक्षा

कोलकाता: दक्षिण 24 परगना के पुण्य तीर्थ गंगासागर में पुण्य स्नान करने के लिए पुण्यार्थियों का जत्था कोलकाता आने लगा है। इस बीच बुधवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गंगासागर में तैयारियों की समीक्षा की है। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने गंगासागर मेला 2024 की तैयारियों को लेकर बैठक की। उन्हें पता चला कि गंगासागर की राह में एक बांग्लादेशी जहाज डूबा हुआ पड़ा है। इसे लेकर सीएम ने नाराजगी जताई और अधिकारियों से पूछा कि आखिर इतने दिनों बाद भी जहाज गंगासागर की राह में कैसे पड़ा हुआ है ? उन्होंने सरकारी अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि आपने बहुत अच्छा काम किया है। हालांकि, ड्रेजिंग के मामले पर गौर करना होगा। अगर बांग्लादेश का डूबा जहाज़ अभी तक पड़ा हुआ है तो सेना से बात की जा सकती है। उनके पास कई विशेषज्ञ हैं।।मुख्यमंत्री ने आगे कहा, गंगासागर मेला खत्म होने के बाद यह देखा जाएगा कि इस जहाज को मंजूरी दी गई थी या नहीं। ऐसा ही रहा तो गंगासागर जाना मुश्किल हो जायेगा। ममता ने कहा कि लंबे समय से जहाज डूबा हुआ पड़ा है। इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए था। आखिर यह हुआ कैसे इसके पड़ताल की जाएगी।

इस दौरान उन्होंने कई तरह के ऐलान किए हैं साथ ही उन्होंने सुरक्षा तैयारियों का भी जायजा लिया है। उन्होंने कहा कि पुलिस की कड़ी निगरानी रहेगी। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए 200 किलोमीटर लंबी बैरिकेडिंग, 1150 सीसीटीवी कैमरे, 20 ड्रोन, 2400 नागरिक सुरक्षा बल, 50 दमकल गाड़ियां लगी रहेंगी। इतना ही नहीं प्रति व्यक्ति 5 लाख रुपए के दुर्घटना बीमा का भी ऐलान हुआ है। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था के निर्देश दिए गए हैं। 6500 स्वयंसेवक और 10000 शौचालयों की भी व्यवस्था होगी।
देश-विदेश के कोने-कोने से श्रद्धालु: असल में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कहा कि ‘गंगासागर मेले’ के दौरान श्रद्धालुओं को किसी तरह की मुश्किल का सामना नहीं करना पड़े, यह सुनश्चित करने के लिए उनकी सरकार सभी तरह के कदम उठा रही है। ममता ने सागर द्वीप पर इस वार्षिक मेले की तैयारियों का जायजा लिया। इस मेले के लिए देश और विदेश के कोने-कोने से हिंदू श्रद्धालु यहां आते हैं और ‘मकर संक्राति’ के मौके पर गंगा व बंगाल की खाड़ी के संगम में डुबकी लगाते हैं। भारत के सभी तीर्थ स्थलों में से गंगासागर को महातीर्थ माना जाता है। ‘सारे तीरथ बार-बार गंगा सागर एक बार’ इस कहावत के पीछे मान्यता है कि जो पुण्य फल की प्राप्ति किसी श्रद्धालु को जप-तप, तीर्थ यात्रा, धार्मिक कार्य आदि करने पर मिलता है, वह उसे केवल एक बार गंगा सागर की तीर्थयात्रा करने और स्नान करने से मिल जाता है। पहले के ज़माने में गंगा सागर जाना हर किसी के बस की बात नहीं होती थी, क्योंकि आज के दौर की तरह पहले के दौर में इतनी सुविधाएं नहीं थी। इस वजह से काफी काम लोग ही गंगासागर तक की यात्रा कर पाते थे इसीलिए कहा जाता था “सारे तीरथ बार-बार गंगा सागर एक बार।” आपको बता दें कि पहले गंगासागर तक केवल जल मार्ग से ही पहुंचा जा सकता था। लेकिन अब आधुनिक परिवहन से यहां पहुंच पाना बहुत सरल हो गया है। गंगा सागर में लगने वाला मेला 8 जनवरी से शुरू होता है और 16 जनवरी तक चलता है। ‘भारत का सबसे बड़ा मेला’: समीक्षा बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने कहा, ‘गंगासागर भारत का सबसे बड़ा मेला है. इस साल कम से कम 40 लाख लोग मेले में आएंगे। श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की दिक्कत न हो यह सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठाए जा रहे हैं। ‘ उन्होंने कहा कि करीब 10 हजार पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाएगा। यातायात नियमों को लेकर योजना बनाई गई है और जलक्षेत्र में भी गश्त लगाई जाएगी। कानून-व्यवस्था से किसी भी कीमत पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। चिकित्सा इकाईयों को तैयार रखा जाएगा।
इसरो की मदद से जीपीएस: उन्होंने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की मदद से जीपीएस और उपग्रह निगरानी के माध्यम से वाहनों की गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी। वार्षिक मेले को पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सागर द्वीप के आस-पास जरूरी खुदाई कार्य पहले ही पूरा कर लिया गया है। उन्होंने सोवनदेब चट्टोपाध्याय, फिरहाद हकीम और अरूप बिस्वास सहित वरिष्ठ मंत्रियों को गंगासागर मेले के दौरान गतिविधियों पर करीब से नजर रखने के लिए महत्वपूर्ण स्थानों पर मौजूद रहने को कहा है। कब से कब तक चलेगा मेला: गंगासागर मेले का पवित्र स्नान 15 जनवरी की रात से 16 जनवरी की सुबह तक चलेगा। हालांकि मेला उससे पहले ही शुरु हो जाएगा। अनुमान है कि इस बार मेले में करीब 40 लाख लोग जुट सकते हैं। राज्य सरकार की ओर से मंत्री पुलक रॉय, चंद्रिमा भट्टाचार्य, ब्रत्य बसु, प्रदीप मजूमदार और गंगासागर विधायक व मंत्री बंकिम मेले की कमान संभालेंगे।
2250 बसें, 66 अतिरिक्त ट्रेनें…
वहीं सरकार द्वारा परिवहन की भी विशेष व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है। मेले के लिए 2250 बसें, 66 अतिरिक्त ट्रेनें चलेंगी। सरकारी विभाग द्वारा बताया गया है कि सियालदह से तीर्थयात्रियों के लिए एक विशेष ट्रेन चलाई जाएगी। इसके अलावा मेले में एंबुलेंस की व्यवस्था भी रखी जाएगी। ममता बनर्जी ने निर्देश दिया है कि 2 जनवरी तक सारी तैयारियां पूरी कर ली जाएंगी। क्या है मेले का महत्त्व: बता दें कि गंगा सागर मेला हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है। जिसे गंगा सागर स्नान और गंगा सागर यात्रा के नाम से भी जाना जाता है। यह मेला हर साल हिंदू कैलेंडर के अनुसार मनाया जाता है। यह हर साल पश्चिम बंगाल राज्य में सागर द्वीप या सागरद्वीप के तट पर मनाया जाता है। यह वह स्थान है जहां गंगा सागर में विलीन होती है। यह स्थान हिंदू तीर्थयात्रियों के लिए एक विशेष स्थान रखता है। रिपोर्ट अशोक झा

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