पीएम मोदी पश्चिम बंगाल के कल्याणी में एक एम्स को भी राष्ट्र को समर्पित करने वाले, ममता सरकार से नही मिला क्लीयरेंस

कोलकाता: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश भर में स्वास्थ्य, सड़क, रेल, ऊर्जा और पर्यटन से संबंधित 52,250 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं की शुरुआत करेंगे। इन परियोजनाओं के तहत पीएम मोदी पश्चिम बंगाल के कल्याणी में एक एम्स को भी राष्ट्र को समर्पित करने वाले हैं। मगर पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से इसे क्लीयरेंस नहीं मिला है। यह कार्य कथित तौर पर पर्यावरण मंजूरी के बिना संचालित हो रहा है। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक, इसके लिए पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफसीसी) के दिशानिर्देशों के अनुसार 20,000 वर्ग मीटर से बड़ी किसी भी परियोजना से पहले पर्यावरण मंजूरी लेनी होगी।।एजेंसी ने निर्माण पर लगाया था जुर्माना: ऐसी परियोजनाओं के लिए दो एजेंसियों – राज्य विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति (एसईएसी) और राज्य पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन प्राधिकरण (एसईआईएए) से मंजूरी लेने की आवश्यकता होती है। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी कल्याण रुद्र ने कहा, “कल्याणी में एम्स का निर्माण कर रही निर्माण एजेंसी ने पहली बार 6 अक्टूबर, 2022 को परिवेश पोर्टल के माध्यम से एसईआईएए के लिए आवेदन किया था। आवेदन ‘उल्लंघन’ श्रेणी के अंतर्गत था क्योंकि निर्माण प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी थी।” 19 अक्टूबर को एसईएसी ने केंद्र और सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए पर्यावरणीय प्रभाव क्षति लागत और 15 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया।
‘एजेंसी ने मांगी पर्यावरण मंजूरी’: कल्याण रुद्र ने कहा, “चूंकि परियोजना की लागत लगभग 1000 करोड़ रुपये थी, इसलिए 0.5% की पर्यावरणीय प्रभाव क्षति लागत लगाई गई थी। 1% का जुर्माना भी लगाया गया। उनसे कुल 15.1 करोड़ रुपये जमा करने को कहा गया था। सितंबर 2023 में उन्होंने एसईआईएए में छूट के लिए आवेदन किया। चूंकि यह बहुत बड़ी और प्रतिष्ठित जनहित परियोजना थी इसलिए एसईआईएए ने पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से राय मांगी। मंत्रालय ने कहा कि मंजूरी प्राप्त करना अनिवार्य था। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड्स के हाथ में कई परियोजानाएं : इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने 2 जनवरी, 2024 और 2 फरवरी, 2024 को दो आदेश पारित किए। शीर्ष अदालत ने मई 2022 में जारी पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के एक कार्यालय ज्ञापन पर रोक लगा दी, जिसने परियोजनाओं को उल्लंघन श्रेणी में आवेदन करने की अनुमति दी थी। रुद्र ने कहा, “इसलिए इस स्तर पर शीर्ष अदालत के आदेशों के बाद हम एम्स कल्याणी या उस मामले में किसी अन्य परियोजना के लिए कोई मंजूरी जारी नहीं कर सकते हैं, जिन्होंने उल्लंघन श्रेणी के तहत आवेदन किया है। पश्चिम बंगाल में कम से कम 25 अन्य परियोजनाएं हैं जो शीर्ष अदालत के आदेशों के कारण प्रभावित हुई हैं। अब सभी राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड्स के हाथ बंधे हुए हैं। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी रविवार को राजकोट, बठिंडा, रायबरेली, कल्याणी और मंगलागिरी में पांच एम्स राष्ट्र को समर्पित करने वाले हैं। एम्स कल्याणी के अधिकारियों को इस बारे में पहले ही सूचित कर दिया गया है। डब्ल्यूबीपीसीबी पहले ही अदालत का रुख कर चुका है। वरिष्ट संवाददाता ने एम्स अधिकारियों से संपर्क साधने की कोशिश की मगर एम्स कल्याणी के कार्यकारी निदेशक डॉ. रामजी सिंह को कॉल या मैसेज का कोई जवाब नहीं दिया है। रिपोर्ट अशोक झा