बंगाल सफारी में शेरनी के नामकरण को लेकर राज्य सरकार से मांगी रिपोर्ट
कोलकाता: कलकत्ता उच्च न्यायालय के जलपाईगुड़ी सर्किट बेंच के न्यायाधीश सौगत भट्टाचार्य ने राज्य को बंगाल सफारी में शेरनी के नामकरण के संबंध में कल एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। इस मामले में आज भी सुनवाई होगी। हाईकोर्ट ने सिलीगुड़ी के सफारी पार्क में एक शेरनी का नाम ‘सीता’ रखे जाने के खिलाफ विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) की याचिका पर सुनवाई की। वीएचपी ने आरोप लगाया था कि, ‘विश्व हिंदू परिषद को इस बात की गहरी पीड़ा हुई है कि बिल्ली प्रजाति का नाम भगवान राम की पत्नी ‘सीता’ के नाम पर रखा गया है।मामले की सुनवाई जस्टिस सौगत भट्टाचार्य की एकल पीठ ने की। पीठ कहा कि शेरनी के नामकरण को लेकर भ्रम की स्थिति है। याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सौगत भट्टाचार्य ने शेर को देवी दुर्गा की सवारी बताया। जस्टिस भट्टाचार्य ने कहा, “ऐसा नाम स्नेह और प्यार से रखा जाता है, इसमें समस्या क्या है?” अदालत के सवाल का जवाब देते हुए वकील ने कहा कि स्नेह जताते हुए किसी की निंदा करना ठीक नहीं है! जिस पर जस्टिस ने कहा, “आप सही हैं, लेकिन यह व्यक्ति की मानसिकता और उसके विवेक पर निर्भर करता है।” इसके जवाब में वकील ने कहा, “अगर यह बदनामी नहीं है तो भविष्य में किसी भगवान का नाम गधे के नाम पर इस्तेमाल किया जाएगा!” वकील ने कहा कि हम सीता की पूजा करते हैं। उनका स्थान मंदिर में है। जंगल में नहीं। इसके बाद कलकत्ता हाई कोर्ट की पीठ ने सरकार से इसके नामकरण को लेकर जवाब मांगा है। इससे पहले, वीएचपी ने शेरनी का नाम बदलने का आदेश देने की मांग करते हुए अदालत का रुख किया था। हिंदू समूह ने इसकी निंदा और समुदाय की धार्मिक मान्यताओं पर हमला बताया था। याचिकाकर्ताओं ने यह भी कहा कि यदि शेरनी का नाम सीता रखा गया तो उसे अकबर नाम के शेर के साथ एक बाड़े में क्यों रखा? इस बीच, वन्यजीव पार्क के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मामले से संबंधित दस्तावेज अदालत को उपलब्ध करा दिए गए हैं और पार्क अदालत के फैसले का पालन करेगा।
क्या है पूरा मामला: कोलकाता के बंगाली सफारी पार्क में एक शेर के जोड़े को लाया गया है। सफारी पार्क में आई शेरनी का नाम कथित तौर पर सीता बताया जा रहा है और शेर का नाम अकबर रखा गया है। ऐसे में अब शेरनी का नाम सीता रखने पर विश्व हिंदू परिषद के सदस्यों ने कड़ी आपत्ति जताई है।भाजपा के वकील तरुणज्योति तिवारी ने कहा कि ममता बनर्जी ने हमेशा हमारे हिंदू धर्म के खिलाफ ऐसे काम किए हैं। VHP का आरोप है कि राज्य के वन विभाग ने शेरों का नाम रखा और ‘अकबर’ के साथ ‘सीता’ को रखना हिंदू धर्म का अपमान है। धार्मिक संगठन ने शेरनी का नाम बदलने का अनुरोध किया है। वीएचपी की याचिका पर 20 फरवरी से सुनवाई हो रही है। रिपोर्ट अशोक झा