धूमधाम से निकाली जाएगी भव्य रामोत्सव शोभायात्रा , तैयारी को दिया जा रहा है अंतिम रूप

सिलीगुड़ी: इस वर्ष रामनवमी पर पूरे विश्व में भव्य रामोत्सव कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) रामोत्सव कार्यक्रम के जरिए पूरे विश्व में हिंदू समुदाय को एक सूत्र में जोड़ने की कोशिश करेगी। दुनिया में जहां भी हिंदू समुदाय के लोग रहते हैं, वहां मंदिरों में रामनवमी के दिन भव्य रामोत्सव कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। अब तक भारत समेत दुनिया के 30 देशों के लगभग एक लाख मंदिरों और अन्य प्रमुख स्थानों पर रामोत्सव कार्यक्रम आयोजित किए जाने की योजना बनाई जा चुकी है। इन कार्यक्रमों में हिंदू समुदाय के करोड़ों लोगों के शामिल होने की संभावना है। सिलीगुड़ी श्री रामनवमी महोत्सव समिति के मीडिया प्रभारी सुशील रामपुरिया, लीगल सेल प्रमुख सुदिप्तों मजूमदार तथा उपाध्यक्ष श्यामरतन पांडेय ने कहा की श्रीराम 500 वर्षो बाद अपने भव्य दिव्य महल में पधारे है। इसका उमंग और उत्साह देखते ही बन रहा है। राम के मर्जी से ही राज्य सरकार ने रामनवमी की सरकारी छुट्टी की अधिसूचना जारी की है। यह राम भक्तों के लिए सोने में सुहागा है। इसलिए इस शोभायात्रा में ज्यादा से ज्यादा रामभक्त जरूर भाग ले यह कमेटी का आग्रह होगा। बताया की शोभायात्रा गाजा बाजे के साथ मल्लागुड़ी हनुमान मंदिर से पूजा के साथ प्रारंभ होगी। उसके बाद स्टेशन मोड़,गुरुंग बस्ती मोड़ होते हुए एयरभिव्यू मोड़ से गुरुद्वारा होते हुए पानीटंकी मोड़ पहुंचेगी। वहां से विधान मार्केट रोड होता हुआ वीनस मोड़ पहुंचेगी। वहां से हिलकार्ट रोड होता हुआ एयरभिव्यू मोड़ से वर्दमान रोड होकर जलपाईमोड़ पहुंचेगी। वहां से स्टेशन फीडर रोड होकर हिंदी हाई स्कूल में संपन्न होगी। इस शोभायात्रा में उत्साही रामभक्त किसी प्रकार के अस्त्र शस्त्र का उपयोग नहीं करें। बताये नियमों का पालन करते हुए श्री राम प्रभु के चरणों में अपना योगदान दे। रामोत्सव कार्यक्रमों की शुरुआत नववर्ष प्रतिपदा यानी नौ अप्रैल 2024 के दिन से शुरू होगी और अगले 15 दिनों तक चलती रहेगी। 24 अप्रैल हनुमान जयंती के दिन इन कार्यक्रमों का समापन होगा। इस दौरान सभी मंदिरों में पूजा-पाठ, राम की आरती, सुंदरकांड का पाठ, रामधुन कीर्तन और अन्य कार्यक्रम किए जाएंगे। भगवान राम की जन्मस्थली और राम मंदिर होने के कारण अयोध्या के रामोत्सव कार्यक्रम को सबसे प्रमुख कहा जा सकता है। भक्तों की सुविधा के लिए अयोध्या के रामोत्सव कार्यक्रम को सजीव दिखाने की भी कोशिश की जाएगी। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के प्रवक्ता सुशील रामपुरिया ने बताया कि रामनवमी पर रामोत्सव कार्यक्रम का आयोजन संगठन की वार्षिक गतिविधि में शामिल है, लेकिन इस वर्ष अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के कारण इसे और भव्य बनाने का निर्णय लिया गया है। अकेले भारत में ही 70 हजार से अधिक स्थानों पर रामोत्सव कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। चूंकि, भगवान राम सबके आराध्य हैं, इस कार्यक्रम के जरिए देश के हर धर्म-संप्रदाय और वर्गों को जोड़ने की कोशिश की जाएगी। रामनवमी को हर वर्ग के पूजास्थलों में राम जन्मोत्सव मनाए जाने की योजना है। इनके जरिए समाज के हर वर्ग को एक सूत्र में पिरोने की कोशिश की जाएगी। रामपुरिया ने कहा कि इनके माध्यम से हम देश के मतदाताओं से भी अपील करेंगे कि वे आगामी चुनावों में ऐसे राजनीतिक दल को वोट दें, जो राष्ट्रीय एकता, अखंडता और सनातन धर्म के विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर करें। विहिप की केंद्रीय प्रबंध समिति और प्रन्यासी मंडल की अयोध्या में हुई बैठक (25-27 फरवरी) में इससे संबंधित प्रस्ताव पारित किए गए थे।
हाबड़ा में शोभायात्रा को नहीं मिल रही अनुमति, कोर्ट जाने की तैयारी
हावडा (बंगाल) प्रतिवर्ष रामनवमी के निमित्त से यहां के प्रखर हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन ‘अंजनी पुत्र सेना’ की ओर से भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया जाता है । इस वर्ष 17 अप्रैल को रामनवमी है और उस दिन भी शोभायात्रा का आयोजन किया गया है । ऐसा होते हुए भी बंगाल पुलिस द्वारा इसपर आपत्ति उठाई गई है । पुलिस ने बताया कि यात्रा के मार्ग में परिवर्तन करने पर ही अनुमति दी जाएगी । साथही केवल 200 लोगों को ही यात्रा में सहभागी होने की अनुमति दे पाएंगे । इसके विरुद्ध ‘अंजनी पुत्र सेना’ कोलकाता उच्च न्यायालय में याचिका प्रविष्ट करनेवाली है, ऐसी जानकारी सेना के संस्थापक सचिव सुरेंद्र कुमार वर्मा ने ‘सनातन प्रभात’ के प्रतिनिधि से वार्तालाप करते समय दी । इस संदर्भ में हावडा क्षेत्र के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त के. साबरी राज कुमार से संपर्क करने पर उन्होंने चुनाव बैठक का कारण देकर इसपर उत्तर देना टाल दिया । पीछले वर्ष की रामनवमी शोभायात्रा के समय धर्मांध मुसलमानों ने यात्रा में सहभागी हिन्दुओं पर आक्रमण किया था । वर्मा ने हमारे प्रतिनिधि को बताया कि बंगाल पुलिस हिन्दुओं की रक्षा करने में असफल रही है । सत्य तो यह है कि उनको हिंसाचार रोकना चाहिए । ऐसा न कर वह हिन्दुओं को ‘जीटी रोड’ मार्ग से यात्रा निकालने के स्थान पर जहां लोगों की बस्ती नहीं है, ऐसे ‘फोरसोर रोड’ मार्ग से यात्रा ले जाने के लिए बता रही है । साथही हमें आचारसंहिता का कारण भी दिया जा रहा है। वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनावों के समय भी हमें शोभायात्रा के लिए अनुमति दी गई थी । पीछले 10 वर्षों से हम इस यात्रा का आयोजन कर रहे हैं । पहले वर्ष में ही 2 सहस्र हिन्दू सहभागी हुए । पीछले कुछ वर्षों में यह संख्या 50 सहस्रों से भी अधिक हुई । ऐसा होते हुए भी हमें केवल 200 हिन्दुओं को लेकर ही यात्रा निकालने का आदेश दिया गया है । इसके विरुद्ध हम कोलकाता उच्च न्यायालय में याचिका प्रविष्ट करनेवाले हैं । हमें न्यायालय पर विश्वास है ।क्या हुआ था गतवर्ष की रामनवमी को ?हावडा के शिवपुर में श्रीरामनवमी के दिन अर्थात 30मार्च 2023 की सायंकाल में निकाली शोभायात्रा पर धर्मांध मुसलमानों ने पथराव किया और बडी मात्रा में आग भी लगाई थी । दूसरे दिन भी वहां के हिन्दुओं के घरों पर पथराव किया गया । दोनों समय पुलिस तथा अर्धसैनिकी दल का प्रबंध होते हुए भी धर्मांध मुसलमान हिंसाचार कर रहे थे । उन्होंने इस समय पुलिस के वाहन भी जलाएं थे । बंगाल पुलिस से उचित कायर्वाही नहीं हो रही थी, इसलिए यह मामला न्यायालय ने राष्ट्रीय अन्वेषण तंत्र को सौंपा था । एन्.आई.ए. ने इस मामले में 26फरवरी 2024 को 16धर्मांध मुसलमानों को बंदी बनाया है ।तृणमूल कांग्रेस की सत्तावाले बंगाल में इससे अलग क्या होगा ? अयोध्या में श्री रामलल्ला के विराजित होने पर भी उनके राष्ट्र में हिन्दुओं को उनकी ही शोभायात्रा निकालने के लिए अनुमति नहीं मिलती, यह हिन्दुओं के लिए लांच्छनास्पद ! इसपर रामराज्य अर्थात हिन्दू राष्ट्र स्थापित करना, यही एकमात्र विकल्प है, यह समझ लें। इस प्रकार कानून का धाक दिखाने पर प्रश्न उठता है कि, हावडा भारत में है या पाकिस्तान में ?। रिपोर्ट अशोक झा

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