ठंड में घर से निकले भले न, लेकिन भूख तो लगती ही है…

काशी में अनाज बैंक ने चूल्हा जलाने से लेकर भोजन सामग्री का किया वितरण 

ठंड में घर से निकले भले न, लेकिन भूख तो लगती ही है…

काशी में अनाज बैंक ने चूल्हा जलाने से लेकर भोजन सामग्री का किया वितरण

*अनाज बैंक ने बाँसफोरों में किया महावितरण*

*वाराणसी, 02 जनवरी।* बाँसफोर बस्ती की विमला ने कहा कि बहुत ठंड है, घर से बाहर निकलते नहीं है लेकिन भूख तो लगती ही है। यह सच है जिनको रोज कमाना खाना है, उनके लिए तो यह ठंड पेट पर भारी पड़ेगा। गरीबों की झोपड़ी में ठंड से बचने के लिए आग जले या न जले, लेकिन पेट की आग तो बुझानी ही पड़ती है। विशाल भारत संस्थान द्वारा संचालित विश्व के पहले अनाज बैंक ने भूख की पीड़ा से मुक्ति दिलाने के लिए लमही के सुभाष भवन में महावितरण कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कैंट के सहायक पुलिस आयुक्त विदुष सक्सेना ने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीपोज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। अनाज बैंक की ओर से 150 महिलाओं को चावल, मसाला, माचिस, साबुन और आटा मुख्य अतिथि ए.सी.पी. विदुष सक्सेना ने वितरित किया।

इस अवसर पर विदुष सक्सेना ने कहा कि इस ठंड में दिहाड़ी मजदूरों के लिये भूख की समस्या है। रोजी रोटी न चलने की वजह से भूख के संकट से जूझना पड़ता है, लेकिन अनाज बैंक का यह संकल्प कि “कोई भी भूखा न सोए…” गरीब परिवार के लिए वरदान है। अनाज देखकर बच्चों के चेहरे की मुस्कुराहट यह बताती है कि उनको भोजन की गारंटी मिल गयी है। अनाज बैंक जैसा मॉडल मानवता की सेवा के लिये ही स्थापित किया गया है।

विशाल भारत संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ० राजीव श्रीगुरुजी ने कहा कि अनाज बैंक उन बुजुर्गों तक भी पहुंचने का प्रयास कर रहा है जो चलने में सक्षम नहीं हैं। अनाज बैंक उन लोगों तक अपनी पहुंच बना रहा है, जिन लोगों को भूख का सामना करना पड़ रहा है। अनाज बैंक 24 घण्टे का बैंक है। किसी को भी जरूरत पड़ेगी तो उसे तात्कालिक मदद दी जाएगी।

अनाज बैंक की प्रबंध निदेशक डॉ० अर्चना भारतवंशी ने कहा कि सड़क पर रहने वाले निराश्रित परिवार की चिंता हर हाल में करेंगे। बच्चे किसी भी कीमत पर भूखे न सोने पाए।

अनाज वितरण में डॉ० नजमा परवीन, डॉ० मृदुला जायसवाल, नाज़नीन अंसारी, आभा भारतवंशी, इली भारतवंशी, खुशी रमन भारतवंशी, उजाला भारतवंशी, दक्षिता भारतवंशी ने सहयोग किया।

अनाज पाने वालों में पूजा, शीला, सोनी, मनीषा, सरोज, मीरा, उषा, गुड्डी, शांति, चमेली, सविता आदि महिलाएं शामिल रहीं।

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