कोलकाता हाईकोर्ट ने रिपब्लिक बांग्ला के पत्रकार किया आजाद, पुलिस की फजीहत

कोलकाता: संदेशखाली हिंसा की सच्चाई दिखा रहे रिपब्लिक बांग्ला के पत्रकार संतू पान को कलकत्ता पुलिस ने गिरफ्तार कर मीडिया की स्वतंत्रता पर एक बड़ा प्रहार किया था। हालांतकि, ममता सरकार को चोट देते हुए कोलकाता हाईकोर्ट ने रिपब्लिक बांग्ला के हक में फैसला सुनाया है। रिपब्लिक बांग्ला के जर्नलिस्ट संतू को कलकत्ता हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है। संदेशखाली हिंसा मामले की रिपोर्टिंग कर रहे संतू को कोलकाता पुलिस ने 19 फरवरी में गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद 21 फरवरी, बुधवार को कोलकाता पुलिस उन्हें किसी अज्ञात जगह पर लेकर जा रही थी, जिसे लेकर बीजेपी आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने ममता सरकार को जमकर घेरा।रिपोर्टर पर लगाए आरोपों का कोई क्लीयर एक्सप्लेशन नहीं हैः हाई कोर्ट : कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा कि रिपोर्टर के ऊपर जो भी आरोप लगाए गए हैं, उसका कोई भी क्लीयर स्पष्टीकरण नहीं है। महेश जेठमलानी ने रिपब्लिक की ओर से कोर्ट में अपना पक्ष रखा। फैसला सुनाने के दौरान कोर्ट की ओर से कहा गया, “पुलिस अधिकारियों के लिए खेद है। आप असली दोषियों को गिरफ्तार नहीं कर पाए हैं। आप एक निर्दोष पत्रकार के पीछे हैं जबकि जो लोग पकड़े नहीं गए हैं वे कानून का मजाक बना रहे हैं।”क्यों ना रद्द हो FIR?: कलकत्ता हाई कोर्ट : कोर्ट ने ममता पुलिस पर कड़ा प्रहार करते हुए पूछा, “इस FIR को रद्द क्यों नहीं किया जाना चाहिए”। बता दें, संदेशखाली हिंसा का मुख्य आरोपी जो कि तृणमूल कांग्रेस का लीडर है, वो अबतक पुलिस की गिरफ्त से बाहर चल रहा है। वहीं कलकत्ता पुलिस रिपब्लिक के रिपोर्टर को गिरफ्तार कर लेती है। ध्यान देने वाली बात ये है कि कलकत्ता हाईकोर्ट भी इस बात पर जोर दे रही है कि कोलकाता पुलिस मुख्य आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर पा रही, लेकिन एक पत्रकार को अरेस्ट कर रही है। कोर्ट की ओर से कहा गया, असली दोषी कानून का उल्लंघन कर रहा है। आप अपनी सारी ऊर्जा एक पत्रकार के पीछे लगाना चाहते हैं। मुझे पुलिस अधिकारों को लिए खेद महसूस हो रहा है।क्या आप 2021 का चुनावी हिंसा भूल गए हैं?: हाई कोर्ट
कलकत्ता हाईकोर्ट ने ममत सरकार और कोलकाता पुलिस को जमकर फटकार लगाई। हाईकोर्ट की तरफ से पूछा गया कि क्या आप 2021 का वो चुनावी हिंसा भूल गए हैं? पुलिस ने एक बच्चे की तरह इस पूरे मामले को संभाला।संदेशखाली का जमीनी हकीकत दिखना चाहिए- हाईकोर्ट: कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा है कि संदेशखाली का जमीनी हकीकत सबसे सामने आना चाहिए। दिखना चाहिए कि आखिर वहां क्या हुआ और स्थिति क्या है। कोर्ट ने कहा, “आपको संदेशखाली के आरोपी को गिरफ्तार करना चाहिए लेकिन आप एक पत्रकार को गिरफ्तार कर रहे हैं।
रिपोर्ट अशोक झा

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