संदेशखाली: बंगाल की राजनीति का नया अखाड़ा, बीजेपी का मिशन 35 पूरा होगा?

ममता के थ्री एम फैक्टर में महिला एक एम खिसकने का डर

कोलकाता: लोकसभा चुनाव के पूर्व ममता बनर्जी के 3 एम फैक्टर से एक फैक्टर महिला की सकता हुआ नजर आ रहा है। किसका सबसे बड़ा कारण संदेश खली की घटना है।बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर एक और भाजपा तो दूसरी ओर कांग्रेस के सांसद अधीर रंजन चौधरी ने संदेशखाली मामले को लेकर हमला बोला है। उन्होंने सीएम ममता को निशाने पर लेते हुए कहा कि आप किस तरफ हैं, बंगाल की मुख्यमंत्री क्या आपको लगता है कि महिलाओं का वेतन बढ़ाने से उनकी गरिमा की रक्षा होगी? आपकी पार्टी के लोग बंगाली माताओं-बहनों के साथ बलात्कार कर रहे हैं, उनका यौन उत्पीड़न कर रहे हैं। अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि आपके नेता रात 12 बजे के बाद पत्नी को पति के पास से ले जाते है। आप उनके बारे में कभी नहीं सोचती, आप बंगाल की महिला मुख्यमंत्री हैं। मुझे यह सोचकर शर्म आती है कि मैं बंगाल में रह रहा हूं।बारासात: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित करने वाले तृणमूल नेता (अब निलंबित) शाहजहां शेख और उसके सहयोगियों को बचाने का आरोप लगाते हुए कहा कि संदेशखाली की घटना राज्य से तृणमूल शासन को उखाड़ फेंकेगी। मोदी ने लोगों से लोकसभा चुनाव में इंडिया समूह को हराने का आग्रह किया क्योंकि वे भारतीय जनता पार्टी की विकसित भारत परियोजनाओं पर ब्रेक लगा रहे हैं। उन्होंने उत्तर 24 परगना में विशाल ‘नारी शक्ति सम्मान’ रैली को संबोधित करते हुए कहा, “संदेशखाली में महिलाओं के साथ जो भी अत्याचार हुआ वह शर्म की बात है। तृणमूल सरकार संदेशखाली के अपराधियों के बारे में चिंतित नहीं है, बल्कि वह अपराधियों को बचाने में लगी हुई है।” प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार माताओं-बहनों की रक्षा करने की बजाय माफिया, रंगदारों और अपराधियों को बचाने में लगी हुई है। उन्होंने कहा,”मुझे लगता है कि तृणमूल माताओं और बहनों के समर्थन पर निर्भर नहीं है, बल्कि यह आतंक फैलाने के लिए काफी हद तक माफिया राज पर निर्भर है।” मोदी ने कहा कि संदेशखाली की घटना आखिरकार तृणमूल को बंगाल से उखाड़ फेंकेगी, क्योंकि महिला शक्ति पुरुष प्रधान समाज पर मजबूत होकर उभर रही है। उन्होंने कहा,”तृणमूल के शासन में इस भूमि (बंगाल) पर महिलाओं के खिलाफ अत्याचार हो रहे हैं।” प्रधानमंत्री ने कहा,”इंडिया समूह के नेता 2024 के लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार की वापसी को देखकर तनाव में हैं।” मोदी ने कहा,”यह महसूस करने के बाद कि राजग केंद्र में अपनी सरकार बना रही है, इंडिया समूह ने मेरे और मेरे परिवार के बारे में गालियां देना शुरू कर दिया।” उन्होंने कहा कि चूंकि वह राजवंशों पर हमला कर रहे थे, अब इंडिया समूह यह प्रचार कर रहा है कि मोदी के पास कोई परिवार नहीं है।उन्होंने कहा, “वे मेरे परिवार के बारे में पूछ रहे हैं। वे कह रहे हैं कि मैं ‘परिवारवाद’ के खिलाफ बात करता हूं क्योंकि मेरा कोई परिवार नहीं है। ये लोग मेरे परिवार के बारे में जानना चाहते हैं। मैं चाहता हूं कि ये ‘परिवारवादी’ सभा के गवाह बनें और समझें कि यहां मौजूद सभी लोग मेरा परिवार हैं। देश के 140 करोड़ लोग मेरा परिवार हैं और वे मेरी देखभाल कर रहे हैं।
संदेशखाली विवादों में क्यों? बंगाल की राजधानी कोलकाता से करीब 80 किलोमीटर दूर स्थित संदेशखाली उत्तर 24 परगना जिले के बशीरहाट उपखंड में आता है. यह बांग्लादेश की सीमा से सटा हुआ इलाका है. यहां अल्पसंख्यक और आदिवासी समाज के लोग सबसे ज्यादा रहते हैं. जनवरी में जब तृणमूल कांग्रेस के नेता शाहजहां शेख के घर पर ईडी की टीम ने रेड की थी, तो ईडी की टीम पर ही हमला बोल दिया गया. इसके बाद यह इलाका खूब सुर्खियों में रहा था। 5 जनवरी को क्या हुआ था?:पश्चिम बंगाल के राशन वितरण घोटाले में करीब 10 हजार करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार मामले में जब 5 जनवरी को ईडी की टीम शाहजहां शेख के आवास पर छापा मारने पहुंची तो वहां उसके गुर्गों ने ईडी के अधिकारियों पर हमला कर दिया था. 200 से ज्यादा स्थानीय लोगों ने अधिकारियों और उनके साथ चल रहे अर्धसैनिक बलों के वाहनों को घेर लिया था. भीड़ ने अधिकारियों की गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की थी. इस हमले में ईडी के तीन अधिकारी राजकुमार राम, सोमनाथ दत्त और अंकुर गुप्ता घायल हो गए थे. इस मामले में एक-एक करके चार गिरफ्तारियां हुई थीं, शाहजहां शेख कई दिनों तक फरार रहा. शाहजहां को पूर्व खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक का करीबी माना जाता है। महिलाओं ने लगाए गंभीर आरोप, संदेशखाली हिंसा ने पकड़ा जोर: राशन घोटाला, ईडी अटैक और जमीन कब्जे जैसे मामलों पर जांच चल ही रही थी कि एक और संगीन मामले में शाहजहां शेख के खिलाफ केस को और भयावह मोड़ दे दिया और यहीं से संदेशखाली की एंट्री हुई। दरअसल, संदेशखाली की कुछ महिलाओं ने ईडी मामले के बाद मुखर रूप से शाहजहां शेख के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। ये भी सामने आया कि महिलाएं पहले से यौन शोषण के आरोप लगाते हुए शिकायत करती रही थीं, लेकिन कई सालों से उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही थी। ईडी प्रकरण के सामने आने के बाद तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता शाहजहां शेख और उसके सहयोगियों के अत्याचार के खिलाफ महिलाएं खुलकर सामने आ गईं। संदेशखाली की पीड़ित महिलाओं ने आपबीती सुनाई। महिलाओं ने शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर अत्याचार करने, यौन उत्पीड़न करने और जमीन कब्जाने जैसे गंभीर आरोप लगाए थे।अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री ने अपने सोशल मीडिया पर एक बड़ी घोषणा की। सीएम के मुताबिक आशा कार्यकर्ताओं का वेतन 750 रुपये बढ़ाया जाएगा. वहीं आंगनबाडी कार्यकर्ताओं और आंगनबाडी सहायिकाओं के वेतन में भी 750 रुपये की बढ़ोतरी की जाएगी. नई वेतन वृद्धि अगले महीने अप्रैल से प्रभावी होगी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को आशा कार्यकर्ताओं, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और आंगनवाड़ी सहायकों के वेतन में बढ़ोतरी की घोषणा की।किसकी सैलरी बढ़ेगी कितने रुपये? सीएम ने एक बयान में कहा, ”आशा कार्यकर्ताओं का वेतन अप्रैल से 750 रुपये प्रति माह बढ़ाया जाएगा. आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और आंगनवाड़ी सहायिकाओं का वेतन भी अप्रैल से 750 रुपये बढ़ाया जाएगा. आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को वर्तमान में 8,250 रुपये प्रति माह वेतन दिया जाता है. 500 प्रति माह आईसीडीएस सहायकों के लिए मासिक वेतन बढ़ाया जाएगा। वर्तमान में आईसीडीएस सहायकों को लगभग 6000 रुपये प्रति माह का भुगतान किया जा रहा है।संदेशखाली मामले पर घिरी हैं ममता: पश्चिम बंगाल में पिछले डेढ़ महीने से ईडी पर हमले और फिर संदेशखाली में महिलाओं के यौन उत्पीड़न को लेकर घिरी ममता बनर्जी को नए सवालों का सामना करना पड़ रहा है. भले ही टीएमसी नेता शाहजहां शेख को कलकत्ता हाई कोर्ट की फटकार और बंगाल के राज्यपाल के हस्तक्षेप के बाद पश्चिम बंगाल पुलिस ने 55 दिन बाद गिरफ्तार कर लिया हो, लेकिन कोर्ट में पेशी के दौरान जिस तरह से वह विक्ट्री साइन बनाते नजर आए, उससे हड़कंप मच गया। उनसे फिर सवाल उठाया गया है कि क्या टीएमसी सरकार में अपराधियों पर इसी तरह से मुकदमा चलाया जाता है।कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को निर्देश दिया कि संदेशखाली में प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों पर हमले का मामला और निलंबित टीएमसी नेता शाहजहां शेख की हिरासत को सीबीआई को सौंप दिया जाए। हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल पुलिस को उसके पूरी तरह से पक्षपातपूर्ण आचरण के लिए फटकार लगाई और कहा कि आरोपियों को बचाने के लिए जांच में देरी करने की हर संभव कोशिश की जा रही है. उच्च न्यायालय द्वारा प्रवर्तन निदेशालय की याचिका स्वीकार करने के कुछ ही घंटों के भीतर, पश्चिम बंगाल सरकार ने आदेश को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय का रुख किया, लेकिन शीर्ष अदालत की पीठ ने याचिका को तुरंत सूचीबद्ध करने से इनकार कर दिया। अदालत ने उनके वकील से मामले को रजिस्ट्रार जनरल के पास भेजने को कहा। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने दो बार मामले की तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया। रिपोर्ट अशोक झा

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