हथियारबंद बदमाशों ने पुलिस के अधिकारी के आवास पर धावा, गोलियां चलाईं ,मणिपुर में बुलाई गई सेना

इंफाल। मणिपुर में ताजा तनाव बढ़ने के बाद सेना को बुलाया गया है। इसके अलावा असम राइफल्स की चार टुकड़ियों को इम्फाल पूर्व में तैनात किया गया है। ये कदम जब उठाया गया जब एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को मेईती संगठन अरमबाई तेंगगोल के कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर उनके आवास से अपहरण कर लिया।पुलिस ने बुधवार एक बयान में कहा कि “बाद में पुलिस अधिकारी को क्वाकीथेल कोन्जेंग लीकाई इलाके से बचाया गया और चिकित्सा उपचार के लिए राज मेडिसिटी में भर्ती कराया गया। इस संबंध में मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच शुरू हो गई है।
वास्तव में क्या हुआ?: अमित सिंह मणिपुर पुलिस बल में ऑपरेशन विंग में तैनात थे। फिलहाल वह अस्पताल में भर्ती हैं। अमित सिंह की हालत स्थिर बताई जा रही है। मंगलवार शाम अरामबाई तेंगगोल के करीब 200 हथियारबंद लोग उनके घर में घुस आए। इस बार उन्होंने तोड़फोड़ की।इतना ही नहीं फायरिंग कर भारी क्षति भी पहुंचायी। मिली जानकारी के अनुसार, मणिपुर में तनाव बढ़ने पर सेना को बुलाया गया है। साथ ही असम राइफल्स की चार टुकड़ियों को इंफाल ईस्ट में तैनात किया गया है।खबर है कि घटना के विरोध में पुलिस ने भी हथियार डाल दिये हैं। इससे जुड़ा एक वीडियो भी पोस्ट किया गया है। इस अंधाधुंध गोलीबारी का कारण यह था कि संबंधित अधिकारी ने वाहन चोरी में संलिप्तता के लिए समूह के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया था।गिरफ्तारी के बाद, मीरा पैबिस (मेइतेई महिला समूह) के एक समूह ने उनकी रिहाई की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया और सड़कों को बंद कर दिया था, लेकिन अचानक उन्होंने वाहनों और संपत्तियों पर गोलीबारी शुरू कर दी। इसलिए हमें अंदर भागना पड़ा और खुद को बंद करना पड़ा। इसके बाद अधिकारी अपनी टीम के साथ आए लेकिन उनका अपहरण कर लिया गया क्योंकि उनकी संख्या पर अरामबाई तेंगगोल से जुड़े कैडर भारी थे।
कट्टरपंथी मैतेई समूह अरामबाई तेंगगोल के सदस्यों पर है शक : हालांकि पुलिस ने घटना के पीछे शामिल उग्रवादी समूह का नाम नहीं बताया है, लेकिन मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने कहा कि अपहरण संभवतः कट्टरपंथी मैतेई समूह अरामबाई तेंगगोल के सदस्यों द्वारा किया गया था। बुधवार सुबह मणिपुर पुलिस की ओर से जारी बयान में कहा गया कि करीब 200 की संख्या में गाड़ियों में आए हथियारबंद बदमाशों ने पूर्वी इंफाल जिले के पोरोम्पैट पुलिस स्टेशन के अंतर्गत वांगखेई टोकपम लीकाई के एएसपी मोइरंगथेम अमित सिंह के आवास पर धावा बोल दिया।आवास पर घरेलू संपत्ति में तोड़फोड़ की: हथियारबंद बदमाशों ने आवास पर घरेलू संपत्ति में तोड़फोड़ की। सूचना मिलने पर अतिरिक्त सुरक्षा बल मौके पर पहुंचे। पुलिस कार्रवाई में, रबिनाश मोइरंगथेम (24) और कंगुजम भीमसेन (20) नाम के दो व्यक्ति घायल हो गए और उन्हें पोरोम्पैट के जेएनआईएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना के बीच हथियारबंद बदमाशों ने एडिशनल एसपी और उनके एक साथी का अपहरण कर लिया। बाद में उन्हें क्वाकीथेल कोन्जेंग लीकाई क्षेत्र से बचाया गया और चिकित्सा उपचार के लिए राज मेडिसिटी में भर्ती कराया गया। इस संबंध में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस के बयान में यह नहीं बताया गया कि अधिकारी का अपहरण क्यों किया गया। लेकिन, नाम न छापने की शर्त पर एक पुलिस अधिकारी ने मंगलवार रात को कहा था कि इम्फाल पुलिस ने दोपहर में अरामबाई तेंगगोल के कुछ सदस्यों को हिरासत में लिया था। अधिकारी ने कहा, “वे हथियार लहरा रहे थे और शहर में वाहन चुरा रहे थे। समूह के सदस्यों और अन्य महिला समूहों ने इंफाल पुलिस मुख्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन जल्द ही एएसपी के आवास पर शिफ्ट हुआ: विरोध प्रदर्शन जल्द ही एएसपी के आवास पर शिफ्ट हो गया। जब विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ तो एएसपी सिंह अपने घर पर मौजूद नहीं थे। उन्होंने कहा, “शाम करीब 6 बजे, वह अपने घर पहुंचे लेकिन तुरंत महिला प्रदर्शनकारियों ने उन्हें घेर लिया। कुछ ही देर में अलग-अलग गाड़ियों में आतंकी आए, प्रदर्शनकारियों की बड़ी संख्या का फायदा उठाया और अधिकारी को पकड़ लिया। अन्य पुलिस कर्मियों को भीड़ ने अपने कंट्रोल में कर लिया था।”अरामबाई तेंगगोल एक कट्टरपंथी मैतेई समूह है। इस समूह पर कुकी समूहों ने जातीय संघर्ष शुरू होने के बाद से आदिवासियों के खिलाफ हिंसा करने का आरोप लगाया गया है। समूह के सदस्यों पर अन्य जघन्य अपराधों के अलावा हत्या, सुरक्षा बलों पर हमले, जबरन वसूली और आगजनी का आरोप लगाया गया है। कुकी समूहों ने कहा है कि अरामबाई तेंगगोल को राजनेताओं का समर्थन प्राप्त है। पिछले महीने समूह ने मणिपुर की अखंडता की रक्षा की शपथ लेने के लिए 36 विधायकों, 2 सांसदों और अन्य मैतेई राजनेताओं को भी बुलाया था। समारोह में भाग लेने वाले कुछ विधायकों ने पुष्टि की है कि राज्य सरकार का समर्थन नहीं करने के लिए अरामबाई तेंगगोल सदस्यों द्वारा कम से कम 3 विधायकों पर हमला किया गया था। हालांकि किसी भी विधायक ने शिकायत दर्ज नहीं कराई है।मणिपुर में ताजा तनाव के बीच बुलाई गई सेना: मणिपुर में मंगलवार को ताजा तनाव बढ़ने पर सेना को बुलाया गया। मेइती संगठन अरामबाई तेंगगोल के कार्यकर्ताओं द्वारा पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी का उनके आवास से कथित तौर पर अपहरण करने के उपरांत असम राइफल्स की चार टुकड़ियों को इंफाल पूर्व में तैनात किया गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।बचाव प्रयासों के बाद हालात बिगड़ गए जिससे राज्य सरकार को सेना की मदद लेनी पड़ी। अधिकारियों ने कहा कि असम राइफल्स की चार टुकड़ियों की मांग की गई और उन्हें उस क्षेत्र के आसपास तैनात किया गया जहां घटना हुई थी। सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम घाटी क्षेत्रों में लागू नहीं है। असम राइफल्स एक अर्धसैनिक बल है जो सेना की परिचालन कमान के तहत काम करता है। रिपोर्ट अशोक झा

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