मलद्वार में छुपाकर सोने की तस्करी का भंडाफोड़, एक बांग्लादेशी तस्कर गिरफ्तार

सिलीगुड़ी: दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के जवानों ने उत्तर 24 परगना जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित एकीकृत जांच चौकी (आइसीपी) पेट्रापोल में एक बार फिर तस्करी के प्रयास को विफल करते हुए चार सोने के बिस्कुटों के साथ एक बांग्लादेशी तस्कर को गिरफ्तार किया है। 33 लाख रुपये है सोने की अनुमानित कीमत बीएसएफ ने शनिवार को एक बयान में बताया कि पासपोर्ट व वीजा लेकर यात्री के वेश में आ रहा उक्त तस्कर अपने मलाशय (मलद्वार) में छिपाकर यह सोना ला रहा था। जब्त सोने का कुल वजन 466.630 ग्राम है, जिसकी अनुमानित कीमत करीब 33 लाख रुपये है। सेना ने तस्कर को किया गिरफ्तारबीएसएफ के जनसंपर्क अधिकारी व डीआइजी एके आर्य ने बताया कि शुक्रवार को पेट्रापोल में नियमित तलाशी के दौरान जवानों को मेटल डिटेक्टर से एक यात्री के शरीर के निचले हिस्से में कुछ धातु पदार्थ की मौजूदगी का संकेत मिला। तुरंत उसे व्यापक जांच के लिए शौचालय ले जाया गया, जहां उसके मलाशय से चार सोने के बिस्कुट बरामद किए गए। इसके बाद सोना जब्त कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पकड़े गए यात्री की पहचान हृदयोय, पिता- सलोम, जिला-मुंशीगंज, ढाका, बांग्लादेश के रूप में हुई। अक्सर भारत आता रहता है आरोपीपूछताछ में उसने खुलासा किया कि वह अक्सर कपड़े और कॉस्मेटिक के कारोबार के लिए पासपोर्ट पर बांग्लादेश से भारत आता है। इस बार उसने ढाका में रूपा ज्वैलर्स के मालिक हसन भाई से तस्करी के उद्देश्य से 40 लाख बांग्लादेशी टका की कीमत में सोना खरीदा। इसे कोलकाता में एक अज्ञात व्यक्ति को सौंपना था। चेकपोस्ट पर जवानों की नजरों से बचने के लिए उसने अपने शरीर के निचले हिस्से में सोने को यशोर बस स्टैंड में छिपा लिया था। बीएसएफ ने जब्त सामान के साथ गिरफ्तार शख्स को आगे की कार्यवाही हेतु कस्टम कार्यालय, पेट्रापोल को सौंप दिया है। बताया गया है की सोना तस्करी के पीछे का कारण कैरियर को बचते हैं केवल 25 हजार, मास्टरमाइंड को सात लाख
दुबई से जोखिम मोल लेकर सोना लाने वाले ‘कैरियर’ को एक राउंड में केवल 20 से 25 हजार रुपये मिलते हैं। जबकि मास्टरमाइंड को एक किलोग्राम सोने की तस्करी में करीब सात लाख रुपये का मुनाफा होता है। कैरियर पकड़ा गया तो दो से तीन महीने जेल में रहकर बाहर आ जाता है।दुबई में 10 लाख रुपये किलो सस्ता सोना: सोने की तस्करी में तेजी की बड़ी वजह भारी भरकम कस्टम ड्यूटी है। सोने पर करीब 16 फीसदी ड्यूटी है। दुबई में सोना ड्यूटी फ्री है, इसलिए भारत की तुलना में वहां करीब 10 लाख रुपये प्रति किलोग्राम सस्ता है। इसी बड़े अंतर ने सोने की तस्करी को बढ़ावा दिया है। पिछले साल देश में करीब 2000 किलोग्राम सोना जब्त किया गया था। तस्करी में लिप्त कई ज्वेलर्स निशाने पर: तस्करी का सोना सराफा कारोबारियों के यहां बड़ी मात्रा में खप रहा है, इसीलिए राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने पिछले एक साल में प्रदेश के कई बड़े सराफा कारोबारियों के यहां छापे मारे हैं। पूछताछ की है। सूत्रों के मुताबिक तस्करी के सोने की खरीद-फरोख्त कैश में होती है। इससे तैयार ज्वेलरी भी कैश भी बेची जाती है। यानी कालाधन खपाने का बड़ा जरिया तस्करी का सोना है। रिपोर्ट अशोक झा

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