श्रीरूपा मित्रा चौधरी जो मालदा दक्षिण में बन गई महिलाओं की आवाज
-निर्भया दीदी के रूप में बना चुकी है अपनी पहचान, वोटर का मिल रहा प्यार
सिलीगुड़ी: उत्तर बंगाल में भाजपा ने मालदा दक्षिण लोकसभा सीट से श्रीरूपा मित्रा चौधरी को उम्मीदवार बनाया है। उनके प्रचार ने जनता का ध्यान खींचा है, जिसने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) को भी परेशान कर दिया है। मालदा जिले के कालियाचक में एक रैली को संबोधित करते हुए टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने भी श्रीरूपा मित्रा चौधरी की आलोचना की और उन्हें बेहया (बेशर्म) कह दिया। निर्भया दीदी के नाम से मशहूर हैं भाजपा उम्मीदवार: राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने राज्य के पुलिस महानिदेशक को एक पत्र लिखकर भाजपा उम्मीदवार (निर्भया दीदी के नाम से मशहूर हैं) के खिलाफ टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी की कथित अपमानजनक टिप्पणियों पर कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है।
मालदा के इंग्लिश बाजार विधानसभा क्षेत्र से मौजूदा भाजपा विधायक श्रीरूपा मित्रा चौधरी कांग्रेस की ईशा खान चौधरी और टीएमसी के शाहनवाज अली रैहान के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं। कांग्रेस उम्मीदवार मौजूदा सांसद अबू हासेम खान चौधरी के बेटे हैं, जो 2009 से सीट जीत रहे हैं। डालू दा के नाम से मशहूर वह पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता ए बी ए गनी खान चौधरी के भाई हैं। वहीं टीएमसी उम्मीदवार एक ऑक्सफोर्ड स्कॉलर हैं जो नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ एक प्रमुख आवाज थे।
वीमेन राइट्स एक्टिविस्ट हैं श्रीरूपा मित्रा
श्रीरूपा मित्रा चौधरी एक पूर्व पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता और वीमेन राइट्स एक्टिविस्ट हैं। 2004 में उन्होंने राष्ट्रीय कानूनी साक्षरता मिशन के शुभारंभ में भाग लिया। 2008 में उन्होंने कानून और न्याय मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण के राष्ट्रीय सलाहकार के रूप में कार्य किया। 2012 के दिल्ली सामूहिक बलात्कार के बाद उन्होंने पूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह द्वारा महिलाओं के खिलाफ बलात्कार, तस्करी और हिंसा पर गठित विशेष टास्क फोर्स की अध्यक्षता की।
श्रीरूपा मित्रा चौधरी ने कहा, “मैंने ‘निर्भया ग्राम (निर्भय गांव)’ पहल शुरू की थी, जो महिलाओं की गरिमा की रक्षा के लिए एक सामाजिक आंदोलन था। इस पहल को खूब सराहा गया और लोगों ने मुझे ‘निर्भया दीदी’ नाम दिया। आज अधिक लोग मुझे मेरे असली नाम से ज्यादा निर्भया दीदी के नाम से जानते हैं।”
फिर श्रीरूपा मित्रा चौधरी बीजेपी में शामिल हो गईं और 2019 के लोकसभा चुनाव में वह मालदा दक्षिण से 8,000 से अधिक वोटों से हार गईं। फिर 2021 के विधानसभा चुनावों में वह इंग्लिश बाज़ार से जीतीं जो मालदा लोकसभा सीट का हिस्सा है। एक अनोखे अभियान के तहत निर्वाचन क्षेत्र को गुलाबी होर्डिंग्स और तख्तियों से भर दिया गया है। जहां कुछ में श्रीरूपा मित्रा चौधरी की तस्वीर के साथ पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की तस्वीरें हैं, वहीं अन्य में पीएम मोदी और उनकी तस्वीरें हैं। सभी गुलाबी तख्तियों पर ‘वोट फॉर निर्भया दी’ लिखा हुआ है।।श्रीरूपा मित्रा चौधरी ने कहा, “हमने अपनी थीम के रूप में गुलाबी रंग को चुना है, क्योंकि यह महिलाओं की शक्ति का प्रतीक है। हमने गुलाबी पंपलेट, पोस्टर, बैनर, होर्डिंग्स और तख्तियां बनाई हैं। ‘वोट फॉर निभाया दी’ का मतलब महिलाओं की सुरक्षा, संरक्षा और संरक्षण के लिए मतदान करना है।”
मालदा दक्षिण लोकसभा कांग्रेस के गढ़ के रूप में जाना जाता है, लेकिन भाजपा उम्मीदवार के अभियान ने लोगों का ध्यान खींचा है। मालदा के एक टीएमसी नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “उनकी प्रचार शैली ने उन लोगों का ध्यान खींचा है जो उनके ब्रांड की राजनीति से संबंधित हैं। महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ने के उनके पिछले अनुभव ने उन्हें अपने प्रतिद्वंद्वियों पर बढ़त दिला दी है, इसलिए इस बार एक कठिन मुकाबला होने जा रहा है।” 23 अप्रैल को मालदा शहर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रोड शो के साथ उनका प्रचार किया है। शुक्रवार को पीएम मोदी ने भी एक सभा की। मालदा दक्षिण में तीसरे चरण में 7 मई को मतदान होना है। कमजोर हो रहा कांग्रेस का गढ़:
गनी खान चौधरी का नाम अब भी यहां चलता है। इसी कारण इसे कांग्रेस का गढ़ कहते हैं। इस मिथक को भाजपा के कुशल रणनीतिकारों ने ध्वस्त कर दिया। पिछली बार उतरे उनके भतीजे ईशा खान ने इस बार सीट बदलकर दक्षिण मालदा कर ली। उनकी भतीजी मौसम भी यहां से प्रत्याशी थी, लेकिन इस बार इस सीट पर गनी परिवार का कोई नहीं है।
वोटर के मन में मोदी-दीदी दोनों: बस स्टैंड के सामने चाय की दुकान चलाने वाले दीपक सिंह ने मोदी का कैलेंडर टांग रखा है। बोले, मोदी की बात पसंद है। ममता की लोकप्रिय लक्ष्मी भंडार जैसी कल्याणकारी योजनाओं के जिक्र पर कहते हैं- दीदी हमसे पैसा लेकर हमको ही तो देती है। रिपोर्ट अशोक झा