बिहार बंगाल सोना तस्करी का सरगना गिरफ्तार

 बिहार किशनगंज के किंगपिन को अबतक जमानत नहीं
– घंटो हुई बहस के बाद आखिरकार कोर्ट से मिली जमानत
सिलीगुड़ी: बिहार -बंगाल सोना तस्करी मामले में
केंद्रीय राजस्व खुफिया विभाग के अधिकारियों ने सोना तस्करी गिरोह के सरगना को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी है सुमन कर्मकार है। कूचबिहार जिले का दिनहाटा का निवासी है। केंद्रीय राजस्व खुफिया अधिकारियों ने उन्हें बुधवार रात पूछताछ के लिए अपने सिलीगुड़ी कार्यालय में बुलाया। बाद में पूछताछ में विसंगतियों के कारण उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। आज सिलीगुड़ी कोर्ट में काफी देर तक बहस के बाद साक्ष्य के अभाव में आखिरकार देर शाम जमानत दी गई। डीआरआई सूत्रों और सरगना के बचाव पक्ष वकील अखिल विश्वास से मिली जानकारी के अनुसार बीते माह 11 अप्रैल को डीआरआई की टीम ने सिलीगुड़ी में बिहार के एक बड़े सोना तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ किया था। तस्करों से मिली जानकारी के आधार पर डीआरआई टीम ने कूचबिहार के पुंडीबारी निवासी विधुभूषण रॉय, बिहार के किशनगंज निवासी दिनेश पारेख और मनोज कुमार सिन्हा को गिरफ्तार कर लिया। उनसे पूछताछ के बाद केंद्रीय राजस्व खुफिया विभाग के अधिकारियों ने इस प्रमुख सरगना के बारे में जानकारी मिलने पर सुमन कर्मकार को गिरफ्तार कर लिया। इस दिन आरोपी को सिलीगुड़ी कोर्ट में पेश किया गया। सोना तस्करी मामले में डीआरआई की टीम द्वारा सोना तस्करी में पकड़े गए तीन आरोपियों में किशनगंज बिहार के दो निवासी थे। इसमें एक मारवाड़ी युवा मंच का अध्यक्ष दिनेश पारीक है। सोना तस्करी मामले में गुरुवार को ही एक कार (डब्ल्यू बी 74 एएच 4737) से सिलीगुड़ी रुपया लेकर सोना लेने आ रहा था। इसके बाद डीआरआई की टीम डिलीवरी के स्थान सिलीगुड़ी के जलपाई मोड़ पर पहुंची। वहीं कार में बैठे किशनगंज के दिनेश पारीक और मनोज सिन्हा को दबोच लिया। आज फिर से सिलीगुड़ी अतरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश अनिता मल्होत्रा के कोर्ट में पेश किया गया। जहां दोनों की जमानत याचिका को रद्द कर दिया गया। उसके बाद लगातार अपने रसूख के बल पर दोनों आरोपितों ने जमानत के लिए एड़ी चोटी का दम लगा रहे है। परंतु जमानत तो अबतक नहीं मिली दोनों ही जेल की हवा खा रहे है। किशनगंज के धंधेबाज का क्या है कनेक्शन , यह था पूरा मामला : कोर्ट में डीआरआई के वकील रतन वनिक ने बताया सोना तस्करी मामले में गिरफ्तार तीन लोगों में एक किशनगंज के मारवाड़ी युवा मंच का अध्यक्ष दिनेश पारीक भी है। दिनेश पारीक लंबे समय से गोल्ड तस्करी करते आ रहा था। गुरुवार को तस्करी का सोना लाने के लिए एक कार से सिलीगुड़ी आया था। इसी दौरान डीआरआई की टीम ने दिनेश पारीक को गिरफ्तार कर लिया। इसका सबसे बड़ा सबूत है की 9 अप्रैल को दिनेश पारीक ने सोना तस्कर कूचबिहार निवासी बिदुभूषण राय से 12 बार बात की है। जिसका पूरा ब्योरा डीआरआई के पास है। डीआरआई को गोल्ड तस्करी को लेकर टीम को मिली थी सूचना: दरअसल, डीआरआई की टीम को सिलीगुड़ी में गोल्ड तस्करी की सूचना मिली थी. इसके बाद अलग-अलग टीम बनाई गई। टीम तस्करों का इंतजार करने लगी. इसी दौरान सिलीगुड़ी जंक्शन इलाके से बंगाल के कूचबिहार निवासी बिदुभूषण राय नाम के एक व्यक्ति को टीम ने पकड़ा. उसे टीम डीआरआई के स्थानीय कार्यालय कॉलेज पारा डे भवन ले गई। यहां पूछताछ शुरू की गई। उसकी तलाशी ली गई तो कमर में बेल्ट से 12 गोल्ड बिस्किट मिले। वह गोल्ड को छुपा कर कूचबिहार से सिलीगुड़ी ले आया था और किशनगंज के दिनेश पारीक को देना था। पूछताछ में बिदूभूषण ने और दो लोगों के नाम का खुलासा किया। दोनों बिहार के किशनगंज के रहने वाले हैं। बताया कि दोनों गुरुवार को ही एक कार (डब्ल्यू बी 74 एएच 4737) से सिलीगुड़ी रुपया लेकर सोना लेने आ रहा हैं। इसके बाद डीआरआई की टीम डिलीवरी के स्थान सिलीगुड़ी के जलपाई मोड़ पर पहुंची। वहीं कार में बैठे किशनगंज के दिनेश पारीक और मनोज सिन्हा को दबोच लिया। कार की डिक्की में छुपाकर रखे थे लाखों रुपये: कार की तलाशी ली गई तो रुपया बरामद नहीं मिला। गाड़ी के मैकेनिक को बुलाकर बारीकी से जांच कराई गई तो कार में डिक्की के नीचे से 80 लाख 50 हजार रुपये बरामद हुए। इसके बाद टीम ने दिनेश व मनोज को गिरफ्तार कर लिया। सोने की कीमत एक करोड़ रुपये से अधिक: पूछताछ में कूच बिहार के तस्कर बिदुभूषण ने टीम को बताया कि गोल्ड बिस्किट को बांग्लादेश से तस्करी कर सिलीगुड़ी लाया था। किशनगंज के दोनों तस्करों को रुपया लेकर गोल्ड देना था। गोल्ड का वजन एक किलो 450 ग्राम है। इसका अनुमानित मूल्य एक करोड़ तीन लाख रुपये के आसपास है। डीआरआई एडवोकेट रतन बनिक ने बताया कि गिरफ्तार तस्करों से जांच में और कई खुलासा होंगे जिसके आधार पर और भी गिरफ्तारी होगी। रिपोर्ट अशोक झा

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